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भारत के एस्ट्रोसैट ने अंतरिक्ष में ताकतवर 600वें मेगा विस्फोट का लगाया पता
भारत के एस्ट्रोसैट ने अंतरिक्ष में ताकतवर 600वें मेगा विस्फोट का लगाया पता
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भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा 2015 में भेजे गए पहले मल्टी-वेवलेंथ स्पेस टेलीस्कोप एस्ट्रोसैट ने अपने 600 वें गामा-रे बर्स्ट (GRB) का सफलतापूर्वक पता लगाया, जिसका नाम जीआरबी 231122बी रखा गया है।
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भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा 2015 में भेजे गए पहले मल्टी-वेवलेंथ स्पेस टेलीस्कोप एस्ट्रोसैट ने अपने 600वें गामा-रे बर्स्ट (GRB) का सफलतापूर्वक पता लगाया, जिसका नाम जीआरबी 231122बी रखा गया है, भारतीय मीडिया ने कहा।इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने मीडिया से कहा कि एस्ट्रोसैट के कैडमियम जिंक टेल्यूराइड इमेजर (CJDTI) ने इन ब्रह्मांडीय घटनाओं को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। अंतरिक्ष में यह खोज इसरो द्वारा भेजे गए यान एस्ट्रोसैट की क्षमता को दिखाती है। वैज्ञानिक समुदाय ने एस्ट्रोसैट के योगदान को व्यापक रूप से मान्यता दी है, इसके डेटा के आधार पर 400 से अधिक सहकर्मी-समीक्षित शोध लेख प्रकाशित हुए हैं।
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भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का एस्ट्रोसैट, एस्ट्रोसैट ने 600वें मेगा विस्फोट का लगाया पता,विस्फोट का नाम जीआरबी 231122बी,मल्टी-वेवलेंथ स्पेस टेलीस्कोप एस्ट्रोसैट,astrosat of india's space agency isro, astrosat detected the 600th mega explosion, name of the explosion is grb 231122b, multi-wavelength space telescope astrosat
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो का एस्ट्रोसैट, एस्ट्रोसैट ने 600वें मेगा विस्फोट का लगाया पता,विस्फोट का नाम जीआरबी 231122बी,मल्टी-वेवलेंथ स्पेस टेलीस्कोप एस्ट्रोसैट,astrosat of india's space agency isro, astrosat detected the 600th mega explosion, name of the explosion is grb 231122b, multi-wavelength space telescope astrosat
भारत के एस्ट्रोसैट ने अंतरिक्ष में ताकतवर 600वें मेगा विस्फोट का लगाया पता
ब्रह्मांड में गामा-किरण विस्फोट सबसे अधिक शक्तिशाली माने जाते हैं। माना जाता है कि इनके विस्फोट के बाद ब्लैक होल का निर्माण होता है। इस तरह के विस्फोटों में बहुत अधिक मात्रा में ऊर्जा निकलती है।
भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो द्वारा 2015 में भेजे गए पहले मल्टी-वेवलेंथ स्पेस टेलीस्कोप एस्ट्रोसैट ने अपने 600वें गामा-रे बर्स्ट (GRB) का सफलतापूर्वक पता लगाया, जिसका नाम जीआरबी 231122बी रखा गया है, भारतीय मीडिया ने कहा।
खगोलविदों के बीच यह बहुत महत्वपूर्ण घटना मानी जाती है, क्योंकि इससे चरम वातावरण और
ब्रह्मांड को नियंत्रित करने वाली भौतिकी के बारे में समझा जा सकता है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ बॉम्बे के शोधकर्ताओं ने मीडिया से कहा कि एस्ट्रोसैट के कैडमियम जिंक टेल्यूराइड इमेजर (CJDTI) ने इन
ब्रह्मांडीय घटनाओं को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
अंतरिक्ष में यह खोज इसरो द्वारा भेजे गए यान एस्ट्रोसैट की क्षमता को दिखाती है। वैज्ञानिक समुदाय ने एस्ट्रोसैट के योगदान को व्यापक रूप से मान्यता दी है, इसके डेटा के आधार पर 400 से अधिक सहकर्मी-समीक्षित शोध लेख प्रकाशित हुए हैं।