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अडानी शेयर के बाजार मूल्य को गिराकर लाभ अर्जित करना था अमेरिकी रिपोर्ट का उद्देश्य

© AP Photo / Ajit SolankiGautam Adani speaks during the inauguration of Vibrant Gujarat Global Investor summit in Gandhinagar, India
Gautam Adani speaks during the inauguration of Vibrant Gujarat Global Investor summit in Gandhinagar, India - Sputnik भारत, 1920, 16.03.2024
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पिछले वर्ष जनवरी में अमेरिकी हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा प्रकाशित हुई रिपोर्ट में भारतीय अडानी ग्रुप पर "शेयर हेरफेर" और "अकाउंटिंग धोखाधड़ी" का आरोप लगाया गया था। हालांकि, भारतीय अधिकारियों द्वारा की गई जांच के अनुसार ये सभी आरोप निराधार हैं और विशेषज्ञों के साथ-साथ गौतम अडानी स्वयं ने भी रिपोर्ट को दुर्भावनापूर्ण बताया है।
अडानी ग्रुप के प्रमुख गौतम अडानी ने कहा कि अमेरिकी हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट भारतीय सरकार को बदनाम करने और भारत में आम चुनाव से पहले उनकी कंपनी को अस्थिरीकरण करने का प्रयास है।
यह जांच हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा रिपोर्ट प्रकाशित करने के एक वर्ष बाद हुई। अमेरिकी कंपनी द्वारा की गई रिपोर्ट में अडानी पर "बेशर्म लेखांकन धोखाधड़ी" और "शेयर हेरफेर" का आरोप लगाया गया था।
हालांकि, अडानी ग्रुप के प्रमुख ने हिंडनबर्ग रिसर्च के सभी आरोपों से इनकार किया है, उन्हें “दुर्भावनापूर्ण” बताया।
बिहार इंस्टीट्यूट ऑफ पब्लिक फाइनेंस एंड पॉलिसी (BIPFP) के अर्थशास्त्री सुधांशु कुमार ने Sputnik India से अडानी की जांच के बारे में बातचीत की। उन्होंने कहा कि व्यापक जांच के बाद यह स्पष्ट हो गया कि हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट उधयमशील जांच पर आधारित एक खोजी या शोध रिपोर्ट नहीं, अपितु अमेरिकी शॉर्ट सेलर द्वारा बाजार मूल्य में अचानक नुकसान पहुंचाकर लाभ अर्जित करने का प्रयास ही था।

“नुकसान पहुंचाया गया और आर्थिक लाभ के अलावा अन्य उद्देश्यों को पूरी तरह से खारिज नहीं किया जा सकता है। साथ ही इसी तरह के हिट-एंड-रन कृत्य की संभावना से भी पूरी तरह इनकार नहीं किया जा सकता है,” वैज्ञानिक ने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा।

कुमार ने साथ ही बताया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बावजूद भारतीय शेयर बाजार स्थिर बना हुआ है और अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, जो भारतीय शेयर बाजार की मजबूती का सबूत भी है।

“भारतीय नियामकों की जांच के परिणाम ने इस प्रकृति के शॉर्ट-सेलर्स द्वारा रिपोर्ट की अविश्वसनीयता को सकारात्मक रूप से स्थापित किया है। जिस कंपनी को प्रचार रिपोर्ट का प्रभाव झेलना पड़ा था, वह अब उबर चुकी है और भारतीय इक्विटी बाजार में निवेशकों का विश्वास बरकरार है,” अर्थशास्त्री ने कहा।

यह पहली बार नहीं है जब अडानी ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को “दुर्भावनापूर्ण” कहा। पिछले वर्ष जुलाई में अडानी ग्रुप के वार्षिक आम बैठक के दौरान उन्होंने कहा था कि यह रिपोर्ट “जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण प्रयास थी जिसका उद्देश्य हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और हमारे स्टॉक की कीमतों में अल्पकालिक ड्राइव-डाउन के माध्यम से मुनाफा कमाना था।“
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