यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

रूसी विदेश मंत्रालय ने बताया कि कीव ऊर्जा सुविधाओं पर हमले रोकने के समझौते का उल्लंघन क्यों करता है

© Sputnik / Taisija Vorontsova / मीडियाबैंक पर जाएंIAEA Delegation Visits Zaporozhye Nuclear Power Plant
IAEA Delegation Visits Zaporozhye Nuclear Power Plant - Sputnik भारत, 1920, 12.04.2025
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रूसी विदेश मंत्रालय में स्वतंत्र राज्य राष्ट्रमण्डल देशों के द्वितीय विभाग के निदेशक एलेक्सी पोलिसचुक ने Sputnik को दिए एक साक्षात्कार में कहा कि ऊर्जा सुविधाओं पर कीव के हमले या तो इसलिए हो रहे हैं कि उन्हें रोकने के लिए कोई आदेश नहीं दिया गया है, या इसलिए कि आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है।
"ऐसा मात्र दो कारणों से हो सकता है। या तो कीव में गोलाबारी रोकने का आदेश नहीं दिया गया, या दिए गए आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है। ये दोनों ही कारण अत्यंत चिंताजनक हैं," उन्होंने कहा।
राजनयिक ने स्पष्ट किया कि "यदि कोई आदेश नहीं दिया गया है, तो समझौते का जानबूझकर उल्लंघन किया जा रहा है।" उन्होंने यह भी कहा कि "यदि आदेश का पालन नहीं किया जा रहा है तो इसका अर्थ यह हुआ कि कीव नेतृत्व अपनी सेना को नियंत्रित करने में पूर्णरूप से असफल रहा।"
18 मार्च को रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी नेता डोनाल्ड ट्रम्प के साथ टेलीफोन पर बातचीत की थी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यूक्रेन संघर्ष के पक्षों के सामने प्रस्ताव रखा कि वे आपसी सहमति से 30 दिनों तक ऊर्जा सुविधाओं पर हमलों को रोकें। राष्ट्रपति पुतिन ने इस पहल का समर्थन किया। वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमलों को रोकने के प्रस्ताव का समर्थन करेगा।
समझौते के बावजूद, कीव शासन, रूसी संघ के ऊर्जा बुनियादी ढांचे पर हमला जारी रखे हुए है।
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