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भारत ने परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम अग्नि-प्राइम मिसाइल का किया सफल परीक्षण

© Photo : ANIIndia successfully testfires Agni Prime new generation missile off Odisha Coast
India successfully testfires Agni Prime new generation missile off Odisha Coast - Sputnik भारत, 1920, 04.04.2024
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भारतीय रक्षा अनुसंधान संगठन (DRDO) ने सामरिक बल कमान (SFC) के साथ मिलकर गुरुवार की रात को ओडिशा के तट से नई पीढ़ी की बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-प्राइम का सफल उड़ान परीक्षण किया।
अग्नि प्राइम मिसाइल अगली पीढ़ी यानी नेक्स्ट जेनरेशन की मिसाइल है, जो परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है। हल्के मटेरियल से बनाई गई यह मिसाइल अग्नि-1 की जगह लेगी।
मिसाइल ने परीक्षण के दौरान विश्वसनीय प्रदर्शन करते हुए सभी मानकों को पूरा किया। इसकी पुष्टि टर्मिनल बिंदु पर रखे गए दो डाउनरेंज जहाजों सहित विभिन्न स्थानों पर स्थापित कई रेंज सेंसर द्वारा कैप्चर किए गए डेटा के आधार पर की गई है।
परीक्षण के अवसर पर चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, स्ट्रैटजिक फोर्सेज कमांड के चीफ, डीआरडीओ और भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थति थे।
इस बीच रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल परीक्षण के लिए डीआरडीओ, एसएफसी और सशस्त्र बलों को बधाई दी और कहा कि मिसाइल का सफल विकास भारतीय सशस्त्र बलों की उत्कृष्ट रक्षा क्षमता को बढ़ावा देगा।

मिसाइल की विशेषता

डीआरडीओ द्वारा विकसित अग्नि-प्राइम एक नई पीढ़ी की परमाणु-सक्षम मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल (MRBM) है, जिसमें अग्नि-IV और अग्नि-V की तकनीकी प्रगति समाहित है। इस मिसाइल को त्रि-सेवा सामरिक बल कमान की परिचालन सेवा में अग्नि-I और अग्नि-II मिसाइलों का उत्तराधिकारी माना जाता है।
1,000 से 2,000 किमी की मारक क्षमता वाली यह बैलिस्टिक मिसाइल समग्र मोटर आवरण, मैन्युवरेबल रीएंट्री वाहन (MARV), उच्चतम प्रणोदक, नेविगेशन और मार्गदर्शन प्रणाली से लैस हैं।
यह दो चरणों वाली ठोस ईंधन वाली मिसाइल है, जो सतह से सतह पर मार करने में सक्षम है। इसे देश की पहली अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM), अग्नि-V की तरह एक ट्रक द्वारा ले जाया जाता है और एक कनस्तर के माध्यम से लॉन्च किया जाता है।
अग्नि-प्राइम को मिसाइल रक्षा प्रणालियों के विरुद्ध अधिकतम गतिशीलता और सटीक आक्रमणों के लिए उच्च सटीकता प्राप्त करने हेतु विकसित किया गया है।

अग्नि-प्राइम का पहला परीक्षण

डीआरडीओ ने ओडिशा के डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से पहली बार 28 जून 2021 को अग्नि-प्राइम का सफल परीक्षण किया। दूसरा परीक्षण 18 दिसंबर, 2021 को किया गया।
वहीं वर्ष 2022 को अग्नि-प्राइम का अधिकतम रेंज प्राप्त करने के लिए तीसरी बार सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया। मिसाइल के तीन सफल विकासात्मक परीक्षणों के बाद जून, 2023 में एसएफसी द्वारा आयोजित पहले प्री-इंडक्शन नाइट लॉन्च के हिस्से के रूप में अग्नि-प्राइम का सफलतापूर्वक उड़ान परीक्षण किया गया था।

भारत की रक्षा क्षमता में बढ़ोत्तरी

भारत पृथ्वी की वायुमंडलीय सीमा के भीतर और बाहर शत्रुतापूर्ण बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकने की क्षमता विकसित कर रहा है। जिसका उद्देश्य संभावित खतरों के प्रति अधिक बहुमुखी और प्रभावी प्रतिक्रिया सुनिश्चित करके भारत की सामरिक प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाना है।
बता दें कि इससे पहले पिछले महीने भारत द्वारा एकाधिक स्वतंत्र रूप से लक्षित पुनः प्रवेश वाहन (MIRV) तकनीक के साथ अग्नि-V मिसाइल का सफल परीक्षण न केवल एक बड़ी तकनीकी उपलब्धि का प्रतीक है, बल्कि तेजी से जटिल होते वैश्विक सुरक्षा माहौल में अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा क्षमताओं को प्रबल करने के लिए नई दिल्ली की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।
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