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भारतीय नौसेना के लिए रूस द्वारा निर्मित फ्रिगेट तुशील का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है: सूत्र
भारतीय नौसेना के लिए रूस द्वारा निर्मित फ्रिगेट तुशील का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है: सूत्र
Sputnik भारत
रूस के यांतर शिपयार्ड में बन रहा तलवार क्लास के तीसरे बैच का पहला युद्धपोत तुशील अक्टूबर के मध्य तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा। तुशील के नवंबर में यांतर शिपयार्ड में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा।
2024-09-24T16:47+0530
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रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने Sputnik India को बताया है कि तुशील को रूस में अंतिम दौर के परीक्षणों से गुज़ारा जा रहा है। अगले दो-तीन हफ्ते में ये सभी परीक्षण पूरे हो जाएंगे और तुशील नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएगा।इसमें हवाई हमले से सुरक्षा के लिए मध्यम दूरी तक मार करने वाली श्टिल और छोटी दूरी पर सुरक्षा के लिए इगला मिसाइल सिस्टम लगाए गए हैं। दुश्मन की सबमरीन से निबटने के लिए जहाज़ में एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगाए गए हैं। समुद्र की सतह पर नज़र रखने के लिए लगाए गए रडार और पानी के अंदर तलाश करने के लिए लगाए गए सोनार अत्याधुूनिक हैं। जहाज़ में लगा कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम हर हथियार को कम समय में और कारगर ढंग से इस्तेमाल करने में मदद करता है।2016 में भारत और रूस के बीच चार तेग क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने के लिए समझौता हुआ था जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनने था। भारत में फ्रिगेट्स का निर्माण गोवा शिपयार्ड में हो रहा है जिसमें रूस तकनीकी सहायता दे रहा है।
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रूस का यांतर शिपयार्ड, तलवार क्लास के तीसरे बैच का पहला युद्धपोत तुशील, भारतीय नौसेना, तुशील, भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, यांतर शिपयार्ड, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, ब्रह्मोस मिसाइल, आईएनएस तलवार, श्टिल मिसाइल सिस्टम, इगला मिसाइल सिस्टम
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भारतीय नौसेना के लिए रूस द्वारा निर्मित फ्रिगेट तुशील का निर्माण कार्य पूरा होने वाला है: सूत्र
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रूस के यांतर शिपयार्ड में बन रहा तलवार क्लास के तीसरे बैच का पहला युद्धपोत तुशील अक्टूबर के मध्य तक पूरी तरह तैयार हो जाएगा, सूत्रों ने बताया। तुशील के नवंबर में यांतर शिपयार्ड में भारतीय नौसेना में शामिल किया जाएगा। इस समारोह के लिए भारतीय रक्षामंत्री राजनाथ सिंह यांतर शिपयार्ड जा सकते हैं।
रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने Sputnik India को बताया है कि तुशील को रूस में अंतिम दौर के परीक्षणों से गुज़ारा जा रहा है। अगले दो-तीन हफ्ते में ये सभी परीक्षण पूरे हो जाएंगे और तुशील नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार हो जाएगा।
इस गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट में ब्रह्मोस मिसाइलें लगाकर दुश्मन के जहाज़ों और ज़मीनी ठिकानों पर हमला करने की जबरदस्त ताक़त दी गई है। तलवार क्लास के एक फ्रिगेट आईएनएस तलवार में भी हाल ही में ब्रह्मोस मिसाइलें लगा दी गई हैं। इनकी अधिकतम रफ्तार 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की है और इस रफ्तार से यह एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकता है।
इसमें हवाई हमले से सुरक्षा के लिए मध्यम दूरी तक मार करने वाली श्टिल और छोटी दूरी पर सुरक्षा के लिए इगला मिसाइल सिस्टम लगाए गए हैं। दुश्मन की सबमरीन से निबटने के लिए जहाज़ में एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगाए गए हैं।
समुद्र की सतह पर नज़र रखने के लिए लगाए गए रडार और पानी के अंदर तलाश करने के लिए लगाए गए सोनार अत्याधुूनिक हैं। जहाज़ में लगा कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम हर हथियार को कम समय में और कारगर ढंग से इस्तेमाल करने में मदद करता है।
2016 में
भारत और रूस के बीच चार तेग क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने के लिए समझौता हुआ था जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनने था। भारत में फ्रिगेट्स का निर्माण गोवा शिपयार्ड में हो रहा है जिसमें रूस तकनीकी सहायता दे रहा है।