यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

पश्चिम रूस के खिलाफ सैन्य संघर्ष का एजेंडा चला रहा है: उप विदेश प्रमुख

© Polish Air ForcePolish F-16s and MiG-29s escort a B1B Lancer during a training mission for Bomber Task Force Europe, May 29, 2020.
Polish F-16s and MiG-29s escort a B1B Lancer during a training mission for Bomber Task Force Europe, May 29, 2020. - Sputnik भारत, 1920, 06.10.2025
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रूसी उप विदेश मंत्री अलेक्जेंडर ग्रुश्को ने सोमवार को कहा कि पश्चिमी देश रूस के साथ सैन्य टकराव की नीति अपना रहे हैं।
यूरोप स्वयं भी तनाव बढ़ाने की राह पर बढ़ रहा है, ग्रुश्को ने संवाददाताओं से कहा कि यह बात पश्चिमी देशों द्वारा यूक्रेन को दी जा रही बढ़ती सहायता में परिलक्षित होती है, जो उसे लम्बी दूरी के घातक हथियार भेज रही है।
उन्होंने कहा कि यह बात नाटो के पूर्वी हिस्से की सैन्य-राजनीतिक स्थिति में भी प्रतिबिंबित होती है, जहां अभ्यासों की संख्या बढ़ रही है, तथा अभ्यास "अधिक आक्रामक और आक्रामक प्रकृति के होते जा रहे हैं।"

ग्रुश्को ने कहा, "यदि हम सैन्य गतिविधि की प्रकृति और की जा रही सैन्य योजना की प्रकृति की बात करें तो यह स्पष्ट रूप से रूस के साथ सैन्य टकराव की ओर एक कदम है, और सामान्य तौर पर, रूस के साथ सैन्य टकराव की तैयारी की ओर एक कदम है।"

पोलैंड में ड्रोन घटना पर टिप्पणी करते हुए उप विदेश मंत्री ने कहा कि रूस ने ड्रोन घटना के बाद पोलैंड को सैन्य और विदेश मंत्रालय से परामर्श की पेशकश की थी, लेकिन वारसॉ ने इसे नजरअंदाज कर दिया।
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