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जेट इंजनों के स्वदेशी उत्पादन के प्रयास तेज, एचएएल अधिकारी रूस के दौरे पर: सूत्र

© AP Photo / Anupam NathA Sukhoi SU-30 displays its skills during an air show ahead of the anniversary of Indian Air Force and the diamond jubilee celebration of the Tezpur Air Force Station in Tezpur, India, Thursday, Sept. 26, 2019.
A Sukhoi SU-30 displays its skills during an air show ahead of the anniversary of Indian Air Force and the diamond jubilee celebration of the Tezpur Air Force Station in Tezpur, India, Thursday, Sept. 26, 2019. - Sputnik भारत, 1920, 26.11.2024
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विशेष
किसी लड़ाकू जेट को अपने कार्यकाल के दौरान अतिरिक्त इंजनों की आवश्यकता होती है। इसके अलावा तेजस मार्क 1 ए के इंजिन के अमेरिका से आने में इस साल हुई देरी के बाद भारत भविष्य में लड़ाकू जेट्स के इंजनों को लेकर विदेशों पर अपनी निर्भरता समाप्त करना चाहता है।
भारत में लड़ाकू जेटों के उत्पादन की नई संभावना रूस में तलाशी जा रही है। भारतीय वायुसेना में काम कर रहे लड़ाकू जेटों के लिए इंजनों के भारत में ही सीरियल प्रोडक्शन पर चर्चा करने के लिए हिंदुस्तान एयरोनॉटिकल लिमिटेड (HAL) के शीर्ष अधिकारी इस समय रूस के दौरे पर हैं।

सूत्रों से Sputnik India को मिली जानकारी के अनुसार, HAL के सीएमडी डॉ. डीके सुनील इस सप्ताह रूस में एयरक्राफ्ट के इंजनों की डिज़ाइन और उत्पादन से जुड़ी कई फैक्टरियों में जा सकते हैं।

यहां वह एयरक्राफ्ट इंजिन की डिज़ाइन और उत्पादन से जुड़ी जानकारियां लेंगे जिस आधार पर भारत में इन इंजनों के उत्पादन की संभावनाओं को तलाशा जा सके। HAL भारत में एयरक्राफ्ट उत्पादन की सबसे बड़ी इकाई है जो कई दशकों से एयरक्राफ्ट के विकास और उत्पादन में काम कर रही है।
भारत को अपनी सेनाओं के लड़ाकू विमानों के लिए अगले एक दशक में 1000 से ज्यादा इंजनों की आवश्यकता होगी। इनमें से ज्यादातर उन विमानों के लिए होंगे जिनका उत्पादन भारत में होगा। भारतीय वायुसेना के लिए 83 तेजस मार्क 1 ए का ऑर्डर HAL को दिया जा चुका है।
इसके अलावा 97 तेजस मार्क 1 ए की खरीदी के बारे में रक्षा मंत्रालय में प्रक्रिया चल रही है। लेकिन अमेरिका से इंजन की आपूर्ति में हो रही देरी के कारण तेजस मार्क 1ए की वायुसेना को सप्लाई शुरू करने में एक साल की देरी होने की आशंका है।
तेजस मार्क 2 के लिए भी जीई एफ 414 इंजन की खरीदी पर चर्चा चल रही है जिसका उत्पादन अगले कुछ सालों में शुरू होगा। नौसेना के लिए भारत स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर के लिए दो इंजिन वाले फ़ाइटर जेट्स यानि TEDBF भी विकसित कर रहा है। भारत पांचवीं पीढ़ी के एडवांस मीडियम कॉम्बेट एयरक्राफ्ट यानि AMCA पर भी तेज़ी से काम कर रहा है। इसके लिए 294 इंजन खरीदने की तैयारी है जो सबसे बड़े सौदों में से एक होगा।
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