https://hindi.sputniknews.in/20240808/bhaarit-ne-bnaayaa-nyaa-drion-sistm-ghrion-men-chipe-aatnkiyon-kaa-kriegaa-sfaayaa-7983510.html
भारत ने बनाया नया ड्रोन सिस्टम, घरों में छिपे आतंकियों का करेगा सफ़ाया
भारत ने बनाया नया ड्रोन सिस्टम, घरों में छिपे आतंकियों का करेगा सफ़ाया
Sputnik भारत
भारतीय सेना को सबसे ज्यादा नुकसान शहरों या गांवों के घरों में छिपे आतंकवादियों से मुक़ाबले में होता है। अब इसका पक्का इलाज़ मिल गया है। केवल 15 सेमी लंबा, 260 ग्राम वज़नी एक ड्रोन घरों में छिपे आतंकवादियों को तलाश करेगा और उन्हें मार गिराएगा।
2024-08-08T16:50+0530
2024-08-08T16:50+0530
2024-08-08T16:55+0530
डिफेंस
भारत
भारत सरकार
भारत का विकास
भारतीय सेना
ड्रोन
आतंकवाद
राष्ट्रीय सुरक्षा
रक्षा मंत्रालय (mod)
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/08/08/7983272_0:0:1280:720_1920x0_80_0_0_60a5cc20e609fa63958e11b79a3534e9.jpg
भारतीय सेना को सबसे ज्यादा नुकसान शहरों या गांवों के घरों में छिपे आतंकवादियों से मुक़ाबले में होता है। अब इसका पक्का इलाज़ मिल गया है। केवल 15 सेमी लंबा, 260 ग्राम वज़नी एक ड्रोन घरों में छिपे आतंकवादियों को तलाश करेगा और उन्हें मार गिराएगा।ज़ुलू डिफेंस सिस्टम का हॉवर-बी नाम का यह ड्रोन भारतीय सेना में शामिल होना शुरू हो चुका है। इसे खासतौर पर आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में इस्तेमाल किया जाएगा।ज़ुलू डिफेंस सिस्टम के चीफ ग्रोथ ऑफिसर मेजर समर सिंह तूर (सेवानिवृत्त) ने बताया कि हॉवर-बी एक आत्मघाती यानि कामिकेज ड्रोन है।हॉवर बी अपने आसपास कोई हलचल होने पर या निशाने से टकराने से भी फट सकता है। इसमें सेंसर्स लगे हैं जो इसे रास्ता तलाश करने और वीडियो फीड भेजने में मदद करते हैं। इसमें रात में देखने के लिए नाइट विज़न डिवाइस लगाया गया है जिससे इसके लिए रात में भी आतंकवादियों की तलाश करना आसान है। इस ड्रोन से निगरानी का काम भी लिया जा सकता है और यह लाइव फ़ीड अपने बेस तक भेज सकता है। इसको बेस से 2 किमी की दूरी तक भेजा जा सकता है। पहाड़ों और जंगलों वाली भारत की सीमाओं से आतंकवादी लगातार घुसपैठ की कोशिश करते रहते हैं। हॉवर बी खराब मौसम या कोहरे में भी सीमा पर नज़र रख सकता है और घुसपैठ की किसी घटना से अपने बेस को सतर्क कर सकता है।
https://hindi.sputniknews.in/20240726/our-soldiers-will-crush-them-pm-modi-warns-terrorists-on-kargil-vijay-diwas-in-drass-7915652.html
भारत
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2024
कृष्णमोहन मिश्रा
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/05/14/7409018_0:0:486:485_100x100_80_0_0_7e79ffa0ba84a7bd46685bfea1e9d1aa.jpg
कृष्णमोहन मिश्रा
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/05/14/7409018_0:0:486:485_100x100_80_0_0_7e79ffa0ba84a7bd46685bfea1e9d1aa.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/08/08/7983272_161:0:1121:720_1920x0_80_0_0_c434eb9a09f6ea4c399b9bffce19b70f.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
कृष्णमोहन मिश्रा
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e8/05/14/7409018_0:0:486:485_100x100_80_0_0_7e79ffa0ba84a7bd46685bfea1e9d1aa.jpg
भारत ने बनाया नया ड्रोन सिस्टम, ज़ुलू डिफेंस सिस्टम का हॉवर-बी नाम का ड्रोन, भारतीय सेना, ज़ुलू डिफेंस सिस्टम के चीफ ग्रोथ ऑफिसर मेजर समर सिंह तूर, आत्मघाती यानि कामिकेज ड्रोन, नाइट विज़न डिवाइस, आतंकवादियों की तलाश, भारत की सीमाओं से आतंकवादी लगातार घुसपैठ की कोशिश, भारत नया ड्रोन सिस्टम
भारत ने बनाया नया ड्रोन सिस्टम, ज़ुलू डिफेंस सिस्टम का हॉवर-बी नाम का ड्रोन, भारतीय सेना, ज़ुलू डिफेंस सिस्टम के चीफ ग्रोथ ऑफिसर मेजर समर सिंह तूर, आत्मघाती यानि कामिकेज ड्रोन, नाइट विज़न डिवाइस, आतंकवादियों की तलाश, भारत की सीमाओं से आतंकवादी लगातार घुसपैठ की कोशिश, भारत नया ड्रोन सिस्टम
भारत ने बनाया नया ड्रोन सिस्टम, घरों में छिपे आतंकियों का करेगा सफ़ाया
16:50 08.08.2024 (अपडेटेड: 16:55 08.08.2024) विशेष
आतंकवाद से लड़ती भारतीय सेना के लिए किसी घर में छिपा हुआ आतंकवादी सबसे बड़ी चुनौती होता है। सेना ने घरों में घुसने और आतंकवादियों से निबटने के लिए खासतौर पर ड्रिल तैयार की हैं जिनका लगातार अभ्यास किया जाता है।
भारतीय सेना को सबसे ज्यादा नुकसान शहरों या गांवों के घरों में छिपे आतंकवादियों से मुक़ाबले में होता है। अब इसका पक्का इलाज़ मिल गया है। केवल 15 सेमी लंबा, 260 ग्राम वज़नी एक ड्रोन घरों में छिपे आतंकवादियों को तलाश करेगा और उन्हें मार गिराएगा।
ज़ुलू डिफेंस सिस्टम का हॉवर-बी नाम का यह ड्रोन भारतीय सेना में शामिल होना शुरू हो चुका है। इसे खासतौर पर आतंकवाद विरोधी कार्रवाइयों में इस्तेमाल किया जाएगा।
ज़ुलू डिफेंस सिस्टम के चीफ ग्रोथ ऑफिसर मेजर समर सिंह तूर (सेवानिवृत्त) ने बताया कि हॉवर-बी एक आत्मघाती यानि कामिकेज ड्रोन है।
मेजर तूर ने बताया, "यह ड्रोन कमरे में घुसेगा और आसपास की रुकावटों से बचता हुआ निशाने की तलाश करेगा। इसमें 400 ग्राम का ग्रेनेड लगाया गया है जिसमें रिमोट से विस्फोट कराया जा सकता है।"
हॉवर बी अपने आसपास कोई हलचल होने पर या निशाने से टकराने से भी फट सकता है। इसमें सेंसर्स लगे हैं जो इसे रास्ता तलाश करने और वीडियो फीड भेजने में मदद करते हैं। इसमें रात में देखने के लिए नाइट विज़न डिवाइस लगाया गया है जिससे इसके लिए रात में भी
आतंकवादियों की तलाश करना आसान है।
इस ड्रोन से निगरानी का काम भी लिया जा सकता है और यह लाइव फ़ीड अपने बेस तक भेज सकता है। इसको बेस से 2 किमी की दूरी तक भेजा जा सकता है।
पहाड़ों और जंगलों वाली
भारत की सीमाओं से आतंकवादी लगातार घुसपैठ की कोशिश करते रहते हैं। हॉवर बी खराब मौसम या कोहरे में भी सीमा पर नज़र रख सकता है और घुसपैठ की किसी घटना से अपने बेस को सतर्क कर सकता है।