भारत-रूस संबंध
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रूस से भारत का कोयला आयात तीन गुना बढ़ा, ऑस्ट्रेलिया से आयात में कमी

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Excavator loading coal - Sputnik भारत, 1920, 06.05.2024
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भारत के धातुकर्म कोयला आयात में रूस का हिस्सा, जो कुल 73.2 मिलियन टन था, वर्ष 2021-22 के लगभग 8 प्रतिशत से बढ़कर अब लगभग 21 प्रतिशत हो गया है, जैसा कि बिग मिंट द्वारा जारी रिपोर्ट उल्लेखित है।
शोध फर्म के अनुसार, रूस से धातुकर्म कोयले का भारत द्वारा आयात पिछले तीन वर्षों में लगभग तीन गुना बढ़ गया है, जो 2023-24 में लगभग 15.1 मिलियन टन तक पहुंच गया है।
धातुकर्म कोयला, जिसे कोकिंग कोयला के रूप में जाना जाता है, का उपयोग कोक के उत्पादन में किया जाता है, जो इस्पात निर्माण में प्राथमिक कार्बन स्रोत के रूप में कार्य करता है।
ब्लास्ट फर्नेस विधि में कोक, ईंधन और अभिकारक दोनों के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, जो प्राथमिक इस्पात उत्पादन के लिए मौलिक है। कोकिंग कोयले की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सीधा असर स्टील की कीमतों पर पड़ सकता है।

2021-22 में भारत ने 65.6 मिलियन टन धातुकर्म कोयले का आयात किया, जिसमें 5.1 मिलियन टन रूस से था, जो कुल आयात का 8 प्रतिशत था।

वहीं 2022-23 में रूस से आयात बढ़कर 11.3 मिलियन टन हो गया था, जो भारत के कुल धातुकर्म कोयला आयात 69.9 मिलियन टन का 16 प्रतिशत था।

इसके अलावा, 2023-24 में रूस से आयात 15.1 मिलियन टन तक पहुंच गया, जो भारत के 73.2 मिलियन टन के कुल आयात का 21 प्रतिशत है।

वित्तीय वर्ष 2021-22 में धातुकर्म कोयले का शिपमेंट घटकर 42.2 मिलियन टन हो गया था, जिससे बाजार हिस्सेदारी में 60 प्रतिशत की गिरावट आई।

सबसे हालिया वित्तीय वर्ष में ऑस्ट्रेलिया से धातुकर्म कोयले का आयात और भी कम होकर 40.4 मिलियन टन हो गया, जिसके परिणामस्वरूप बाजार हिस्सेदारी 55 प्रतिशत हो गई।

पीटीआई के साथ पहले के एक साक्षात्कार में, सेल के अध्यक्ष अमरेंदु प्रकाश ने उल्लेख किया था कि कंपनी ने वित्त वर्ष 2024 की पहली दो तिमाहियों के दौरान रूस से कोकिंग कोयले की लगभग 8 शिपमेंट खरीदी, जिनमें से प्रत्येक 75,000 टन के थे, वहीं कुल मात्रा 600,000 टन थी।
इसके अतिरिक्त, टाटा स्टील ने अपनी इस्पात उत्पादन प्रक्रिया में रूसी कोकिंग कोयले का प्रयोग किया।

जिंदल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के वीआर शर्मा ने कहा कि भारत अपनी कोकिंग कोयले की 50% जरूरतों को रूस से पूरा करने की क्षमता रखता है।

The tanker Sun Arrows loads its cargo of liquefied natural gas from the Sakhalin-2 project in the port of Prigorodnoye, Russia, on Friday, Oct. 29, 2021. - Sputnik भारत, 1920, 05.05.2024
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