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जीवित बची देविका ने 26/11 मुंबई आतंकी हमले को किया याद

© AP Photo / Altaf QadriIn this Nov. 29, 2008 file photo, smoke emits from the Taj Mahal Hotel in Mumbai, India.
In this Nov. 29, 2008 file photo, smoke emits from the Taj Mahal Hotel in Mumbai, India. - Sputnik भारत, 1920, 26.11.2023
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26 नवंबर 2008 को मुंबई पर आतंकी हमला हुआ था, जिसमें कम से कम 166 लोगों की मौत हुई। इस भीषण घटना की बरसी को याद करते हुए Sputnik India ने आतंकी हमले में जीवित बची से बात की।
मुंबई आतंकी हमले में जीवित बची देविका ने कहा, “कोई भी अच्छी तरह से कल्पना कर सकता है कि जब नौ साल की बच्ची पुरुषों को निर्दोष लोगों पर अंधाधुंध गोलियां चलाते हुए देखती है, तो समझ में नहीं आया था कि क्या हो रहा है।"
घटना को याद करते हुए देविका ने Sputnik India को बताया कि यह मुंबई में उनकी दूसरी शाम थी जब वे अपने परिवार के साथ पुणे जाने के लिए छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (सीएसटी) पहुंची थी। अचानक बंदूक लिए कुछ लोग घटनास्थल पर आये और लोगों पर गोलीबारी करने लगे।

देविका ने कहा, “क्या घटित हो रहा है, यह समझने के लिए मैं बहुत छोटी थी और जल्द ही मुझे भी मेरे दाहिने पैर में गोली लग गई। गोली आर-पार हो गई और रेलवे स्टेशन पर मुझे लगभग मृत अवस्था में छोड़ दिया गया था”। अब देविका 24 वर्ष की हैं और वे स्नातक होने वाली हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या वे उस घटना को भूल गई हैं जिसमें सैकड़ों लोग मारे गए थे, देविका ने कहा: "मैं इसे भूलना नहीं चाहती। अगर मैं इसे अपने दिमाग से निकाल सकूं, तो मैं आतंकवादियों को माफ कर सकूँगी, जो अभी भी निर्दोषों को नुकसान पहुंचाने की योजना बना रहे हैं"।
© AP Photo / David GuttenfelderAn Indian soldier takes cover as the Taj Mahal hotel burns during gun battle between Indian military and militants inside the hotel in Mumbai, India, Nov. 29, 2008.
An Indian soldier takes cover as the Taj Mahal hotel burns during gun battle between Indian military and militants inside the hotel in Mumbai, India, Nov. 29, 2008. - Sputnik भारत, 1920, 26.11.2023
An Indian soldier takes cover as the Taj Mahal hotel burns during gun battle between Indian military and militants inside the hotel in Mumbai, India, Nov. 29, 2008.
उन्होंने आगे कहा, “26-29 नवंबर 2008 के मुंबई आतंकी हमलों ने मेरी शिक्षा को भी प्रभावित किया।” देविका के अनुसार तरह-तरह के स्कूलों ने सुरक्षा कारणों से उन्हें प्रवेश देने से इनकार कर दिया था।

उन्होंने कहा, “यह एक वास्तविक सामाजिक बहिष्कार था, चाहे स्कूल हों या रिश्तेदार, कोई भी नहीं चाहता था कि मैं अपने परिवार के अतिरिक्त उनके साथ रहूँ, जिसमें मेरे पिता और भाई भी सम्मिलित थे (मैंने अपनी माँ को पहले ही खो दिया था)।”

इस बीच, मनमोहन सिंह की सरकार में तत्कालीन गृह राज्य मंत्री शकील अहमद ने कहा, "यह डरावना था।"
Sputnik India से बात करते हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यह भयानक था, लेकिन उस समय की सरकार ने तुरंत प्रतिक्रिया दी और स्थिति को नियंत्रण में लाया गया।

उन्होंने कहा, ''नुकसान तब हुआ जब उन्होंने हमारे होटलों, रेलवे स्टेशन और अन्य स्थानों पर बमों और अंधाधुंध गोलाबारी से हमला किया"। मंत्री ने कहा कि उन्हें अब भी याद है कि यह कितना अविश्वसनीय था।

उन्होंने कहा, "जब हमले की खबर आई, तो हमने सोचा कि यह कुछ स्थानीय अपराधी थे जो आपस में गोलीबारी कर रहे थे, लेकिन जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि यह एक आतंकी हमला था और सरकार और उसकी एजेंसियों ने तदनुसार प्रतिक्रिया दी।"
यह पूछे जाने पर कि देश को ऐसे हमलों से खुद को बचाने के लिए क्या करना चाहिए, पूर्व मंत्री ने कहा कि देश को सतर्क रहना चाहिए, मुख्यतः तब जब उसके "शत्रु पड़ोसी" ही हैं।

उन्होंने कहा, "हम महात्मा गांधी का देश हैं और एक शांतिप्रिय देश के रूप में हम किसी भी पर हमला नहीं करते हैं, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि हम अपने हितों की रक्षा नहीं करेंगे।"

उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा कि भारत को अमित्र पड़ोसियों को छोड़कर सभी पड़ोसियों के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का प्रयास करनी चाहिए।
In this Nov 17, 2018, photo, a man feeds pigeons outside the iconic Taj Mahal Palace hotel, the epicenter of the 2008 terror attacks that killed 166 people in Mumbai, India. - Sputnik भारत, 1920, 26.11.2023
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