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कनाडा में खालिस्तानियों के लगातार विरोध के बीच भारतीय मूल के युवक की हत्या

© COLE BURSTONDemonstrators gather in support of Khalistan, an advocated independent Sikh homeland, during a Sikh rally outside the Consulate General of India, in Toronto, Ontario, Canada, on September 25, 2023, following the murder of Sikh separatist Hardeep Singh Nijjar.
Demonstrators gather in support of Khalistan, an advocated independent Sikh homeland, during a Sikh rally outside the Consulate General of India, in Toronto, Ontario, Canada, on September 25, 2023, following the murder of Sikh separatist Hardeep Singh Nijjar.  - Sputnik भारत, 1920, 10.06.2024
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युवराज गोयल 2019 में स्टूडेंट वीजा पर पंजाब के लुधियाना से आए थे। वह ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में एक कार डीलरशिप में सेल्स एग्जीक्यूटिव के रूप में काम करते थे। उन्होंने हाल ही में कनाडा के स्थायी निवासी का दर्जा प्राप्त किया था।
कनाडाई मीडिया के अनुसार देश के सरे में भारतीय मूल के 28 वर्षीय युवक की हत्या कर दी गई, हाल के दिनों में देखा गया है कि कनाडा और अमेरिका दोनों बड़े देश भारतीय और भारतीय मूल के लोगों के लिए सुरक्षित नही रहें हैं।
मीडिया ने जांचकर्ताओं के हवाले से बताया मारे गए युवक पर हमला एक लक्षित हमले का शिकार था। पीड़ित की पहचान युवराज गोयल के नाम से हुई जिनकी 7 जून की सुबह उनके घर पर गोली मार के हत्या कर दी गई।

गोयल के बहनोई बावनदीप ने ग्लोबल न्यूज को बताया, "वह अपने जिम, (अपनी) दैनिक दिनचर्या से वापस आए और अपनी कार से बाहर निकले और उन्हें गोली मार दी गई।गोली लगने से लगभग एक मिनट या 30 सेकंड पहले उन्होंने अपनी माँ से बात की थी। वह अपनी कार से बाहर निकला, भारत में अपनी माँ को शुभरात्रि कहा, फिर उसे गोली मार दी गई।"

हालांकि इस घटना के जांचकर्ताओं ने हत्या के सिलसिले में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सरे रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने एक बयान में कहा कि चार संदिग्धों की पहचान मनवीर बसराम, साहिब बसरा, हरकीरत झुट्टी, सभी सरे के निवासी और केलोन फ्रेंकोइस ओंटारियो के रूप में हुई।
हाल के दिनों में कनाडा में खालिस्तानियों के आंदोलन, भारतीय कांसुलेट पर हमला जैसी घटनाओं ने यह सिद्ध किया है कि कनाडा भारतीयों के लिए अब सुरक्षित नहीं रहा है और इसकी वजह से भारत से कनाडा जाने वाले छात्रों की संख्या में गिरावट देखी गई है।
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