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रिकॉर्ड निलंबन के बाद भारतीय संसद में कितने विपक्षी सांसद बचे हैं?

© AP Photo / Manish SwarupA statue of Mahatma Gandhi sits between the old and new Parliament House on the opening day of the monsoon session of the Indian parliament, in New Delhi, India
A statue of Mahatma Gandhi sits between the old and new Parliament House on the opening day of the monsoon session of the Indian parliament, in New Delhi, India - Sputnik भारत, 1920, 19.12.2023
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सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को मंगलवार को संसद के किसी भी सदन में लगभग किसी भी विपक्ष का सामना नहीं करना पड़ा, क्योंकि लोक सभा में सोमवार को 33 सदस्यों को निष्कासित कर दिया गया और मंगलवार को सुबह 49 और सदस्यों को निलंबित कर दिया गया।
अब तक राज्य सभा समेत कुल 141 सांसद निष्काषित हो चुके हैं। इस शीतकालीन सत्र में अभी भी तीन दिन बाकी हैं, जो अगले साल के आम चुनाव से पहले संसद की अंतिम पूर्ण बैठक होगी।

वास्तव में कितने विपक्षी सांसद बचे हैं?

लोक सभा में 300 से ज्यादा सांसद या तो भाजपा या सहयोगी पार्टी के साथ हैं। आज के निलंबन को मिलाकर, अब निचले सदन में लगभग 100 विपक्षी सांसद ही बचे हैं।
वहीं राज्य सभा में सत्ता पक्ष से सवाल पूछने के लिए सिर्फ 100 से भी कम विपक्षी सांसद बचे हैं।
बचे हुए कई विपक्षी विधायक आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ वाईएसआर कांग्रेस पार्टी और ओडिशा में सत्ताधीन बीजू जनता दल जैसे राजनीतिक दलों से हैं, जिन्होंने विभिन्न मुद्दों पर भाजपा का समर्थन किया है, जिसमें सत्तारूढ़ दल के पास संख्या नहीं होने पर भी विधेयकों को पारित करना शामिल है।

लोक सभा वेबसाइट के मुताबिक, आज के एजेंडे में केंद्रीय मंत्री निर्मला सीतारमण और हरदीप सिंह पुरी दो विधेयक पेश कर रहे हैं। राज्यसभा में "...सरकारी कामकाज के किसी भी मद पर विचार" को छोड़कर, जो सोमवार को पूरा नहीं हुआ था, कोई सूचीबद्ध कामकाज नहीं है।

इस सत्र में संसद से बाहर किए गए प्रमुख चेहरों में कांग्रेस के शशि थरूर और कार्ति चिदंबरम, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) की सुप्रिया सुले, समाजवादी पार्टी की डिंपल यादव और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला शामिल हैं।
सोमवार को लोक सभा में कांग्रेस के दो शीर्ष नेता अधीर रंजन चौधरी और गौरव गोगोई को अनुचित व्यवहार के लिए सदन से बाहर कर दिया गया।

सुरक्षा उल्लंघन पर विरोध प्रदर्शन

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विरोध प्रदर्शनों के लिए विपक्ष की आलोचना की, और घोषणा की कि पिछले महीने पांच राज्यों के चुनावों के बाद हिंदी भाषी राज्यों में हार की हैट्रिक से वह बौखला गई है, जिसे व्यापक रूप से 2024 के लोक सभा चुनाव से पहले 'सेमीफाइनल' के रूप में देखा गया था।
गौरतलब है कि पिछले सप्ताह संसद सुरक्षा उल्लंघन पर जोरदार विरोध प्रदर्शन के बीच बड़े पैमाने पर निलंबन हुआ। विपक्ष ने मांग की है कि या तो प्रधानमंत्री मोदी या गृह मंत्री अमित शाह सदन में बयान देकर बताएं कि इतनी बड़ी गलती कैसे और क्यों हुई, विशेष रूप से पुराने संसद भवन पर आतंकवादी हमले की 22वीं बरसी पर जिसमें नौ लोग मारे गए थे।
बता दें कि पिछले सप्ताह दो लोगों ने लोक सभा के अंदर पीले धुएं के डिब्बे फोड़े, और दो अन्य व्यक्तियों ने नए संसद भवन के बाहर लाल और पीले धुएं के डिब्बे फोड़े।
हालाँकि इन चारों से अब दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल पूछताछ कर रही है। कथित मास्टरमाइंड ललित झा सहित दो अन्य भी हिरासत में हैं और उन पर आतंकवाद विरोधी कानून गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत आरोप लगाए गए हैं।
सरकार ने इस घटना पर जोर देकर कहा है कि यह प्रधानमंत्री या गृह मंत्री के औपचारिक बयान के लायक नहीं है। संसद परिसर की सुरक्षा का प्रभारी लोक सभा सचिवालय ने कहा है कि एक "उच्चाधिकार प्राप्त समिति" उल्लंघन की जांच कर रही है और इसकी पूरी रिपोर्ट सभी सांसदों को उपलब्ध कराई जाएगी।
Picture from inside the Lok Sabha where yellow gas canister was unleashed by the unidentified young men - Sputnik भारत, 1920, 13.12.2023
राजनीति
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