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पश्चिम के नुकसान से भारत को लाभ: एशियाई अर्थव्यवस्थाएँ रूस के शीर्ष व्यापार मित्र के रूप में उभरीं
पश्चिम के नुकसान से भारत को लाभ: एशियाई अर्थव्यवस्थाएँ रूस के शीर्ष व्यापार मित्र के रूप में उभरीं
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भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पहले की तरह मजबूत है और दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा पिछले साल नई ऊंचाइयों पर पहुंच गई है।
2024-04-09T17:47+0530
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भारत, तुर्की को पछाड़कर रूस का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है, तुर्की अब दक्षिण एशियाई देशों और मास्को के सहयोगियों चीन और भारत के बाद तीसरे स्थान पर है, यूरेशियन संप्रभु राज्य की राष्ट्रीय सांख्यिकीय सेवाओं के आंकड़ों से यह तथ्य उजागर हुआ।जहाँ तक रूस के व्यापार साझेदारों का सवाल है, 2022 में भारत पाँचवे स्थान पर था और दोनों देशों के बीच व्यापार 35 अरब डॉलर के आसपास था।गौरतलब है कि भारत-रूस व्यापार में 2022 की तुलना में 2023 में 1.8 गुना बढ़ोतरी देखी गई।दूसरी ओर, रूस-चीन व्यापार कारोबार ने 2023 में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए क्योंकि दोनों देशों के बीच 240.1 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ।इस बीच, रूस के साथ तुर्की का व्यापार 56.5 अरब डॉलर दर्ज किया गया जिससे वह शीर्ष तीन में पहुँच गया।बेलारूस और कजाकिस्तान क्रमशः रूस के चौथे और पाँचवे सबसे बड़े व्यापार भागीदार थे, जिन्होंने 2023 में क्रमशः 55 बिलियन डॉलर और 26 बिलियन डॉलर की व्यापार मात्रा दर्ज की।बता दें कि साल 2022 तक जर्मनी यूरोप में रूस का सबसे करीबी व्यापारिक भागीदार था, 2022 में दोनों देशों के बीच 65 बिलियन डॉलर का व्यापार कारोबार दर्ज किया गया था।
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पश्चिम के नुकसान से भारत को लाभ: एशियाई अर्थव्यवस्थाएँ रूस के शीर्ष व्यापार मित्र के रूप में उभरीं
भारत-रूस रणनीतिक साझेदारी पहले की तरह मजबूत है और दोनों देशों के बीच व्यापार की मात्रा पिछले साल नई ऊँचाइयों पर पहुँच गई है।
भारत, तुर्की को पछाड़कर रूस का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है, तुर्की अब दक्षिण एशियाई देशों और मास्को के सहयोगियों चीन और भारत के बाद तीसरे स्थान पर है, यूरेशियन संप्रभु राज्य की राष्ट्रीय सांख्यिकीय सेवाओं के आंकड़ों से यह तथ्य उजागर हुआ।
जहाँ तक रूस के व्यापार साझेदारों का सवाल है, 2022 में भारत पाँचवे स्थान पर था और दोनों देशों के बीच व्यापार 35 अरब डॉलर के आसपास था।
हालाँकि, 2023 में रूस से भारत के कच्चे तेल के आयात के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँचने के साथ, नई दिल्ली और मास्को के बीच व्यापार 2023 में बढ़कर 64.9 बिलियन डॉलर हो गया, जिससे चीन के बाद भारत इसका दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बन गया।
गौरतलब है कि भारत-रूस व्यापार में 2022 की तुलना में 2023 में 1.8 गुना बढ़ोतरी देखी गई।
दूसरी ओर, रूस-चीन
व्यापार कारोबार ने 2023 में पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए क्योंकि दोनों देशों के बीच 240.1 बिलियन डॉलर का व्यापार हुआ।
इस बीच, रूस के साथ तुर्की का व्यापार 56.5 अरब डॉलर दर्ज किया गया जिससे वह शीर्ष तीन में पहुँच गया।
बेलारूस और कजाकिस्तान क्रमशः रूस के चौथे और पाँचवे सबसे बड़े व्यापार भागीदार थे, जिन्होंने 2023 में क्रमशः 55 बिलियन डॉलर और 26 बिलियन डॉलर की व्यापार मात्रा दर्ज की।
दिलचस्प बात यह है कि किसी भी पश्चिमी देश को शीर्ष पाँच में जगह नहीं मिली क्योंकि पिछले साल जर्मनी और रूस के बीच व्यापार गिरकर केवल 12.22 अरब डॉलर रह गया था।
बता दें कि साल 2022 तक जर्मनी यूरोप में रूस का सबसे करीबी
व्यापारिक भागीदार था, 2022 में दोनों देशों के बीच 65 बिलियन डॉलर का व्यापार कारोबार दर्ज किया गया था।