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नई विश्व व्यवस्था का दौर शुरू हो गया है: SPIEF 2025 में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति
नई विश्व व्यवस्था का दौर शुरू हो गया है: SPIEF 2025 में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति
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SPIEF में आज से शुरू हुए Valdai क्लब की गोलमेज सभा का पहले सत्र का विषय “घने कोहरे में नेविगेट करना: क्या रणनीतियाँ संभव हैं जब चारों ओर सब कुछ बदल रहा हो?” है।
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श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और एनालिटिकल सेंटर "जियोपॉलिटिकल कार्टोग्राफर" के संस्थापक रानिल विक्रमसिंघे ने वल्दाई क्लब की चर्चा में कहा कि अब गैर-सरकारी अभिकर्ता वैश्विक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे एक नई अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था उभर रही है।उन्होंने आगे कहा कि दुनिया में विश्व व्यवस्था का अभाव है। परिवर्तनों का पैमाना भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र से परे है। हालंकि ब्रिक्स उभरती हुई नई विश्व व्यवस्था की आधारशिला है। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और न्यू डेवलपमेंट बैंक एक नई आर्थिक वास्तविकता की नींव हैं।इसके आगे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हिंद महासागर के बारे में आसियान की रणनीति कहती है कि ये अंतरराष्ट्रीय जल है और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
https://hindi.sputniknews.in/20250526/double-standards-in-foreign-policy-are-not-acceptable-jaishankar-on-partnership-with-russia-9189508.html
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नई विश्व व्यवस्था, new world order, spief 2025, वल्दाई इंटरनेशनल डिस्कशन क्लब, valdai discussion club, ब्रिक्स की भूमिका, role of brics, g7 बनाम g20, g7 vs g20, चीन बनाम अमेरिका, china vs usa, इंडो-पैसिफिक क्षेत्र, indo-pacific region, ऊर्जा भू-राजनीति, energy geopolitics, श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति का बयान, ranil wickremesinghe speech, spief में वैश्विक बदलाव पर चर्चा, global power shift discussed at spief
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नई विश्व व्यवस्था का दौर शुरू हो गया है: SPIEF 2025 में श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति
14:38 17.06.2025 (अपडेटेड: 14:50 17.06.2025) सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम (SPIEF) के हिस्से के रूप में वल्दाई इंटरनेशनल डिस्कशन क्लब का एक सत्र आयोजित किया जा रहा है, जो दो दिन 17 से 18 जून तक चलेगा।
श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति और एनालिटिकल सेंटर "जियोपॉलिटिकल कार्टोग्राफर" के संस्थापक
रानिल विक्रमसिंघे ने वल्दाई क्लब की चर्चा में कहा कि अब गैर-सरकारी अभिकर्ता वैश्विक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जिससे एक नई अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था उभर रही है।
उन्होंने आगे कहा कि
दुनिया में विश्व व्यवस्था का अभाव है। परिवर्तनों का पैमाना भू-राजनीति और भू-अर्थशास्त्र से परे है। हालंकि ब्रिक्स उभरती हुई नई विश्व व्यवस्था की आधारशिला है। बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव और न्यू डेवलपमेंट बैंक एक नई आर्थिक वास्तविकता की नींव हैं।
रानिल विक्रमसिंघे ने कहा, "चीन ने संयुक्त राज्य अमेरिका को दुनिया को नया रूप देने से रोका, इसलिए अमेरिका ने विभाजन पैदा करने की कोशिश की और चीन के खिलाफ़ व्यापार युद्ध शुरू किया। इसके साथ-साथ रूस के खिलाफ़ प्रतिबंधों ने ऊर्जा परिदृश्य को बदल दिया है और तेल व्यापार के मामले में इंडो-पैसिफिक क्षेत्र महत्वपूर्ण हो गया है।"
इसके आगे श्रीलंका के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि हिंद महासागर के बारे में आसियान की रणनीति कहती है कि ये अंतरराष्ट्रीय जल है और समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा, "अब सत्ता के केंद्र में बहुध्रुवीय दुनिया की ओर बदलाव हो रहा है। G7 अप्रचलित होता जा रहा है, जबकि G20 का महत्व बढ़ता जा रहा है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि हिंद महासागर क्षेत्र शांतिपूर्ण बना रहे।"