कनाडाई मंत्री डेविड मॉरिसन की लीक ने भारत का राजनयिक विश्वास किया कमजोर
© MONEY SHARMASecurity personnel stand guard in front of India's presidential palace Rashtrapati Bhavan on a cold foggy winter morning in New Delhi on January 4, 2024.
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भारत के पूर्व राजदूत और विदेशी मामलों के जानकार ने बताया कि डेविड मॉरिसन के इस कबूलनामे ने दोनों देशों के बीच के राजनयिक विश्वास को कमजोर किया है।
भारत और कनाडा के बीच रोज नए नए खुलासे होने से दोनों देशों के बीच के रिश्ते खराब होते जा रहे हैं। इसी कड़ी में कनाडाई मंत्री डेविड मॉरिसन ने कबूल किया कि उन्होंने वाशिंगटन पोस्ट को भारत के खिलाफ खुफिया और संवेदनशील जानकारी लीक की थी जिसका मुख्य उद्देश्य भारत के खिलाफ माहौल बनाना था।
रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को एक संसदीय पैनल को बताया कि कनाडा में सिख अलगाववादियों पर हमले की साजिश के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का एक शीर्ष अधिकारी है।
रिपोर्ट के मुताबिक कनाडा के मंत्री डेविड मॉरिसन ने मंगलवार को एक संसदीय पैनल को बताया कि कनाडा में सिख अलगाववादियों पर हमले की साजिश के पीछे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार का एक शीर्ष अधिकारी है।
मॉरिसन ने कहा, "(वाशिंगटन पोस्ट) के पत्रकार ने मुझे फोन किया और पूछा कि क्या यह वह व्यक्ति (शीर्ष अधिकारी) था और मैंने पुष्टि की कि यह वही व्यक्ति था।"
वाशिंगटन पोस्ट को भारत के खिलाफ खुफिया और संवेदनशील जानकारी लीक करने की बात कबूल करने से पहले कनाडा पुलिस ने सार्वजनिक रूप से खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की जांच में भारत सरकार के एजेंटों और कनाडा में "हत्याओं और हिंसक कृत्यों" के बीच संबंध होने का आरोप लगाया था।
पूर्व भारतीय राजदूत के पी फैबियन ने कनाडाई अधिकारी डेविड मॉरिसन के भारत विरोधी अभियान में भूमिका और उसके परिणामों पर Sputnik भारत को बताया कि कनाडा और भारत दोनों सरकारों को शामिल करते हुए एक अभियान चल रहा है, जिसमें प्रत्येक पक्ष एक दूसरे के खिलाफ अलग-अलग बयान पेश कर रहे हैं।
पूर्व भारतीय राजदूत के पी फैबियन ने कनाडाई अधिकारी डेविड मॉरिसन के भारत विरोधी अभियान में भूमिका और उसके परिणामों पर Sputnik भारत को बताया कि कनाडा और भारत दोनों सरकारों को शामिल करते हुए एक अभियान चल रहा है, जिसमें प्रत्येक पक्ष एक दूसरे के खिलाफ अलग-अलग बयान पेश कर रहे हैं।
पूर्व राजदूत ने कहा, "कनाडा और भारत दोनों सरकारों को शामिल करते हुए एक अभियान चल रहा है, जिसमें प्रत्येक पक्ष अलग-अलग दृष्टिकोण व्यक्त कर रहा है।"
इस लीक के बाद कनाडा के भारत विरोधी अभियान के "पर्दाफाश" होने के सवाल पर जवाब देते हुए विदेशी मामलों के जानकार के पी फैबियन कहते हैं कि वह इसे "पर्दाफाश" नहीं कहेंगे, क्योंकि दोनों देश कुछ समय से इस तरह की कार्रवाइयों में लगे हुए हैं।
कनाडा द्वारा भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात के अनुरोध के बाद गोपनीयता के उल्लंघन पर पूर्व राजदूत के. पी. फैबियन ने कहा कि यह बात चौंकाने वाली है कि कनाडा ने गोपनीयता का उल्लंघन किया।
कनाडा द्वारा भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल से मुलाकात के अनुरोध के बाद गोपनीयता के उल्लंघन पर पूर्व राजदूत के. पी. फैबियन ने कहा कि यह बात चौंकाने वाली है कि कनाडा ने गोपनीयता का उल्लंघन किया।
उन्होंने कहा, "कनाडा ने भारतीय राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार के साथ बैठक का अनुरोध किया, जो इस शर्त पर सहमत हुए कि बैठक गोपनीय रहेगी। जबकि कनाडाई पक्ष ने शुरू में सहमति व्यक्त की, बाद में उन्होंने इस प्रतिबद्धता को तोड़ दिया, जो राजनयिक विश्वास को कमजोर करता है। प्रभावी कूटनीति के लिए गोपनीयता बहुत ज़रूरी है और इसे भंग करना अच्छे संबंधों को बनाए रखने के लिए अनुकूल नहीं है।"
कनाडा सरकार द्वारा इस लीक की जांच पर पूर्व राजदूत कहते हैं कि "लीक अपरिहार्य हैं, लेकिन अगर ऐसा होता है, तो एक पक्ष को दूसरे पक्ष द्वारा साझा की गई संवेदनशील जानकारी लीक करके जवाब नहीं देना चाहिए। इसे हल करने के लिए तनाव कम करना जरूरी है।"
विदेशी मामलों के जानकार फैबियन ने इस तरह की खुफिया जानकारी के उल्लंघन से भारत और कनाडा के बीच स्थिर संबंधों की संभावना के कम होने पर कहा कि दोनों देशों को तनाव कम करने की इच्छा की ज़रूरत है, फिर भी मुझे दोनों पक्षों में यह इच्छा नहीं दिखती।
विदेशी मामलों के जानकार फैबियन ने इस तरह की खुफिया जानकारी के उल्लंघन से भारत और कनाडा के बीच स्थिर संबंधों की संभावना के कम होने पर कहा कि दोनों देशों को तनाव कम करने की इच्छा की ज़रूरत है, फिर भी मुझे दोनों पक्षों में यह इच्छा नहीं दिखती।
विदेशी मामलों के जानकार फैबियन ने कहा, "वर्तमान स्थिति को देखते हुए, दोनों देशों के बीच स्थिति और भी खराब होने की संभावना है, जब तक कि दोनों पक्ष तनाव कम करने के महत्व को नहीं समझते।"