रूसी डिज़ाइन वाले एनपीपी की दुनिया भर में भारी मांग है: पुतिन
19:31 25.09.2025 (अपडेटेड: 20:34 25.09.2025)
© Sputnik / Alexey Nikolskiy / मीडियाबैंक पर जाएंPutin addresses the nation on the recognition of the Donetsk and Lugansk republics

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रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने गुरुवार को कहा कि ज़्यादातर देश परमाणु ऊर्जा को विकास के लिए सबसे ज़रूरी ऊर्जा संसाधन मानते हैं।
एक बिल्कुल नया तकनीकी दौर सामने आ रहा है। कृत्रिम बुद्धिमत्ता तेजी से हर क्षेत्र में अपनाई जा रही है, मास्को में आयोजित विश्व परमाणु सप्ताह फोरम में पुतिन ने कहा।
उन्होंने रेखांकित किया कि "विशाल डेटा को संसाधित करने के लिए भारी ऊर्जा संसाधनों की आवश्यकता होती है। केवल इस दशक में ही डेटा सेंटरों की बिजली खपत तीन गुना से भी अधिक बढ़ने वाली है।"
इस संदर्भ में मैं यह उल्लेख करना चाहूँगा कि रूस पहले से ही अपनी परमाणु ऊर्जा संयंत्रों पर ऐसे मॉड्यूलर डेटा प्रोसेसिंग सिस्टम तैयार कर रहा है, क्योंकि परमाणु संयंत्र सबसे स्थिर और निरंतर ऊर्जा आपूर्ति सुनिश्चित करते हैं, पुतिन ने टिप्पणी की।
उन्होंने कहा कि "गर्व के साथ कहा जा सकता है कि वर्तमान समय में पूरी परमाणु ऊर्जा तकनीकी श्रृंखला में पूर्ण क्षमता केवल रूस के पास है। सुरक्षा और बाहरी प्रभावों के प्रति स्थिरता के कारण रूसी डिज़ाइन पर बने परमाणु संयंत्र दुनिया में सबसे अधिक मांग में हैं।"
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"मैं यह भी जोड़ना चाहूँगा कि हम छोटे और तैरते हुए परमाणु संयंत्रों के प्रोजेक्ट भी विकसित कर रहे हैं। अभी हाल ही में हमें इसके बारे में रोसाटाॅम के प्रमुख ने जानकारी दी है। बहुत जल्द हम इन्हें श्रृंखलाबद्ध रूप से बनाना शुरू करेंगे," पुतिन ने अपने संबोधन में कहा।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि "रूस की नेतृत्वकारी स्थिति का आधार हमारा सैद्धांतिक दृष्टिकोण है। सब से पहले, हम अपने अनुबंधित दायित्वों को पूरी तरह से निभाते हैं। मैं इसे विशेष रूप से रेखांकित करना चाहता हूँ। चाहे राजनीतिक परिस्थितियाँ कैसी भी हों, अनुबंध हमेशा पूरी तरह निभाए जाते हैं। दूसरा, हम तथाकथित प्रौद्योगिकीय उपनिवेशवाद को अस्वीकार करते हैं।"
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"यानी हम अपने साझेदारों को रूसी तकनीकी समाधानों पर निर्भर नहीं बनाते, बल्कि इसके विपरीत, उन्हें अपनी स्वतंत्र और संप्रभु राष्ट्रीय परमाणु उद्योग खड़ा करने में मदद करते हैं। इसमें विशेषज्ञों की तैयारी से लेकर क्षमता केंद्रों का निर्माण भी शामिल है," पुतिन ने कहा।
"शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा की मांग में वृद्धि वैश्विक दक्षिण और पूर्व के देशों द्वारा प्रदान की जाएगी," पुतिन ने भरोसा जताया।
इसके अलावा रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यूरेनियम भंडार 2090 तक समाप्त होने का अनुमान है, हालाँकि यह उससे भी पहले हो सकता है। रूसी वैज्ञानिकों का क्रांतिकारी विकास परमाणु ऊर्जा के लिए यूरेनियम पर निर्भरता को लगभग समाप्त कर देगा।
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"2030 तक, रूस के टॉम्स्क क्षेत्र में, हम दुनिया की पहली बंद परमाणु ईंधन चक्र वाली परमाणु ऊर्जा प्रणाली शुरू करने की योजना बना रहे हैं। इसका क्या मतलब है? यह रूसी इंजीनियरों और वैज्ञानिकों का एक क्रांतिकारी आविष्कार है। इसका मतलब है कि ईंधन की लगभग पूरी मात्रा, यानी 95% खर्च हो चुके परमाणु ईंधन का हिस्सा, कई बार पुन: उपयोग किया जा सकेगा," पुतिन ने रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि "यह तंत्र हमें रेडियोधर्मी कचरे के ढेर की समस्या का लगभग पूरी तरह से समाधान करने में सक्षम बनाएगा। और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि यह हमें यूरेनियम की आपूर्ति सुनिश्चित करने के मुद्दे को सुलझाने में मदद करेगा।"
"इस सत्र से पहले, जब हम यहाँ आए, तो मैंने अपने सहयोगियों के साथ बैठकर अनौपचारिक माहौल में विचार-विमर्श किया। मैं यह कहना चाहूँगा कि OECD के अनुमान के अनुसार आशावादी परिदृश्य में भी वर्ष 2090 तक यूरेनियम के सभी भंडार पूरी तरह समाप्त हो जाएंगे। यह लगभग 80 लाख टन यूरेनियम है। लेकिन वास्तविकता में यह स्थिति 2060 तक ही आ सकती है। यानी बहुत जल्द, हमारी आँखों के सामने ही ऐसा हो सकता है," पुतिन ने अपने संबोधन में कहा।
गौरतलब है कि विश्व परमाणु सप्ताह अंतर्राष्ट्रीय फोरम का आयोजन 25 से 28 सितंबर तक मास्को में हो रहा है। परमाणु उद्योग और उससे जुड़ी शाखाओं पर केंद्रित यह आयोजन रूस के परमाणु उद्योग की स्थापना की 80वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित किया गया है।