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नई दिल्ली के अस्पताल में आंख की शल्य चिकित्सा के लिए सिमुलेटर के इस्तेमाल के इलाज में क्रांति आ गई

© Sputnik / Krishna Mohan Mishra Ophthalmology department of the Army Hospital Research and Referral
Ophthalmology department of the Army Hospital Research and Referral - Sputnik भारत, 1920, 22.06.2024
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नेत्र चिकित्सा में बहुत ज्यादा निपुणता की ज़रूरत होती है क्योंकि आंख की शल्य चिकित्सा बहुत जोखिमपूर्ण प्रक्रिया होती है। आरआर हॉस्पिटल में आंख की शल्य चिकित्सा के लिए सिमुलेटर का प्रयोग नए डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने के लिए किया जा रहा है।
भारतीय सेना के प्रमुख अस्पताल नई दिल्ली के रिसर्च एंड रेफरल यानी आर आर हॉस्पिटल में आंख की शल्य चिकित्सा के लिए सिमुलेटर के इस्तेमाल के इलाज में क्रांति आ गई है, अस्पताल में Sputnik India को बताया गया।

यह अस्पताल सैनिक कार्रवाई के दौरान आंखों को गंभीर क्षति पहुंचने के बाद उनके किये जाने वाले उपचार के लिए जाना जाता है। यहां उन सैनिकों को भी देखने की क्षमता वापस मिली है जिनकी संभावना न के बराबर थी।

यहां का सिमुलेटर सबसे आधुनिक है जिसे 4.5 करोड़ रुपए की क़ीमत में खरीदा गया है। इस पर प्रशिक्षण लेने के बाद डॉक्टर किसी भी मरीज़ की शल्य चिकित्सा के लिए पूरी तरह से तैयार हो जाते हैं।
नेत्र चिकित्सा विभाग के प्रमुख ब्रिगेडियर (डॉ.) संजय कुमार मिश्रा ने Sputnik India को बताया कि वास्तविक मानव आंख पर प्रशिक्षण देने के अवसर बहुत कम होते हैं।

ब्रिगेडियर (डॉ.) मिश्रा ने बताया, "सिमिलेटर पर प्रशिक्षण के दौरान डॉक्टर को कई तरह के जटिल ऑपरेशन दिए जा सकते हैं। शल्य चिकित्सा के दौरान कई तरह की आपातकालीन परिस्थितयां उत्पन्न की जा सकती हैं। ऐसे में सिमुलेटर पर प्रशिक्षण पाने के बाद डॉक्टर कठिन से कठिन ऑपरेशन के लिए तैयार हो जाते हैं।"

सैनिक कार्रवाइयों के दौरान कई बार विस्फोट या गोलाबारी में छर्रों से आंख को गंभीर चोट पहुंचती है। गंभीर रूप से घायल मरीज़ों का अंतिम आसरा आरआर हॉस्पिटल ही होता है। यहां एक रेटिना की कई परतों को अलग-अलग करके उससे कई मरीज़ों को आंख की रोशनी वापस लौटाई जा सकती है।
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