यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

अप्रैल में यूक्रेनी सेना का दैनिक सैन्य क्षति स्तर बढ़कर एक हजार सैन्य कर्मियों तक पहुँचा: शोइगु

© Sputnik / Ministry of Defence of the Russian Federation / मीडियाबैंक पर जाएंМинистр обороны РФ Сергей Шойгу во время переговоров с министром обороны и поддержки вооруженных сил ИPИ, генералом Мохаммадом Резой Аштиани в Тегеране
Министр обороны РФ Сергей Шойгу во время переговоров с министром обороны и поддержки вооруженных сил ИPИ, генералом Мохаммадом Резой Аштиани в Тегеране - Sputnik भारत, 1920, 03.05.2024
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रूसी सेना विशेष सैन्य अभियान में प्रतिदिन प्रगति कर रही है, जबकि यूक्रेनी विदेश मंत्री दिमित्री कुलेबा ने फॉरेन पॉलिसी के साथ एक साक्षात्कार में कहा है कि रूस यूक्रेन और पश्चिमी देशों के सैन्य प्रयासों की तुलना में अधिक प्रभावोत्पादक है।
रूसी रक्षा मंत्री जनरल सर्गेई शोइगू ने रूसी सशस्त्र बलों के नेतृत्व के साथ एक विषयगत सम्मेलन के दौरान कहा कि रूसी सैनिकों के समूह लड़ाई संपर्क के पूरे क्षेत्र में शत्रु सेना के गढ़ों की प्रणाली को रोज तोड़ते रहते हैं।

रक्षा मंत्री ने आगे कहा, “यूक्रेनी सशस्त्र बलों की इकाइयाँ कुछ रेखाओं पर टिके रहने का प्रयास कर रही हैं, परंतु हमारे आक्रमण के अंतर्गत उन्हें अपनी स्थिति छोड़ना और पीछे हटना पड़ता है।”

रूसी रक्षा मंत्रालय के नेता के अनुसार, इस वर्ष की शुरुआत से रूसी सैनिकों ने 547 वर्ग किलोमीटर नए क्षेत्रों पर नियंत्रण कर लिया है।
बता दें कि पिछले दो सप्ताहों में रूसी सेना ने डोनेट्स्क पीपुल्स रिपब्लिक की नोवोबख्मुटोव्का, सेम्योनोव्का, बर्डीची बस्तियों को मुक्त करा लिया है।

सर्गेई शोइगू ने साथ ही कहा, “अमेरिका और उसके सहयोगियों की मांग यह है कि यूक्रेन अपनी रक्षा पंक्ति तोड़ा जाने न दे और किसी भी मूल्य पर रूसी सैनिकों के आक्रमण को रोके। लेकिन फिर भी अप्रैल में शत्रु सेना का दैनिक क्षति स्तर एक हजार सैनिकों तक बढ़ गया है।”

उन्होंने आगे बताया कि इस वर्ष में ही यूक्रेनी सेना के कुल नुकसान का स्तर 111 हजार सैनिकों, 21 हजार यूनिट हथियारों और सैन्य उपकरणों से अधिक हो गया।
जनरल सर्गेई शोइगू के अनुसार, "मानव भंडार को फिर से भरने के लिए कीव शासन भरती को कड़ा कर रहा है। जो यूक्रेनियन लड़ना नहीं चाहते उन्हें जबरन अग्रिम पंक्ति में भेज दिया जाता है। वास्तव में, उन्हें अभी भी मौत के घाट उतार दिया जाता है।"

रक्षा मंत्री ने अपने बातों से जोड़ते हुए कहा, “अपनी नागरिकों के प्रति ऐसा अमानवीय व्यवहार यूक्रेनी अधिकारियों की अपने पश्चिमी मालिकों की चाटुकारिता करके कृपापात्र बनने की इच्छा को प्रमाणित करता है जिससे यूक्रेन को उन से वित्तीय और सैन्य सहायता मिलता रहे।

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