डिफेंस
भारतीय सेना, इसके देशी और विदेशी भागीदारों और प्रतिद्वन्द्वियों की गरमा गरम खबरें।

CATS-वॉरियर्स की पहली उड़ान अगले साल; एक पायलट, कई ड्रोन से बनी घातक टीम

© PhotoHAL CATS Warrior
HAL CATS Warrior - Sputnik भारत, 1920, 20.05.2025
सब्सक्राइब करें
यह ड्रोन वारफ़ेयर में एक क्रांति के जैसा है जिसे हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड यानि HAL प्राप्त करने की तैयारी में है। HAL द्वारा विकसित किया जा रहा कॉम्बैट एयर टीमिंग सिस्टम (CATS) एक लड़ाकू फ़ाइटर जेट और कई ड्रोन की हमलावर टीम है जो एक साथ काम करेगी जिसमें फ़ाइटर जेट मदरशिप और ड्रोन साथ में उड़ने वाले विंगमैन की तरह काम करेंगे।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने स्पुतनिक इंडिया को बताया है कि इस प्रोजेक्ट में काम तेज़ी से आगे बढ़ रहा है और अगले एक साल में मदरशिप और ड्रोन के बीच संपर्क के लिए आवश्यक डाटा लिंक को तैयार कर लिया जाएगा। अगले साल ही CATS की पहली उड़ान होने की संभावना है।
सूत्रों ने बताया कि विंगमैन की तरह काम करने वाले ड्रोन बनाने का काम जारी है लेकिन फ़ाइटर जेट और ड्रोन के बीच संपर्क के लिए डाटा लिंक पर काम भी इसके साथ ही चल रहा है। अभी वायुसेना में प्रशिक्षण एयरक्राफ्ट के तौर पर प्रयोग होने वाले किरण जेट को ड्रोन की तरह प्रयोग किया जा रहा है।
किरण की दो सीटों में से एक सीट को हटा दिया गया है और उसे मदरशिप के साथ डाटा लिंक से जोड़ा गया है। किरण ट्रेनर की दूसरी सीट पर मौजूद पायलट किसी आपात स्थिति में विमान का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकता है।
सूत्रों ने बताया है कि शुरुआत में एक मदरशिप से दो ड्रोन जोड़े जाएंगे जिनमें से हर एक का भार 3 टन तक होगा और इसी के अनुसार ये दोनों अस्त्र ले जा पाएंगे। बाद में मदरशिप के साथ स्वार्म ड्रोन जोड़ने का काम शुरू होगा।
CATS कई लड़ाकू जेट्स के आक्रमण करने वाले दल की तरह काम करेगा, अंतर केवल यह होगा कि इसमें केवल एक ही पायलट होगा। एक ही पायलट सभी ड्रोन का नियंत्रण कर सकेगा और उन्हें आक्रमण, टोह लेने का काम दे सकेगा।
सभी ड्रोन पायलट के आदेश पर हमला करेंगे, हमले को रोकेंगे और आवश्यकता पड़ने पर किसी ठिकाने पर आत्मघाती हमला कर सकेंगे। ड्रोन शत्रु के ठिकाने पर बहुत पास जाकर उसपर मिसाइलें दाग सकते हैं जो किसी पायलट के लिए संभव नहीं होगा। ये ड्रोन मदरशिप से काफ़ी दूरी पर रहकर भी अपनी कार्रवाई कर सकेंगे।
S-400 Air Defence Systems - Sputnik भारत, 1920, 04.03.2025
भारत-रूस संबंध
भारत की सैन्य शक्ति की रीढ़ है रूस, जानिए कैसे?
CATS को किसी एयरबेस या किसी एयरक्राफ्ट कैरियर दोनों पर काम करने के लिए तैयार किया जा रहा है। यानि मदरशिप और ड्रोन किसी एयरक्राफ्ट कैरियर से टेक-ऑफ कर सकेंगे और मिशन पूरा होने पर वापस उसी कैरियर पर लैंड कर सकेंगे।
CATS के मदरशिप के तौर स्वदेशी फ़ाइटर जेट तेजस को तैयार किया जा रहा है। अभी दुनिया के किसी भी देश के पास मानव पायलट और मानव रहित ड्रोन के एक साथ काम करने वाली टीम का सिस्टम नहीं है, हालांकि कुछ देश इसे विकसित करने की दिशा में काम कर रहे हैं।
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала