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मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू पर भारत से बेहतर रिश्ते को लेकर बहुत दवाब है: विशेषज्ञ

© AFP 2023 MOHAMED AFRAHPeople's National Congress (PNC) candidate Mohamed Muizzu looks on during a press conference in Male, on September 30, 2023.
People's National Congress (PNC) candidate Mohamed Muizzu looks on during a press conference in Male, on September 30, 2023.  - Sputnik भारत, 1920, 09.02.2024
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भारतीय विदेश मंत्रालय (MEA) ने गुरुवार को कहा कि भारत मालदीव में विमानन प्लेटफार्मों पर सैन्य कर्मियों की जगह 'सक्षम तकनीकी कर्मियों' को नियुक्त करेगा।
पिछले सप्ताह भारत-मालदीव उच्च स्तरीय कोर ग्रुप की दूसरी बैठक में इस मामले पर चर्चा की गई थी, जिसके बाद विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों देश "मालदीव के लोगों को मानवीय और मेडवैक सेवाएं प्रदान करने वाले भारतीय विमानन प्लेटफार्मों के निरंतर संचालन" की अनुमति देने के लिए "परस्पर व्यावहारिक समाधान" पर सहमत हुए हैं।
वहीं मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा, "दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हुए कि भारत सरकार 10 मार्च 2024 तक तीन विमानन प्लेटफार्मों में से एक में सैन्य कर्मियों को बदल देगी, और 10 मई 2024 तक अन्य दो प्लेटफार्मों में सैन्य कर्मियों को बदलने का काम पूरा कर लेगी।"
भारत ने मालदीव को हेलीकॉप्टर और डोर्नियर विमान सहित विभिन्न प्रकार के रक्षा उपकरण प्रदान किए हैं। इस उपकरण को संचालित करने के लिए वहां लगभग 80 भारतीय रक्षा कर्मी नियुक्त हैं। नवंबर में राष्ट्रपति के रूप में शपथ लेने के तुरंत बाद, मोहम्मद मुइज्जू ने औपचारिक रूप से भारत से अपने सैन्य कर्मियों को अपने देश से वापस लेने का अनुरोध किया था।
वस्तुतः मुइज्जू 'इंडिया आउट' अभियान के द्वारा सत्ता में आए थे। राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद परंपरा से हटकर उन्होंने नई दिल्ली के बजाय चीन का दौरा किया।

अंतरराष्ट्रीय मामलों के जानकार कमर आग़ा ने Sputnik India को बताया, "राष्ट्रपति मुइज्जू चीन समर्थक नेता है लेकिन भारत से बेहतर रिश्ते को लेकर उन पर वहां की राजनीतिक दलों और जनता का बहुत दवाब है। और, उन दवाब के चलते उनको मुश्किलें आ रही है कि भारत को वे पूरी तरह से वे नजरअंदाज कर दे। वहां की आम जनता नहीं चाहती कि जिस ऋण समस्या से पाकिस्तान, श्रीलंका और अफ्रीका के बहुत से देश जूझ रहे हैं उस कर्ज के जाल में मालदीव भी फंस जाए।"

साथ ही विशेषज्ञ ने रेखांकित किया कि "ऐसा लगता है कि अन्तोगत्वा मुइज्जू की जो नीति है उससे वह भारत-चीन के जो विवाद है उसको अपने पक्ष में भुनाएंगे। और इस तरह भारत-चीन के मध्य तल्खी भरे रिश्ते का लाभ उठाकर कभी भारत से तो कभी चीन से परियोजनाएं लाने की बात करेंगे, लेकिन मुइज्जू कितना प्रबंधित कर पाएंगे, ये कहना अभी शीघ्रता होगा।"
इस बीच राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के नेतृत्व में मालदीव ने अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र के जल में गश्त के लिए ड्रोन खरीदने के लिए तुर्की के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
उनकी सरकार ने तुर्की ड्रोन को विशेष आर्थिक क्षेत्र में गश्त करने का भी आदेश दिया, जो अब तक नई दिल्ली और माले हिंद महासागर में इस क्षेत्र में संयुक्त रूप से गश्त करते थे।

आगा ने टिप्पणी की, "मुख्य रूप से भारतीय सेना मालदीव में समुद्र और समुद्री व्यापार गलियारा की सुरक्षा कर रहा था। लेकिन अब यह काम मुइज्जू प्रशासन ने ही तुर्की सरकार के हवाले किया है। अब वे वहां पर गश्ती करेंगे या करना शुरू कर दिया होगा। भारत भी इसी तरह का काम करता था क्योंकि यदि मालदीव में कोई आतंकी खतरा होता है या कोई आर्थिक संकट आता है तो उसका सीधा प्रभाव भारत पर भी पड़ेगा। चूंकि भारत से मालदीव भौगोलिक रूप से बहुत करीब है और दोनों देशों के बीच ऐतिहासिक संबंध भी रहा है।"

बता दें कि गुरुवार को भारतीय उच्चायुक्त और मालदीव के सीमा शुल्क आयुक्त जनरल के मध्य एक बैठक हुई, जिसके दौरान "क्षमता निर्माण और व्यापार सुविधा और पारस्परिक सुरक्षा में सहयोग के नए क्षेत्रों" पर चर्चा की गई।
Maldivian pedestrians walk past the entrance to The Indian High Commission in Male on October 29, 2013. - Sputnik भारत, 1920, 09.02.2024
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