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रूस के सहयोग से बन रहे युद्धपोत त्रिपुट का गोवा में जलावतरण, भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत

© Sputnik / Krishna Mohan MishraGoa Shipyard launches its 1st Teg-class frigate being built in collaboration with India and Russia
Goa Shipyard launches its 1st Teg-class frigate being built in collaboration with India and Russia - Sputnik भारत, 1920, 23.07.2024
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भारत और रूस के सहयोग से गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में बन रहे तेग क्लास फ्रिगेट का समुद्र के परीक्षणों के लिए मंगलवार को जलावरतरण कर दिया गया। त्रिपुट नाम के इस फ्रिगेट के अगले दो साल में 2026 तक भारतीय नौसेना में शामिल होने की संभावना है।
गोवा शिपयार्ड में ही इसी क्लास का एक और फ्रिगेट तैयार हो रहा है जिसका जलावतरण इस साल के अंत तक होने की संभावना है। इस क्लास का पहला फ्रिगेट तुशील सितंबर तक नौसेना में शामिल होने के लिए तैयार है जिसका निर्माण रूस के यांतर शिपयार्ड में हुआ है। यांतर शिपयार्ड में ही दूसरा फ्रिगेट तमाला भी अगले साल यानि 2025 तक नौसेना में शामिल होगा।

2016 में भारत और रूस के बीच चार तेग क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स बनाने के लिए समझौता हुआ था जिनमें से दो रूस में और दो भारत में बनने थे। भारत में फ्रिगेट्स का निर्माण गोवा शिपयार्ड में हो रहा है जिसमें रूस तकनीकी सहायता दे रहा है।

तेग क्लास फ्रिगेट ज़मीन पर या दुश्मन के जहाज़ पर हमला करने के लिए ब्रह्मोस मिसाइल से लैस हैं। हवाई हमले से जहाज़ को बचाने के लिए इसमें मध्यम दूरी की मिसाइल श्टिल लगी है जिसकी रेंज 30 से 50 किमी तक है। ड्रोन या हेलीकॉप्टर से निबटने के लिए इसमें इग्ला मिसाइल लगाई गई है जिसकी रेंज 5 से 6 किमी तक है। दुश्मन की सबमरीन से निबटने के लिए जहाज़ में एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो लगाए गए हैं।
समुद्र की सतह पर नज़र रखने के लिए लगाए गए रडार और पानी के अंदर तलाश करने के लिए लगाए गए सोनार अत्याधुूनिक हैं। जहाज़ में लगा कॉम्बेट मैनेजमेंट सिस्टम हर हथियार को कम समय में और कारगर ढंग से इस्तेमाल करने में मदद करता है।
तेग क्लास के फ्रिगेट की अधिकतम रफ्तार 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की है और इस रफ्तार से यह एक बार में 3000 किमी तक की दूरी तय कर सकता है। तेग क्लास के फ्रिगेट्स भारतीय नौसेना में एक दशक से ज्यादा समय से हैं और इनका प्रदर्शन शानदार रहा है।
तेग क्लास को तलवार क्लास फ्रिगेट्स का नया संस्करण कहा जाता है जो लगभग एक ही जैसी क्षमता के हैं। तेग और तलवार क्लास के कुल 6 फ्रिगेट्स इस समय भारतीय नौसेना में काम कर रहे हैं। तलवार क्लास के फ्रिगेट्स को भी ब्रह्मोस मिसाइल से लैस किया जा रहा है जिससे उसकी मारक क्षमता भी तेग क्लास के बराबर हो जाएगी।
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