भारत-रूस संबंध
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केंद्रीय जहाजरानी मंत्री ने EMC के संचालन के लिए भारत-रूस कार्यशाला का उद्घाटन किया

© Photo : Social MediaIndian Union Shipping Minister Sarbananda Sonwal launched the Trade Facilitation Workshop on India-Russia Operation of the Eastern Sea Corridor in Chennai.
Indian Union Shipping Minister Sarbananda Sonwal launched the Trade Facilitation Workshop on India-Russia Operation of the Eastern Sea Corridor in Chennai.  - Sputnik भारत, 1920, 24.01.2024
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वर्तमान में, भारत और रूस के बीच अधिकांश व्यापार पश्चिमी समुद्री मार्ग से होता है, जो स्वेज नहर और बाल्टिक सागर के माध्यम से भारत के पश्चिमी तट और सेंट पीटर्सबर्ग को जोड़ता है।
केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने बुधवार को चेन्नई और पूर्वी तट पर अन्य बंदरगाहों को व्लादिवोस्तोक और रूस के सुदूर पूर्वी बंदरगाहों से जोड़ने वाले पूर्वी समुद्री गलियारे के संचालन के लिए चेन्नई में भारत-रूस कार्यशाला का उद्घाटन किया।
सर्बानंद सोनोवाल के साथ इस मौके पर रूसी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व सुदूर पूर्व और आर्कटिक के विकास के लिए रूसी उप मंत्री अनातोली यूरीविच बोब्राकोव ने किया, इस प्रतिनिधिमंडल में रूसी संघ के वरिष्ठ अधिकारी, उद्योग प्रतिनिधि और व्यापारिक नेता भी शामिल थे।
प्रस्तावित 'ईस्टर्न मैरीटाइम कॉरिडोर' (EMC) पूर्वी तट पर बंदरगाहों को मलक्का जलडमरूमध्य, दक्षिण चीन सागर और जापान सागर के माध्यम से सुदूर पूर्व रूसी बंदरगाहों से जोड़ेगा। EMC पश्चिमी समुद्री मार्ग से 40% छोटा है, और 18 दिनों से कम के पारगमन समय का वादा करता है। यह न केवल माल ढुलाई शुल्क और पारगमन समय को कम करेगा, बल्कि प्रशांत क्षेत्र में व्यापार संबंधों के लिए नए रास्ते भी प्रदान करेगा।
इस कार्यक्रम में सोनोवाल ने कहा कि भारत रूस के साथ पूर्वी समुद्री गलियारे में निर्बाध समुद्री व्यापार को विकसित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।

मंत्री ने कहा, "भारत किसी भी तरह की चुनौतियों से निपटने में सक्षम है। देश में आवश्यक बुनियादी ढांचे का विकास किया गया है। भारत इस मार्ग पर व्यापार और सुरक्षा हासिल करने के लिए अधिकतम प्रयास कर रहा है, और सभी संबंधित मंत्रालय गलियारे को सुविधाजनक बनाने के सरकार के प्रयासों की दिशा में कई पहल कर रहे हैं, इससे भारत को काफी गुंजाइश मिलेगी और संघर्ष की स्थितियों से निपटने में मदद मिलेगी"।

मीडिया से बात करते हुए, रूसी सुदूर पूर्व और आर्कटिक के विकास उप मंत्री अनातोली बोब्राकोव ने कहा कि रूस समुद्री मार्गों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है क्योंकि यह अधिक टिकाऊ है।

अनातोली बोब्राकोव ने कहा, "रूस के राष्ट्रपति ने 2035 तक रूस से उत्तरी समुद्री मार्ग के विकास की योजना लागू की है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष माल यातायात 36 मिलियन टन था जो एक नया रिकॉर्ड था, और लक्ष्य 2035 में 220 मिलियन टन तक पहुंचने का है, दूसरा लक्ष्य उत्तरी समुद्री मार्ग को चालू करना है"।

चेन्नई पोर्ट ट्रस्ट के चेयरमैन सुनील पालीवाल ने कहा कि ठंड का मौसम होने पर शिपिंग मंत्रालय की एक टीम ने रूस में कोयला उद्योग स्थलों का दौरा किया था।

उन्होंने कहा कि गलियारा रूस के सुदूर पूर्व और भारत के पूर्वी हिस्से में विकसित किया जाएगा। उन्होंने आगे जोड़ते हुए यह भी कहा कि रूस में कंटेनर टर्मिनल देश के पश्चिमी हिस्से में स्थित हैं, और वर्तमान में रूस से कोयला पारादीप, विजाग और निजी बंदरगाहों के माध्यम से भारत में आयात किया जा रहा है।

अंत में उन्होंने बताया कि सितंबर में होने वाला भारत-रूस मंच आवश्यकता पड़ने पर आयोजित किया जाएगा।
A cargo ship is docked during the inauguration ceremony of the newly built extension in the port of Chabahar on the Gulf of Oman, southeastern Iran, near the Pakistani border, Sunday, Dec. 3, 2017. - Sputnik भारत, 1920, 08.11.2023
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