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सीमा पर स्थिति के बावजूद भारत-चीन के बीच व्यापार जारी है: विशेषज्ञ

© AP Photo / Mukhtar KhanA glacier sits on a mountaintop on the way to remote Kharnak village in the cold desert region of Ladakh, India, Saturday, Sept. 17, 2022.
A glacier sits on a mountaintop on the way to remote Kharnak village in the cold desert region of Ladakh, India, Saturday, Sept. 17, 2022. - Sputnik भारत, 1920, 01.12.2023
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भारत और चीन के मध्य पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर स्थिति तीन वर्ष से अधिक समय से मुश्किल रही है, जबकि दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई क्षेत्रों से वापसी पूरी कर ली है।
चीन के राष्ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता वरिष्ठ कर्नल वू कियान ने गुरुवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पूर्वी लद्दाख में लंबे समय से चले आ रहे गतिरोध पर एक प्रश्न का उत्तर देते हुए कहा कि भारत-चीन सीमा पर तत्कालिक स्थिति सामान्यतः स्थिर बनी हुई है।

"चीनी सेना भारतीय समकक्ष के साथ अपने संबंधों को महत्व देती है। दोनों पक्षों ने राजनयिक और सैन्य चैनलों के माध्यम से संचार बनाए रखा है और पश्चिमी क्षेत्र में शेष मुद्दों को हल करने में लगातार प्रगति की है," उन्होंने कहा।

गतिरोध को हल करने के लिए अब तक हुई कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के 20 दौर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि यह वार्ता सीमा नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण मंच बन गई क्योंकि इसके परिणामस्वरूप गलवान घाटी, पैंगोंग झील और हॉट स्प्रिंग्स सहित चार क्षेत्रों में सैनिकों की वापसी हुई।
दरअसल कोर कमांडर स्तर की वार्ता का अंतिम दौर 9-10 अक्टूबर को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के भारतीय पक्ष में चुशुल-मोल्डो सीमा बैठक बिंदु पर आयोजित किया गया था।
इस मध्य, गुरुवार को भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र की 28वीं बैठक में दोनों देशों के प्रतिनिधियों ने बाकी मुद्दों को हल करने और पूर्वी लद्दाख में सेना को हटाने के प्रस्तावों पर चर्चा की। इसके दौरान वे सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखने, स्थिर हालात सुनिश्चित करने और किसी भी अप्रिय घटना से बचने पर सहमत हुए।

"दोनों पक्षों ने उद्देश्य प्राप्त करने के लिए जल्द से जल्द वरिष्ठ कमांडरों की बैठक का अगला दौर आयोजित करने का निर्णय किया और जमीन पर स्थिर स्थिति सुनिश्चित करने और किसी भी तरह की अप्रिय घटना स्थिति से बचने की आवश्यकता पर सहमति व्यक्त की गई," भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने एक बयान में कहा।

हालाँकि, कोर कमांडर स्तर की अगले दौर की वार्ता का कोई नियत तारीख के बारे में जानकारी नहीं दी गई। ऐसे में Sputnik India ने भारत में रक्षा मामलों के जानकार कमर आग़ा से बात की।

"भारत की नीति बातचीत के माध्यम से मुद्दों को हल करने की है और युद्ध नहीं चाहता। <...> इसलिए दोनों देशों के बीच बराबर बातचीत चल रही है, कुछ जगहों पर खाली हुआ है और कुछ जगहों पर अभी सैनिक तटस्थ जमे हुए हैं," आग़ा ने कहा।

इसके अतिरिक्त विशेषज्ञ ने रेखांकित किया कि "चीन के साथ भारत का व्यापार तो जारी रहा, लेकिन <...> देशों की जो समस्या थी उसका [पूरा] समाधान भी नहीं हुआ। <...> हालांकि बातचीत जारी है।"
दरअसल भारत और चीन के बीच दोतरफा व्यापार 58.11 अरब डॉलर है। चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही के दौरान चीन को निर्यात 7.74 अरब डॉलर का है जबकि चीन से आयात 50.47 अरब डॉलर है।
Indian army vehicles move in a convoy in the cold desert region of Ladakh, India - Sputnik भारत, 1920, 27.11.2023
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