https://hindi.sputniknews.in/20240217/isrio-dvaariaa-smudrii-avlokn-ko-bdhaane-ke-lie-insat-3ds-kiyaa-gyaa-lnch-6586963.html
इसरो द्वारा समुद्री अवलोकन को बढ़ाने के लिए INSAT-3DS किया गया लॉन्च
इसरो द्वारा समुद्री अवलोकन को बढ़ाने के लिए INSAT-3DS किया गया लॉन्च
Sputnik भारत
इसरो ने 17 फरवरी 2024 की शाम पांच बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक उन्नत मौसम उपग्रह GSLV-F14/INSAT-3DS लॉन्च किया।
2024-02-17T18:19+0530
2024-02-17T18:19+0530
2024-02-17T18:23+0530
विश्व
भारत
अंतरिक्ष
अंतरिक्ष उद्योग
अंतरिक्ष अनुसंधान
इसरो
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/02/11/6587340_0:0:1920:1080_1920x0_80_0_0_29da85586d062e606af2d3004ad7d241.jpg
भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 17 फरवरी 2024 की शाम पांच बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक उन्नत मौसम उपग्रह GSLV-F14/INSAT-3DS लॉन्च किया।उपग्रह को GSLV-F14 रॉकेट के द्वारा उसकी निर्धारित कक्षा में छोड़ा गया।INSAT-3DS कई अत्याधुनिक पेलोड से लैस है। जिनमें छह चैनल इमेजर, एक 19-चैनल साउंडर और दो संचार पेलोड है।इसरो ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उपग्रह वायुमंडलीय गति वेक्टर (एएमवी), समुद्र और भूमि की सतह के तापमान (एसएसटी, एलएसटी), बादल गुण और सूक्ष्म भौतिक मापदंडों, कोहरे, वर्षा, बर्फ कवर, बर्फ की गहराई, आग, धुआं, एरोसोल, जल वाष्प, पवन (डब्ल्यूवीडब्ल्यू), ऊपरी क्षोभमंडल आर्द्रता, (यूटीएच), आर्द्रता रूपरेखा और कुल ओज़ोन सहित भूभौतिकीय मापदंडों को भी समझेगा और इनका शोध करेगा। परिचालन आरंभ होने के उपरांत यह उपग्रह विभिन्न विभागों की सेवा करेगा, जिनमें भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र सम्मिलित हैं।
https://hindi.sputniknews.in/20240208/antriksh-kshetraa-mein-digital-platform-pr-lagbhag-189-startup-panjikrat-antriksh-rajya-mantri-6487502.html
भारत
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2024
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/02/11/6587340_240:0:1680:1080_1920x0_80_0_0_d010e5a823f526e6f92dfccd23135781.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
विभिन्न महत्वपूर्ण मौसम संबंधी दृश्यों का उपयोग करके महासागरों और पर्यावरण का अवलोकन करना, डेटा संग्रह प्लेटफार्मों (डीसीपी) से डेटा संग्रह और साझाकरण का प्रबंधन करना और खोज और बचाव सेवाओं का सहयोग एवं समर्थन करना, insat-3ds किया गया लॉन्च, छह चैनल इमेजर, एक 19-चैनल साउंडर और दो संचार पेलोड
विभिन्न महत्वपूर्ण मौसम संबंधी दृश्यों का उपयोग करके महासागरों और पर्यावरण का अवलोकन करना, डेटा संग्रह प्लेटफार्मों (डीसीपी) से डेटा संग्रह और साझाकरण का प्रबंधन करना और खोज और बचाव सेवाओं का सहयोग एवं समर्थन करना, insat-3ds किया गया लॉन्च, छह चैनल इमेजर, एक 19-चैनल साउंडर और दो संचार पेलोड
इसरो द्वारा समुद्री अवलोकन को बढ़ाने के लिए INSAT-3DS किया गया लॉन्च
18:19 17.02.2024 (अपडेटेड: 18:23 17.02.2024) INSAT-3DS मौसम उपग्रह का उद्देश्य विभिन्न महत्वपूर्ण मौसम संबंधी दृश्यों का उपयोग करके महासागरों और पर्यावरण का अवलोकन करना, डेटा संग्रह प्लेटफार्मों (डीसीपी) से डेटा संग्रह और साझाकरण का प्रबंधन करना और खोज और बचाव सेवाओं का सहयोग एवं समर्थन करना है।
भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (इसरो) ने 17 फरवरी 2024 की शाम पांच बजकर 35 मिनट पर श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से एक उन्नत मौसम उपग्रह GSLV-F14/INSAT-3DS लॉन्च किया।
उपग्रह को GSLV-F14 रॉकेट के द्वारा उसकी निर्धारित कक्षा में छोड़ा गया।
INSAT-3DS कई अत्याधुनिक पेलोड से लैस है। जिनमें छह चैनल इमेजर, एक 19-चैनल साउंडर और दो संचार पेलोड है।
इसरो ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा कि उपग्रह वायुमंडलीय गति वेक्टर (एएमवी), समुद्र और भूमि की सतह के तापमान (एसएसटी, एलएसटी), बादल गुण और सूक्ष्म भौतिक मापदंडों, कोहरे, वर्षा, बर्फ कवर, बर्फ की गहराई, आग, धुआं, एरोसोल, जल वाष्प, पवन (डब्ल्यूवीडब्ल्यू), ऊपरी क्षोभमंडल आर्द्रता, (यूटीएच), आर्द्रता रूपरेखा और कुल ओज़ोन सहित भूभौतिकीय मापदंडों को भी समझेगा और इनका शोध करेगा।
परिचालन आरंभ होने के उपरांत यह उपग्रह विभिन्न विभागों की सेवा करेगा, जिनमें भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी), राष्ट्रीय महासागर प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईओटी), राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र और भारतीय राष्ट्रीय महासागर सूचना सेवा केंद्र सम्मिलित हैं।