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दीवाली पर भारत की वायुसेना को दोहरा उपहार, मिलेंगे दो तेजस-मार्क 1A
दीवाली पर भारत की वायुसेना को दोहरा उपहार, मिलेंगे दो तेजस-मार्क 1A
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भारतीय वायुसेना की नए फ़ाइटर जेट की प्रतीक्षा अगले माह समाप्त होने की आशा है। सूत्रों से स्पुतनिक इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर में भारतीय वायुसेना को दो नए तेजस मार्क 1A मिल जाएंगे। इन दोनों जेट में लगी मिसाइलों और दूसरे अस्त्रों का परीक्षण इस महीने पूरा हो जाने की संभावना है।
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इसके अलावा 25 किमी तक मार करने वाली ASRAM मिसाइल और कुछ अन्य बमों का परीक्षण चल रहा है जो इस महीने पूरा हो जाएगा। इन जेट का उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में हो रहा है। इस वित्त वर्ष के पूरा होने तक यानि मार्च 2026 तक वायुसेना को कुल 12 तेजस मार्क 1A मिल जाएंगे। हालांकि इन जेट्स को पिछले वर्ष के प्रारंभ में ही वायुसेना को सौंप दिया जाना था लेकिन इसमें लगने वाले इंजन के न मिलने के कारण इसमें डेढ़ वर्ष से ज्यादा की देरी हो चुकी है। तेजस मार्क 1A में अमेरिकी कंपनी GE का F-404 इंजन लगता है।भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने HAL को कुल 180 तेजस मार्क 1ए बनाने का ऑर्डर दिया है। इन जेट्स के मिलने के बाद भारतीय वायुसेना में तेजस जेट की संख्या सुखोई-30 के बाद सबसे ज्यादा होगी। भारतीय वायुसेना स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही है और स्वीकृत 42 स्क्वाड्रन के स्थान पर केवल 31 स्क्वाड्रन हैं। इसी महीने MiG-21 की दो स्क्वाड्रन सेवा से बाहर हो जाएंगी और तब भारतीय वायुसेना के पास केवल 29 स्क्वाड्रन होंगी। यह संख्या चीन और पाकिस्तान की साझा चुनौती से निबटने के लिए अपर्याप्त है।
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तेजस मार्क 1a, भारत की वायुसेना, उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (hal), भारतीय वायुसेना स्क्वाड्रन की कमी
तेजस मार्क 1a, भारत की वायुसेना, उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (hal), भारतीय वायुसेना स्क्वाड्रन की कमी
दीवाली पर भारत की वायुसेना को दोहरा उपहार, मिलेंगे दो तेजस-मार्क 1A
भारतीय वायुसेना की नए फ़ाइटर जेट की प्रतीक्षा अगले माह समाप्त होने की आशा है। सूत्रों से स्पुतनिक इंडिया को मिली जानकारी के अनुसार अक्टूबर में भारतीय वायुसेना को दो नए तेजस मार्क 1A मिल जाएंगे। इन दोनों जेट में लगी मिसाइलों और दूसरे अस्त्रों का परीक्षण इस महीने पूरा हो जाने की संभावना है।
उच्च पदस्थ सूत्रों ने स्पुतनिक इंडिया को बताया है कि पहले दो जेट्स पूरी तरह तैयार हैं। इसमें लगी 110 किमी तक हवा से हवा में मार करने वाली अस्त्र मिसाइल का परीक्षण हो चुका है।
इसके अलावा 25 किमी तक मार करने वाली ASRAM मिसाइल और कुछ अन्य बमों का परीक्षण चल रहा है जो इस महीने पूरा हो जाएगा। इन जेट का उत्पादन हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) में हो रहा है। इस वित्त वर्ष के पूरा होने तक यानि मार्च 2026 तक वायुसेना को कुल 12 तेजस मार्क 1A मिल जाएंगे।
हालांकि इन जेट्स को पिछले वर्ष के प्रारंभ में ही वायुसेना को सौंप दिया जाना था लेकिन इसमें लगने वाले इंजन के न मिलने के कारण इसमें डेढ़ वर्ष से ज्यादा की देरी हो चुकी है। तेजस मार्क 1A में अमेरिकी कंपनी GE का F-404 इंजन लगता है।
सूत्रों ने बताया कि जीई से दो इंजन HAL को मिल चुके हैं और बाकी 10 इंजन इस वर्ष के अंत तक मिलने की संभावना है सूत्रों ने साथ ही बताया कि HAL अगले वर्ष तक प्रतिवर्ष 30 जेट की दर से उत्पादन प्रारंभ करने के लिए तैयार है इसलिए प्रति वर्ष 20 जेट वायुसेना को सौंपे जाने का लक्ष्य रखा गया है।
भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने HAL को कुल 180 तेजस मार्क 1ए बनाने का ऑर्डर दिया है। इन जेट्स के मिलने के बाद भारतीय वायुसेना में तेजस जेट की संख्या सुखोई-30 के बाद सबसे ज्यादा होगी।
भारतीय वायुसेना स्क्वाड्रन की कमी से जूझ रही है और स्वीकृत 42 स्क्वाड्रन के स्थान पर केवल 31 स्क्वाड्रन हैं। इसी महीने MiG-21 की दो स्क्वाड्रन सेवा से बाहर हो जाएंगी और तब भारतीय वायुसेना के पास केवल 29 स्क्वाड्रन होंगी। यह संख्या चीन और पाकिस्तान की साझा चुनौती से निबटने के लिए अपर्याप्त है।