भारत-रूस संबंध
मॉसको-दिल्ली रिश्तों की दैनिक सूचना। चिरस्थायी संबंधों को गहराई से देखें!

रूस की भारत को उन्नत जहाज निर्माण सहयोग की पेशकश

© PhotoNSA Ajit Doval Holds Talks With Russian Presidential Aide Patrushev
NSA Ajit Doval Holds Talks With Russian Presidential Aide Patrushev - Sputnik भारत, 1920, 18.11.2025
सब्सक्राइब करें
निकोलाई पात्रुशेव ने भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, राष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा समन्वयक वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता और बंदरगाह, नौवहन एवं जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ बैठकें कीं।
रूस के राष्ट्रपति के सहयोगी और रूसी समुद्री बोर्ड के अध्यक्ष निकोलाई पात्रुशेव ने नई दिल्ली में समुद्री सहयोग पर रूसी-भारतीय परामर्श कार्यक्रम आयोजित किया।
परामर्श के दौरान, दोनों पक्षों ने नागरिक समुद्री क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग के विकास पर चर्चा कर जहाज निर्माण, बंदरगाह अवसंरचना और समुद्री रसद में सहयोग पर विशेष ध्यान दिया गया। चालक दल के प्रशिक्षण के साथ-साथ विश्व महासागर के अन्वेषण में अनुसंधान गतिविधियों से संबंधित मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया।

निकोलाई पेत्रुशेव ने विशेष रूप से इस बात पर ज़ोर दिया, "हम भारत को जहाज निर्माण के क्षेत्र में दिलचस्प पहल की पेशकश कर सकते हैं, जिसमें मछली पकड़ने, यात्री और सहायक जहाजों के लिए मौजूदा डिजाइन प्रदान करने या नए डिजाइन विकसित करना शामिल है। हमारे पास विशिष्ट जहाज बनाने का व्यापक अनुभव है - जैसे कि बर्फ-श्रेणी के जहाज, और बर्फ तोड़ने वाले जहाज, जहां रूस का कोई भी प्रतिद्वंद्वी नहीं है।

इसके आगे उन्होंने कहा कि हरित जहाज निर्माण में दोनों देशों के सहयोग के अवसर मौजूद हैं, जो वर्तमान में समुद्री क्षेत्र में भारत की प्रमुख प्राथमिकताओं में से एक है।
पेत्रुशेव ने जहाज निर्माण पर आगे कहा कि रूस ने जहाज निर्माण में महत्वपूर्ण नई क्षमता अर्जित की है। कई दशकों से, क्रायलोव राज्य अनुसंधान केंद्र सेंट पीटर्सबर्ग में काम कर रहा है जिसकी गतिविधियों में निरंतर सुधार हो रहा है। निकट भविष्य में, इसके आधार पर एक राष्ट्रीय अनुसंधान केंद्र स्थापित करने की योजना है, जिसके अंदर इस क्षेत्र के कई वैज्ञानिक संगठन काम करेंगे।
उन्होंने बताया, "मानकीकृत जहाज निर्माण डिज़ाइनों का एक संयुक्त डेटाबेस बनाने का कार्य अत्यधिक आशाजनक है, क्योंकि इससे भारत अपने बेड़े के आधुनिकीकरण की लागत को काफी कम कर सकेगा। मुंबई या चेन्नई जैसे महत्वपूर्ण आर्थिक क्षेत्रों में रूसी भागीदारी के साथ जहाज निर्माण और जहाज-मरम्मत क्लस्टर स्थापित करने पर विचार करना उचित होगा।"
Russian President Vladimir Putin and Indian Prime Minister Narendra Modi shake hands during a meeting at the Kremlin in Moscow, Russia, Tuesday, July 9, 2024.  - Sputnik भारत, 1920, 18.11.2025
भारत-रूस संबंध
भारत और रूस ने 2030 तक 100 अरब डॉलर व्यापार लक्ष्य दोहराया
न्यूज़ फ़ीड
0
loader
चैट्स
Заголовок открываемого материала