Sputnik मान्यता
भारतीय और विदेशी विशेषज्ञों द्वारा प्रदान किया गया क्षेत्रीय और वैश्विक घटनाओं का गहन विश्लेषण पढ़ें - राजनीति और अर्थशास्त्र से लेकर विज्ञान-तकनीक और स्वास्थ्य तक।

कज़ान से बीजिंग तक: शांतिपूर्ण सीमा की दिशा में भारत-चीन प्रयास

© Photo : X/@narendramodiFirst bilateral talks between Modi and XI in 5 years
First bilateral talks between Modi and XI in 5 years - Sputnik भारत, 1920, 20.12.2024
सब्सक्राइब करें
भारत और चीन के विशेष प्रतिनिधियों की 23वीं बैठक भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (CPC) केंद्रीय समिति के राजनीतिक ब्यूरो के सदस्य और विदेश मंत्री वांग यी के बीच बुधवार को बीजिंग में आयोजित की गई।
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी किए गए बयान के मुताबिक इस बैठक में सीमा क्षेत्रों में शांति और स्थिरता के प्रबंधन की देखरेख करने और सीमा प्रश्न का निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान तलाशने के लिए जल्द से जल्द बैठक करने का निर्णय लिया गया।
दोनों देशों के विशेष प्रतिनिधियों के बीच मुलाकात प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच कज़ान में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन के दौरान हुई बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार हुई। बयान के मुताबिक 2020 में भारत-चीन सीमा क्षेत्रों के पश्चिमी क्षेत्र में टकराव के बाद से यह विशेष प्रतिनिधियों की पहली बैठक थी।

भारतीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी को अगले दौर की विशेष प्रतिनिधियों की पारस्परिक बैठक के आयोजन के लिए सुविधाजनक तिथि पर भारत आने के लिए आमंत्रित किया।

Sputnik India ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के सेंटर फॉर इंटरनेशनल पॉलिटिक्स, ऑर्गनाइजेशन एंड डिसआर्मामेंट (CIPOD) में कूटनीति और निरस्त्रीकरण के प्रोफेसर डॉ. स्वर्ण सिंह से लगभग पांच साल के बाद भारतीय सुरक्षा सलाहाकर अजित डोभाल और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई मुलाकात के परिणामों को समझने की कोशिश की।
डॉ. स्वर्ण सिंह ने कहा कि कज़ान में प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी की बैठक ने दोनों पक्षों के बीच सीमा तनाव को कम करने और हल करने की इच्छा पर स्पष्ट और आम सहमति को दर्शाया।

प्रोफेसर डॉ. स्वर्ण सिंह कहते हैं, "कज़ान की बैठक के बाद आयोजित होने वाली अनुवर्ती बैठकों पर रणनीतिक और विशिष्ट दिशा-निर्देश भी दिए गए, जिसमें दो विदेश मंत्रियों की प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक, परामर्श और समन्वय पर कार्य तंत्र और अब उनके विशेष प्रतिनिधि शामिल हैं। यह स्पष्ट रूप से एक विभक्ति बिंदु को दर्शाता है जो आपसी विश्वास के निर्माण में अगले चरण को शुरू करने का वादा करता है।"

न केवल सीमा विवादों, बल्कि व्यापक द्विपक्षीय मुद्दों को भी प्रभावी ढंग से सुलझाने के लिए विकसित हो रहे विशेष प्रतिनिधि तंत्र के बारे में अन्तर्राष्ट्रीय कूटनीति और निरस्त्रीकरण विशेषज्ञ डॉ स्वर्ण सिंह का कहना है कि बीजिंग में विशेष प्रतिनिधियों की बैठक में बनी छह सूत्री सहमति से स्पष्ट है कि दोनों पक्ष सीमा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करके अपनी परेशानियों को पहचानने और हल करने के लिए सहमत हुए हैं।

उन्होंने बताया, "यह बैठक केवल सीमा मुद्दों तक सीमित नहीं है। वे सीमा गश्त के समाधान, कैलाश मानसरोवर की भारतीय तीर्थयात्रा के लिए मार्गों को फिर से खोलने, सीमा पार नदियों के हाइड्रोलॉजिकल डेटा को फिर से साझा करना शुरू करने और वीजा मुद्दों को हल करने, पत्रकारों का आदान-प्रदान और दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें आदि सहित अपनी छह सूत्री सहमति को क्रियान्वित करने के लिए इन चर्चाओं को जारी रखने पर भी सहमति हुए।"

इसके साथ प्रोफेसर कहते हैं कि कैलाश मानसरोवर तीर्थयात्रा को पुनर्जीवित करना और नदी डेटा साझा करना भारत-चीन संबंधों को बेहतर बनाने में एक सार्थक कदम है।
प्रोफेसर स्वर्ण सिंह ने आखिर में बताया, "भारतीयों के लिए कैलाश और मानसरोवर की तीर्थयात्रा को पुनर्जीवित करने से निश्चित रूप से भारत-चीन संबंधों के बारे में सकारात्मक धारणा बढ़ेगी और वास्तविक नियंत्रण रेखा पर माहौल में भी सुधार होगा।"
वहीं शिव नादर विश्वविद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय संबंध एवं शासन अध्ययन विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर जैबिन टी. जैकब ने Sputnik India को बताया कि "कज़ान में मोदी-शी की बैठक ज़मीन पर दोनों सेनाओ के पीछे हटने के बिना संभव नहीं थी।"

जैबिन टी. जैकब ने कहा कि बीजिंग में "दोनों पक्षों द्वारा कज़ान में अपने नेताओं की बैठक का संदर्भ दिया गया" और "यह अनिवार्य रूप से यह कहने की कोशिश है कि विदेश नीति प्रक्रियाओं द्वारा नहीं बल्कि व्यक्तियों द्वारा निर्देशित और संचालित की जा रही है।"

At least 360 Indian youth delegates fly to Russia's Sochi for the World Youth Festival 2024 - Sputnik भारत, 1920, 18.12.2024
भारत-रूस संबंध
भारत और रूस अंतर-सरकारी वीज़ा-मुक्त समझौते पर काम कर रहे हैं: रूसी विदेश मंत्रालय
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала