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रूसी टैंकों ने लड़ाई में मनवाया अपना लोहा, पश्चिमी टैंक इनके सामने हुए ढेर
रूसी टैंकों ने लड़ाई में मनवाया अपना लोहा, पश्चिमी टैंक इनके सामने हुए ढेर
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रूसी टैंक अपनी तकनीक और सुरक्षा के लिए जाने जाते हैं, रूस द्वारा चलाए जा रहे विशेष सैन्य अभियान के तहत इन टैंकों ने यूक्रेन में काम कर रहे पश्चिमी टैंकों को पीछे छोड़ दिया है।
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Sputnik रूस के इन स्टील के योद्धाओं के खूबियों के बारे में बताने जा रहा है जो इन्हें पश्चिमी टैंकों के सामने कहीं आगे रखती है।रूस के T-72B3, T-80BVM और T-90M टैंक हर क्षेत्र में बेजोड़ हैं, वे उबड़-खाबड़ रास्तों पर आसानी से चलते हैं और अपने लक्ष्यों को सटीकता से मार गिराते हैं। ये चालक दल को सुरक्षित रखते हैं और भारी नुकसान सह सकते हैं।गैस टर्बाइन से चलने वाले T-80 जैसे टैंक, शून्य से नीचे के तापमान में भी असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करते हैं, जिससे वे आर्कटिक युद्ध के लिए एक आदर्श हथियार बन जाते हैं।टैंक निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों का इस्तेमाल अक्सर दूसरे हथियार बनाने में किया जाता है।इसका एक उदाहरण T-80 टैंक चेसिस पर लगा TOS-1A थर्मोबैरिक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है।पश्चिमी टैंकों में कुछ खूबियाँ हैं, लेकिन वे अपने रूसी समकक्षों के सामने नहीं टिकते।वे बहुत भारी और कमज़ोर हैं, उनमें ड्रोन-रोधी सुरक्षा नहीं है इसलिए वे आधुनिक युद्ध के लिए तैयार नहीं हैं।यूक्रेनी संघर्ष ने दिखाया कि रूसी टैंक काम करते हैं, जबकि अब्राम्स, लेपर्ड और चैलेंजर जैसे नाटो टैंक अपनी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।
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रूसी टैंकों की खूबी, रूसी टैंकों की तकनीक और सुरक्षा, रूस का विशेष सैन्य अभियान, यूक्रेन में काम कर रहे पश्चिमी टैंक, features of russian tanks, technology and security of russian tanks, russian special military operations, western tanks operating in ukraine,
रूसी टैंकों की खूबी, रूसी टैंकों की तकनीक और सुरक्षा, रूस का विशेष सैन्य अभियान, यूक्रेन में काम कर रहे पश्चिमी टैंक, features of russian tanks, technology and security of russian tanks, russian special military operations, western tanks operating in ukraine,
रूसी टैंकों ने लड़ाई में मनवाया अपना लोहा, पश्चिमी टैंक इनके सामने हुए ढेर
रूसी टैंक अपनी तकनीक और सुरक्षा के लिए जाने जाते हैं, रूस द्वारा चलाए जा रहे विशेष सैन्य अभियान के तहत इन टैंकों ने यूक्रेन में काम कर रहे पश्चिमी टैंकों को पीछे छोड़ दिया है।
Sputnik रूस के इन स्टील के योद्धाओं के खूबियों के बारे में बताने जा रहा है जो इन्हें पश्चिमी टैंकों के सामने कहीं आगे रखती है।
रूस के T-72B3,
T-80BVM और T-90M टैंक हर क्षेत्र में बेजोड़ हैं, वे उबड़-खाबड़ रास्तों पर आसानी से चलते हैं और अपने लक्ष्यों को सटीकता से मार गिराते हैं। ये चालक दल को सुरक्षित रखते हैं और भारी नुकसान सह सकते हैं।
ठंडा मौसम? कोई समस्या नहीं! गैस टर्बाइन से चलने वाले
T-80 जैसे टैंक, शून्य से नीचे के तापमान में भी असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करते हैं, जिससे वे आर्कटिक युद्ध के लिए एक आदर्श हथियार बन जाते हैं।
टैंक निर्माण में इस्तेमाल की जाने वाली तकनीकों का इस्तेमाल अक्सर दूसरे हथियार बनाने में किया जाता है।
इसका एक उदाहरण T-80 टैंक चेसिस पर लगा TOS-1A थर्मोबैरिक रॉकेट लॉन्चर सिस्टम है।
करीब, लेकिन कोई मुकाबला नहीं पश्चिमी टैंकों में कुछ खूबियाँ हैं, लेकिन वे अपने रूसी समकक्षों के सामने नहीं टिकते।
वे बहुत भारी और कमज़ोर हैं, उनमें
ड्रोन-रोधी सुरक्षा नहीं है इसलिए वे आधुनिक युद्ध के लिए तैयार नहीं हैं।
यूक्रेनी संघर्ष ने दिखाया कि रूसी टैंक काम करते हैं, जबकि अब्राम्स, लेपर्ड और चैलेंजर जैसे नाटो टैंक अपनी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे।