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रूस 2026 तक एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों के शेष दो स्क्वाड्रन भारत को सौंप देगा: मीडिया
रूस 2026 तक एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों के शेष दो स्क्वाड्रन भारत को सौंप देगा: मीडिया
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भारतीय मीडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा कि रूस 2026 की तीसरी तिमाही तक शेष दो S-400 वायु रक्षा मिसाइलों के स्क्वाड्रन भारत को सौंप देगा।
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इंडिया टुडे द्वारा उद्धृत रक्षा सूत्रों ने कहा, "S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के दो शेष मिसाइल स्क्वाड्रन की आपूर्ति अगस्त 2026 तक की जाएगी और यह हमारी वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने में मदद करेगी।"वर्ष 2018 में ऑर्डर किए गए S-400 मिसाइल सिस्टम के पांच में से तीन स्क्वाड्रन पहले ही भारत को मिल चुके हैं। इन तीनों S-400 एयर डिफेंस मिसाइल स्क्वाड्रन को भारतीय वायु सेना ने पूरी तरह सक्रिय कर दिया है।इसके अलावा, रक्षा सूत्रों ने कहा कि पहले तीन स्क्वाड्रन क्रमशः उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में पहले ही चालू हो चुके हैं और हवाई अभ्यास में भी हिस्सा ले चुके हैं।वायु रक्षा प्रणाली 400 किलोमीटर तक की दूरी वाले लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदने में सक्षम है और लड़ाकू विमानों और क्रूज़ मिसाइलों के खिलाफ बहुत प्रभावी है।गौरतलब है कि भारत और रूस ने S-400 वायु रक्षा मिसाइलों के पांच स्क्वाड्रन के लिए 35,000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौते पर हस्ताक्षर किए, भारतीय वायु सेना का मानना है कि S-400 उसके लिए गेम चेंजर होगा।बता दें कि भारतीय वायु सेना ने हाल के वर्षों में अपनी वायु रक्षा क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार किया है। भारतीय वायुसेना ने अपने प्रोजेक्ट 'कुशा' पर काम करना शुरू कर दिया है, जिसमें लंबी दूरी पर दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली को विकसित किया जा रहा है।
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रूस 2026 तक एस-400 वायु रक्षा प्रणालियों के शेष दो स्क्वाड्रन भारत को सौंप देगा: मीडिया
13:29 21.03.2024 (अपडेटेड: 13:31 21.03.2024) भारतीय मीडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा कि रूस 2026 की तीसरी तिमाही तक शेष दो S-400 वायु रक्षा मिसाइलों के स्क्वाड्रन भारत को सौंप देगा।
इंडिया टुडे द्वारा उद्धृत रक्षा सूत्रों ने कहा, "S-400 वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली के दो शेष मिसाइल स्क्वाड्रन की आपूर्ति अगस्त 2026 तक की जाएगी और यह हमारी वायु रक्षा प्रणाली को और मजबूत बनाने में मदद करेगी।"
वर्ष 2018 में ऑर्डर किए गए
S-400 मिसाइल सिस्टम के पांच में से तीन स्क्वाड्रन पहले ही भारत को मिल चुके हैं। इन तीनों S-400 एयर डिफेंस मिसाइल स्क्वाड्रन को भारतीय वायु सेना ने पूरी तरह सक्रिय कर दिया है।
सूत्रों ने स्थानीय मीडिया से कहा, "जिस प्रकार की तैनाती की गई है, उससे पता चलता है कि इस समय हमारे पास चीन और पाकिस्तान मोर्चे पर लगभग 1.5 स्क्वाड्रन हैं।"
इसके अलावा, रक्षा सूत्रों ने कहा कि पहले तीन स्क्वाड्रन क्रमशः उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में पहले ही चालू हो चुके हैं और
हवाई अभ्यास में भी हिस्सा ले चुके हैं।
वायु रक्षा प्रणाली 400 किलोमीटर तक की दूरी वाले लक्ष्य को सफलतापूर्वक भेदने में सक्षम है और लड़ाकू विमानों और क्रूज़ मिसाइलों के खिलाफ बहुत प्रभावी है।
गौरतलब है कि भारत और रूस ने S-400 वायु रक्षा मिसाइलों के पांच स्क्वाड्रन के लिए 35,000 करोड़ रुपये से अधिक के समझौते पर हस्ताक्षर किए, भारतीय वायु सेना का मानना है कि S-400 उसके लिए गेम चेंजर होगा।
बता दें कि भारतीय वायु सेना ने हाल के वर्षों में अपनी
वायु रक्षा क्षमताओं में उल्लेखनीय सुधार किया है। भारतीय वायुसेना ने अपने प्रोजेक्ट 'कुशा' पर काम करना शुरू कर दिया है, जिसमें लंबी दूरी पर दुश्मन के विमानों और मिसाइलों को मार गिराने में सक्षम स्वदेशी वायु रक्षा प्रणाली को विकसित किया जा रहा है।