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म्यांमार भूकंप त्रासदी: ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारत की तीनों सेनाओं का बड़ा राहत अभियान
म्यांमार भूकंप त्रासदी: ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारत की तीनों सेनाओं का बड़ा राहत अभियान
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म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारतीय सेनाओं ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर राहत सहायता शुरू कर दी है। 31 मार्च की सुबह तक भारतीय सेना ने अपने राहत-बचाव दलों के सदस्यों को मांडले भेजना शुरू कर दिया है।
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म्यांमार की सेना के 15 ट्रकों और 10 दूसरे वाहनों में सवार होकर सेना के फील्ड अस्पताल के 110 सदस्य मांडले जा रहे हैं। इन सदस्यों के पास सभी आवश्यक उपकरण और दवाएं हैं। भारत ने म्यांमार में आए भूकंप के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य में सहायता देना प्रारंभ कर दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारतीय सेनाओं और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के दलों को राहत सामग्री के साथ 28 मार्च से ही म्यांमार भेजना शुरू कर दिया था। म्यांमार के नज़दीक स्थित भारतीय नौसेना की पूर्वी कमान ने 29 मार्च को राहत सामग्री के साथ सतपुड़ा और सावित्री युद्धपोत को रवाना कर दिया था। 30 मार्च को अंडमान-निकोबार कमान से युद्धपोत कार्मुक और एक लैंडिंग शिप भी म्यांमार के लिए रवाना हो गया है। इन युद्धपोतों में कुल 52 टन से ज्यादा कपड़े, पीने का पानी, भोजन, दवाइयां और आपातकालीन आवश्यकता के दूसरे सामान भेजे गए हैं।भारतीय वायुसेना अपने बड़े परिवहन विमानों के ज़रिए भूकंप प्रभावित इलाकों में प्रभावित लोगों तक कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, खाने के पैकेट और रसोई के सामान पहुंचा रही है। ये बड़े परिवहन विमान भूकंप से तबाह हुए इलाकों में खोज और बचाव दल, चिकित्सा दल और उनके उपकरण पहुंचा रहे हैं।
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म्यांमार भूकंप त्रासदी: ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारत की तीनों सेनाओं का बड़ा राहत अभियान
म्यांमार में आए विनाशकारी भूकंप के बाद भारतीय सेनाओं ने विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर राहत सहायता शुरू कर दी है। 31 मार्च की सुबह तक भारतीय सेना ने अपने राहत-बचाव दलों के सदस्यों को मांडले भेजना शुरू कर दिया है।
म्यांमार की सेना के 15 ट्रकों और 10 दूसरे वाहनों में सवार होकर सेना के फील्ड अस्पताल के 110 सदस्य मांडले जा रहे हैं। इन सदस्यों के पास सभी आवश्यक उपकरण और दवाएं हैं।
इससे पहले 30 मार्च को भारतीय सेना के 10 फील्ड अस्पताल कर्मचारी एयरक्राफ्ट से मांडले पहुंचे थे। भारतीय सेना के फील्ड अस्पताल को मांडले की पुरानी हवाई पट्टी में जगह दी गई है। यहां 200 बिस्तरों वाला एक पुराना अस्पताल है जिसे भारतीय सेना घायल लोगों के उपचार के लिए तैयार कर रही है।
भारत ने म्यांमार में आए भूकंप के तुरंत बाद राहत और बचाव कार्य में सहायता देना प्रारंभ कर दिया था। भारतीय विदेश मंत्रालय ने ऑपरेशन ब्रह्मा के तहत भारतीय सेनाओं और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल के दलों को राहत सामग्री के साथ 28 मार्च से ही म्यांमार भेजना शुरू कर दिया था।
म्यांमार के नज़दीक स्थित भारतीय नौसेना की पूर्वी कमान ने 29 मार्च को राहत सामग्री के साथ सतपुड़ा और सावित्री युद्धपोत को रवाना कर दिया था। 30 मार्च को अंडमान-निकोबार कमान से युद्धपोत कार्मुक और एक लैंडिंग शिप भी म्यांमार के लिए रवाना हो गया है। इन युद्धपोतों में कुल 52 टन से ज्यादा कपड़े, पीने का पानी, भोजन, दवाइयां और आपातकालीन आवश्यकता के दूसरे सामान भेजे गए हैं।
भारतीय वायुसेना अपने बड़े परिवहन विमानों के ज़रिए भूकंप प्रभावित इलाकों में प्रभावित लोगों तक कंबल, तिरपाल, स्वच्छता किट, स्लीपिंग बैग, सोलर लैंप, खाने के पैकेट और रसोई के सामान पहुंचा रही है। ये बड़े परिवहन विमान भूकंप से तबाह हुए इलाकों में खोज और बचाव दल, चिकित्सा दल और उनके उपकरण पहुंचा रहे हैं।