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इज़राइल-ईरान संघर्ष के बढ़ने से पहले भारत को आयात के अन्य विकल्प तलाशने होंगे: विशेषज्ञ

© AFP 2023 -Video grab shows explosions lighting up Jerusalem sky during Iranian attack on Israel.
Video grab shows explosions lighting up Jerusalem sky during Iranian attack on Israel.  - Sputnik भारत, 1920, 15.04.2024
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दो सप्ताह पहले, इज़राइल द्वारा सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी वाणिज्य दूतावास पर किये गए हमले के जवाब में रविवार को ईरान ने रात भर सैकड़ों ड्रोन और मिसाइलों के जरिए इज़राइल पर एक बड़े हमले को अंजाम दिया।
बताया जा रहा है कि यह हमला किसी भी देश द्वारा किया गया अब तक का सबसे बड़ा ड्रोन हमला था। हमले के बाद इज़राइली सेना ने कहा कि इस हमले में 300 से अधिक "हमलावर ड्रोन, बैलिस्टिक और क्रूज मिसाइलों का इस्तेमाल" किया गया था, इसमें से "लगभग 90 प्रतिशत को रोक" दिया गया।
ईरानी सेना ने हमले के बाद कहा कि इज़राइल पर उसके ड्रोन और मिसाइल हमले ने अपने सभी उद्देश्य हासिल कर लिए हैं। वहीं ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ मोहम्मद बघेरी ने राज्य टीवी को बताया कि "ऑपरेशन ऑनेस्ट प्रॉमिस... कल रात से आज सुबह तक सफलतापूर्वक पूरा हुआ और अपने सभी उद्देश्यों को हासिल कर चुका है।"
वहीं इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र में ईरान के राजदूत ने कहा कि इस्लामिक गणराज्य इज़राइली आक्रामकता के जवाब में अपने "आत्मरक्षा के अंतर्निहित अधिकार" का प्रयोग कर रहा है।
ईरान के अनुसार उसके द्वारा इज़राइल पर किया गया हमला, दमिश्क में उसके वाणिज्य दूतावास की इमारत पर हमले का एक जवाब है जो एक "आवश्यक और आनुपातिक प्रतिक्रिया" थी।
मध्य पूर्व में लगभग छह महीनों से इज़राइल और हमास संघर्ष चल रहा है जिसमें अब तक लगभग 30000 से अधिक लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, अब ईरान और इज़राइल के बीच शुरू हुआ यह संघर्ष क्षेत्र में अधिक अस्थिरता पैदा कर सकता है जिसका असर अन्य देशों पर भी पड़ेगा, और विशेषज्ञों के अनुसार, भारत पर भी इसका असर पड़ सकता है।
इज़राइल और ईरान के बीच के संघर्ष का भारत पर पड़ने वाले संभावित प्रभाव को लेकर Sputnik India ने भारत के पूर्व राजनयिक सुरेश के गोयल से बात की, गोयल भारत की राजनयिक सेवा में 35 वर्षों तक अनुभव रखने वाले एक अनुभवी अधिकारी रहे हैं।
पूर्व राजनयिक सुरेश के गोयल ने बताया कि इज़राइल और ईरान के बीच चल रहा तनाव ऐसे ही बढ़ता रहा तो यह युद्ध में तब्दील हो सकता है तब यह भारत की आर्थिक और कूटनीतिक व्यवस्था के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी, क्योंकि मध्य पूर्व से भारत का काफी व्यापार होता है।

"व्यापारिक तौर पर हम जो भी सामान खरीद या बेच रहे है उसमें हमें दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। हमारे ईरान से कूटनीतिक तौर पर बहुत अच्छे संबंध हैं चाहे हम चाबहार पोर्ट या जाहेदान रेलवे लिंक की बात करें। ईरान से हम तेल का भी आयात करते हैं। वहीं दूसरी तरफ इज़राइल से हमारे अच्छे संबंध हैं। इसके अलावा मध्य पूर्व में हमारे लोग बड़ी संख्या में काम कर रहे हैं। और अगर यह युद्ध में तब्दील हो गया तो भारत पर इसका बहुत गहरा प्रभाव पड़ेगा," पूर्व राजनयिक गोयल ने कहा।

इसके आगे उन्होंने बताया कि ईरान का रॉकेट हमला इज़राइल को एक संदेश देने की कोशिश थी कि अगर इजराइल ईरान के दूतावास पर हमला कर सकता है तो ईरान भी उसका जवाब देने में सक्षम है। विशेषज्ञ के अनुसार, ईरान और इज़राइल दोनों नहीं चाहते कि यह संघर्ष एक बड़ा रूप ले, और उम्मीद की जा रही है कि यह संघर्ष आगे नही बढ़ेगा।
© AP Photo / Vahid SalemiIranian demonstrators chant slogans during an anti-Israeli gathering in front of the British Embassy in Tehran, Iran, early Sunday, April 14, 2024. Iran launched its first direct military attack against Israel on Saturday.
Iranian demonstrators chant slogans during an anti-Israeli gathering in front of the British Embassy in Tehran, Iran, early Sunday, April 14, 2024. Iran launched its first direct military attack against Israel on Saturday. - Sputnik भारत, 1920, 15.04.2024
Iranian demonstrators chant slogans during an anti-Israeli gathering in front of the British Embassy in Tehran, Iran, early Sunday, April 14, 2024. Iran launched its first direct military attack against Israel on Saturday.
इज़राइल-ईरान तनाव से भारत के अपनी क्षेत्रीय स्थिरता और आर्थिक विकास पर किसी भी प्रभाव को कम करने के उपाय के बारे में अनुभवी राजनयिक ने बताया कि "हम केवल इज़राइल और ईरान दोनों को सलाह दे सकते हैं कि इस तरह के संघर्ष से क्षेत्र में शांति भंग होगी। इसके अलावा इसका असर वैश्विक शांति और व्यवस्था के लिए भी नुकसानदेह है।"

गोयल ने बताया, "आगे देखना होगा कि दोनों देशों का क्या रुख रहता है। जिन चीजों का हम आयात करते हैं उनके लिए हम अन्य विकल्प तलाश कर सकते हैं। लेकिन यह अभी बहुत दूर की बात है। लेकिन फिर भी हमारे ऊपर इस संघर्ष का प्रभाव पड़ेगा और उस खतरे के लिए हमें तैयार रहना होगा।"

अंत में इज़राइल-ईरान तनाव के बीच, भारत के इस क्षेत्र के अन्य प्रमुख खिलाड़ियों, जैसे रूस और सऊदी अरब के साथ संबंधों पर भारत की राजनयिक गोयल ने Sputnik India को बताया कि इज़राइल और गाज़ा संघर्ष को लेकर सऊदी अरब और रूस ने एक परिपक्व रुख अपनाया है।

"दोनों ने तनाव कम करने पर जोर दिया है। रूस और सऊदी अरब दोनों देश अच्छी तरह से जानते हैं कि मध्य पूर्व में संघर्ष ज्यादा दिनों तक नहीं चलना चाहिए, और हम उनकी बात का समर्थन करते हैं। इसके अलावा क्षेत्रीय दिक्कतों के लिए वहाँ मौजूद देशों को पहल करनी होगी और हम उनका समर्थन करें वही एक अच्छा तरीका रहेगा," उन्होंने अंत में कहा।

Israeli Iron Dome air defense system launches to intercept missiles fired from Iran, in central Israel, Sunday, April 14, 2024.  - Sputnik भारत, 1920, 14.04.2024
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ईरान द्वारा इजराइल पर हमले के बाद भारत ने तनाव कम करने का किया आह्वान
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