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व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर दिया भारत पर विचित्र तर्क
व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर दिया भारत पर विचित्र तर्क
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व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने गुरुवार को भारत की आलोचना की।
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ब्लूमबर्ग के साथ एक साक्षात्कार में व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने सीधे तौर पर भारत पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका के दबाव के बावजूद रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने इसी हफ़्ते भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाया है। इस कदम से अमेरिका को भारत के 66% निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है। 2024-25 में वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर (86.5 अरब डॉलर का निर्यात और 45.3 अरब डॉलर का आयात) था।व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार ने आगे कहा कि भारत की वजह से अमेरिका में करदाताओं सहित अन्य को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।इससे पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ऐसे समय में जब चीन और यूरोपीय संघ रूस के तेल और गैस के सबसे बड़े खरीदार बने हुए हैं, भारत पर निशाना साधना "हैरान करने वाला" है।
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व्हाइट हाउस के सलाहकार पीटर नवारो ने यूक्रेन संघर्ष को लेकर दिया भारत पर विचित्र तर्क
13:05 28.08.2025 (अपडेटेड: 13:15 28.08.2025) अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा भारत पर लगाए गए 50 प्रतिशत टैरिफ के लागू होने के बाद अमेरिका के तरफ से प्रतिदिन भारत के खिलाफ बयान दिए जा रहे हैं, इसी कड़ी में व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने गुरुवार को भारत की आलोचना की।
ब्लूमबर्ग के साथ एक साक्षात्कार में व्यापार सलाहकार पीटर नवारो ने सीधे तौर पर भारत पर आरोप लगाया कि वह अमेरिका के दबाव के बावजूद रूस से भारी मात्रा में कच्चा तेल खरीद रहा है।
पीटर नवारो ने कहा, "भारतीय इस बारे में बहुत अहंकारी हो रहे हैं। वे कहते हैं, "अरे, हमारे यहां ज़्यादा टैरिफ़ नहीं हैं। अरे, ये हमारी संप्रभुता है। हम जिससे चाहें तेल खरीद सकते हैं।" भारत, तुम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र हो ठीक है? तो फिर लोकतंत्र की तरह पेश आओ। लोकतंत्रों के साथ खड़े हो जाओ। अभी, तुम सत्तावादियों के साथ गठबंधन कर रहे हो... ये तुम्हारे दोस्त नहीं हैं। और रूस।"
रिपोर्ट के मुताबिक यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब अमेरिका ने इसी हफ़्ते
भारतीय वस्तुओं पर 50% टैरिफ लगाया है। इस कदम से अमेरिका को भारत के 66% निर्यात पर असर पड़ने की आशंका है। 2024-25 में वस्तुओं का द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर (86.5 अरब डॉलर का निर्यात और 45.3 अरब डॉलर का आयात) था।
व्हाइट हाउस के व्यापार सलाहकार ने आगे कहा कि भारत की वजह से अमेरिका में करदाताओं सहित अन्य को भी नुकसान उठाना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा, "यूक्रेन और यूरोप के पास आकर कहते हैं, "हमें और पैसा दो।" तो भारत जो कर रहा है, उसकी वजह से अमेरिका में हर किसी को नुकसान है। उपभोक्ता, व्यवसाय, कर्मचारी हारते हैं क्योंकि भारत के ऊँचे टैरिफ़ से हमें नौकरियां, कारखाने, आमदनी और ज्यादा मजदूरी का नुकसान होता है। और फिर करदाताओं का नुकसान होता है, क्योंकि हमें मोदी के युद्ध का खर्च उठाना है। शांति का रास्ता, कम से कम आंशिक रूप से नई दिल्ली से होकर जाता है।"
इससे पहले
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि ऐसे समय में जब चीन और यूरोपीय संघ रूस के तेल और गैस के सबसे बड़े खरीदार बने हुए हैं, भारत पर निशाना साधना "हैरान करने वाला" है।