https://hindi.sputniknews.in/20241227/europe-not-keeping-up-with-tech-progress-creating-new-weapons-already-outdated-nato-8605978.html
यूरोप तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल रखने में असमर्थ: नाटो कमांडर
यूरोप तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल रखने में असमर्थ: नाटो कमांडर
Sputnik भारत
नाटो के सुप्रीम एलाइड कमांडर एडमिरल पियरे वंडियर ने कहा, यूरोप सैन्य तकनीक विकास में पिछड़ा हुआ है
2024-12-27T13:20+0530
2024-12-27T13:20+0530
2024-12-27T13:20+0530
डिफेंस
यूरोप
यूरोपीय संघ
सामूहिक विनाश के हथियार
हथियारों की आपूर्ति
सैन्य तकनीकी सहयोग
सैन्य तकनीक
रूसी सैन्य तकनीक
सैन्य प्रौद्योगिकी
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/06/0f/2498223_0:160:3072:1888_1920x0_80_0_0_c23e1306678a56a1ac553f9af2038dde.jpg
यूरोप सैन्य प्रौद्योगिकियों के विकास के साथ तालमेल नहीं रख पा रहा है और उसको हथियार प्रणालियां बनाने में कई वर्षों का समय लगा रहा है, यही कारण है कि जब वे अंततः अपनाई जाती हैं तो पुरानी हो जाती हैं, नाटो सुप्रीम एलाइड कमांडर ट्रांसफॉर्मेशन एडमिरल पियरे वंडियर ने कहा।उन्होंने कहा कि इस प्रकार के तकनीकी विकास की अवधि लगभग दो से तीन वर्ष होती है, जो "यूरोप की विशाल, नियंत्रित खरीद प्रणाली" की तुलना में दस गुना तेज है, जिससे यूरोप पीछे रह गया है।साथ ही, उन्होंने कहा कि बड़े उपकरणों यानी विमान, टैंक या जहाज के विकास में तेजी लाना संभव नहीं है, क्योंकि इनके निर्माण में हमेशा दशकों लग जाते हैं। हालाँकि, ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स, अर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), संचार और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के विकास की गति बढ़ाई जानी चाहिए।
https://hindi.sputniknews.in/20241226/fsb-foils-plot-to-target-and-assassinate-senior-defense-officials-8602098.html
यूरोप
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
2024
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
खबरें
hi_IN
Sputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e7/06/0f/2498223_171:0:2902:2048_1920x0_80_0_0_7c7c5fdb7efc7087f468edf70683ce2a.jpgSputnik भारत
feedback.hindi@sputniknews.com
+74956456601
MIA „Rossiya Segodnya“
सत्येन्द्र प्रताप सिंह
https://cdn1.img.sputniknews.in/img/07e6/0c/13/137983_0:0:390:391_100x100_80_0_0_d7f05508f508b7ccc8f3f1e549c0f145.jpg
सैन्य तकनीक, यूरोप तकनीकी प्रगति, उपकरणों विमान, अर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, संचार और सॉफ्टवेयर, हथियार प्रणाली,
सैन्य तकनीक, यूरोप तकनीकी प्रगति, उपकरणों विमान, अर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, संचार और सॉफ्टवेयर, हथियार प्रणाली,
यूरोप तकनीकी प्रगति के साथ तालमेल रखने में असमर्थ: नाटो कमांडर
नाटो के सुप्रीम एलाइड कमांडर एडमिरल पियरे वंडियर ने कहा कि यूरोप सैन्य तकनीक विकास में पिछड़ा हुआ है और उसको हथियार प्रणालियों को तैयार होने में बहुत अधिक समय लगाता है, जिसके कारण उपयोग में आने तक वे पुराने हो जाते हैं।
यूरोप सैन्य प्रौद्योगिकियों के विकास के साथ तालमेल नहीं रख पा रहा है और उसको हथियार प्रणालियां बनाने में कई वर्षों का समय लगा रहा है, यही कारण है कि जब वे अंततः अपनाई जाती हैं तो पुरानी हो जाती हैं, नाटो सुप्रीम एलाइड कमांडर ट्रांसफॉर्मेशन एडमिरल पियरे वंडियर ने कहा।
"उदाहरण के लिए, आप कहते हैं ‘मैं अगली पीढ़ी के टैंक बना रहा हूं’ वे इस पर वर्षों तक काम करते हैं, एक अनुबंध की घोषणा करते हैं, इसका उत्पादन एक और दशक तक चलता है, और अंततः आपके पास एक टैंक होता है जिसके बारे में आप निश्चित नहीं हैं कि वह आपके लक्ष्यों को पूरा करेगा या नहीं, क्योंकि चीजें बदल गई हैं, नई तकनीक को आने में समय लगा। आपने बहुत सारा पैसा खर्च किया है, बस एक ऐसे प्लेटफ़ॉर्म के लिए जो डिज़ाइन के हिसाब से पुराना है, और यह सब इसलिए क्योंकि इसे बनाने में बहुत लंबा समय लगा", वैंडियर ने गुरुवार को डिफेंस न्यूज पोर्टल को बताया।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार के तकनीकी विकास की अवधि लगभग दो से तीन वर्ष होती है, जो "यूरोप की विशाल,
नियंत्रित खरीद प्रणाली" की तुलना में दस गुना तेज है, जिससे यूरोप पीछे रह गया है।
साथ ही, उन्होंने कहा कि बड़े उपकरणों यानी विमान, टैंक या जहाज के विकास में तेजी लाना संभव नहीं है, क्योंकि इनके निर्माण में हमेशा दशकों लग जाते हैं। हालाँकि, ऑप्टोइलेक्ट्रॉनिक्स, अर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI), संचार और सॉफ्टवेयर के क्षेत्र में नई प्रौद्योगिकियों के विकास की गति बढ़ाई जानी चाहिए।