यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

विशेष सैन्य अभियान कभी भी साम्राज्यवादी लक्ष्यों की पूर्ति का माध्यम नहीं था: विश्लेषक

© Photo : Foreign Ministry of BelarusRussian and Ukrainian delegations pictured as they start the third round of peace talks in the Brest region, Belarus on 7 March, 2022
Russian and Ukrainian delegations pictured as they start the third round of peace talks in the Brest region, Belarus on 7 March, 2022 - Sputnik भारत, 1920, 02.03.2024
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रूसी राजनीतिक वैज्ञानिक दिमित्री एवस्टाफ़िएव ने Sputnik को बताया कि 2022 रूस-यूक्रेन शांति मसौदा समझौते में लिखा था कि क्रीमिया का विषय तो कभी कोई वार्ता का मुद्दा था ही नहीं।
हाल ही में अमेरिका के अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल ने रूस-यूक्रेन के मध्य 2022 की शांति समझौते की शर्तें प्रकाशित की जिसपर अप्रैल 2022 में लगभग सहमति हो गई थी।
इस सिलसिले में मास्को स्थित एचएसई विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और राजनीतिक वैज्ञानिक दिमित्री इवस्टाफ़िएव ने Sputnik को बताया कि इस प्रकाशन में पुष्टि मिली कि रूस के विशेष सैन्य अभियान का मुख्य लक्ष्य यूक्रेन का विसैन्यीकरण है, नये क्षेत्रों पर कब्ज़ा करना नहीं है।
उन्होनें याद दिलाया कि विसैन्यीकरण का मुख्य उद्देश्य कीव प्राशन को "रूस के विरुद्ध प्रत्यक्ष और स्पष्ट संकट" उत्पन्न करने से रोकना है।

दिमित्री इवस्टाफ़िएव ने कहा, वॉल स्ट्रीट जर्नल के प्रकाशन ने "सभी सवालों को हटा दिया और सभी गलत सूचनाओं का खंडन किया कि रूसी प्रतिनिधिमंडल यूक्रेन के साथ 2022 की शांति वार्ता चलते समय क्रीमिया की स्थिति पर चर्चा करने के लिए सहमत हुआ था।"

राजनीतिक वैज्ञानिक ने इस पर जोर दिया कि फलस्वरूप यह दस्तावेज़ विशेष सैन्य अभियान को लेकर रूस की "साम्राज्यवादी महत्वाकांक्षाओं" के बारे में पश्चिम के आरोपों को खारिज करता है।
उन्होंने कहा कि "यह पश्चिम ने ही रूस-यूक्रेन संघर्ष की प्रकृति मौलिक रूप से बदलते हुए अंततः यूक्रेन की सरकार को शांति समझौते को छोड़ने के लिए विवश किया।“

इवस्टाफ़िएव ने कहा, "अब यह पता चला है कि वे अप्रसन्न थे, परंतु यह पश्चिम का निर्णय था जिसने रूस के प्रति पुर्णतः साम्राज्यवादी, या मुझे कहूँ औपनिवेशिक नीति अपनाई, मास्को के साथ किसी भी बातचीत करना अस्वीकार कर दिया।"

“रूसी और यूक्रेनी प्रतिनिधिमंडलों ने 2022 के वसंत में तुर्की में हुई सहित कई शांति वार्ताओं में भाग लिया। अक्टूबर 2022 में यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने एक डिक्री पर हस्ताक्षर किए, जिसमें कहा गया कि जब तक व्लादिमीर पुतिन रूस का राष्ट्रपति रहेंगे, तब तक कीव शांति वार्ता आयोजित करने में सक्षम नहीं होगा।
नवंबर 2023 में रूस के साथ यूक्रेन के पूर्व मुख्य वार्ताकार डेविड अराखामिया ने कहा कि तत्कालीन ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कीव को संघर्ष को समाप्त करने के लिए मास्को से समझौते पर हस्ताक्षर करने से रोक दिया। परंतु यूके के भूतपूर्व प्रधानमंत्री ने इसे सिरे से अस्वीकार कर दिया है कि उनके द्वारा ये किया गया था।

Large landing ship of the Russian Navy near the Crimean bridge. BDK transport civilian vehicles at the Kerch ferry. The Crimean bridge was damaged due to an attack at night by two Ukrainian unmanned surface vehicles of the Armed Forces of Ukraine. Traffic has been temporarily suspended. - Sputnik भारत, 1920, 01.03.2024
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