रूस के विदेश मंत्री सर्गे लवरोव 24 अप्रैल को रूसी अध्यक्षता के सब से महत्त्वपूर्ण कार्यक्रमों में से एक पर यानी "संयुक्त राष्ट्र चार्टर के सिद्धांतों की रक्षा के माध्यम से प्रभावी बहुपक्षवाद" पर उच्च स्तर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खुली बहस का नेतृत्व करने वाले हैं।
इसके साथ, 25 अप्रैल को लवरोव मध्य पूर्व पर चर्चा की अध्यक्षता करने वाले हैं, जिस में मध्य पूर्व शांति प्रक्रिया के लिए विशेष समन्वयक टोर वेन्सलैंड हिस्सा लेंगे। उस बैठक के दौरान फिलिस्तीनी-इजरायल संघर्ष को हल करने को लेकर ठहराव पर और तनाव के बढ़ने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
रूस का प्रभावी बहुपक्षवाद
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पिछले कुछ वर्षों तक संयुक्त राष्ट्र चार्टर और बहुपक्षीय व्यवस्था पर बार-बार चर्चा की गई। हाल ही में 14 दिसंबर 2022 को सुरक्षा परिषद में भारत की अध्यक्षता के दौरान इस तरह की "सुधारित बहुपक्षवाद के लिए नया अभिविन्यास" नामक बहस आयोजित की गई। उससे पहले 7 मई 2021 को चीन ने "बहुपक्षवाद और संयुक्त राष्ट्र-केंद्रित अंतर्राष्ट्रीय प्रणाली की सहायता" विषय पर खुली बहस को आयोजित किया था।
पश्चिमी-केंद्रित विकल्प के विपरीत बहुध्रुवीयता और न्यायपूर्ण विश्व व्यवस्था के विचार 4 फरवरी, 2022 को मास्को और बीजिंग द्वारा बनाए गए थे। संयुक्त रूसी-चीनी बयान ने जोर दिया कि "दुनिया महत्वपूर्ण परिवर्तनों की स्थिति में है", जिन में "वैश्विक शासन संरचना और विश्व व्यवस्था का परिवर्तन" शामिल है। इस दस्तावेज़ में विशेष रूप से "अंतर्राष्ट्रीय पैमाने पर अल्पसंख्यक का प्रतिनिधित्व करने वाले कुछ पक्षों" के कार्यों की आलोचना की गई क्योंकि वे अंतरराष्ट्रीय मुद्दों को हल करने के लिए एकतरफा निर्णय लेते हैं।
24 सितंबर 2022 को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र को संबोधित करते हुए, रूसी विदेश मंत्री लवरोव ने इस बात पर जोर दिया था कि विश्व व्यवस्था का एकध्रुवीय मॉडल तेजी से अतीत की बात बनता जा रहा है, जो पश्चिम के हितों की सहायता करती थी और जो सदियों तक एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका की संपत्ति की मदद से अपनी संपत्ति को बढ़ाती रही।
इसके बाद अक्टूबर 2022 में लवरोव ने रोसिया -1 टीवी चैनल ब्रॉडकास्टर को बताया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार होने वाले हैं, क्योंकि उस में विकासशील देशों का प्रतिनिधित्व कम है। लवरोव के अनुसार, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 15-सदस्यीय बैठकों में सामूहिक पश्चिम के सात प्रतिनिधि भाग लेते हैं, जबकि एशिया, अफ्रीका और लैटिन अमेरिका के देशों का प्रतिनिधित्व दशकों से कम है।
पिछले दो वर्षों के दौरान रूस ने चल रहे वित्तीय और खाद्य संकट की स्थिति में ग्लोबल साउथ के देशों के साथ सहयोग बढ़ाया है। संयुक्त राष्ट्र के महत्त्वपूर्ण कार्यक्रम में भाग लेने से पहले, लवरोव ने 13 अप्रैल 2023 को उज्बेकिस्तान के समरकंद में अपने चीनी समकक्ष किन गैंग से मुलाकात की।
बैठक के बाद प्रेस कान्फ्रन्स के दौरान लवरोव ने कहा कि मास्को बीजिंग की वैश्विक सुरक्षा पहल और वैश्विक सभ्यता पहल, संयुक्त राष्ट्र चार्टर, संप्रभु समानता के सिद्धांत, प्रभावी बहुपक्षवाद का समर्थन करता है, और क्षेत्र में शांति और स्थिरता के साथ-साथ सतत विकास की रक्षा करने के लिए संयुक्त प्रयास करने के लिए तैयार है।
उसके बाद, लवरोव ने दक्षिण और मध्य अमेरिका की अपनी चार-दिवसीय यात्रा के दौरान ब्राजील, वेनेजुएला, निकारागुआ और क्यूबा का दौरा किया।
उसके बाद, लवरोव ने दक्षिण और मध्य अमेरिका की अपनी चार-दिवसीय यात्रा के दौरान ब्राजील, वेनेजुएला, निकारागुआ और क्यूबा का दौरा किया।
लैटिन अमेरिका अब अमेरिका का "पिछवाड़ा" नहीं है, जैसा कि वाशिंगटन अक्सर दिखाने की कोशिश करता है। अमेरिका में मुनरो सिद्धांत के समर्थकों की बढ़ती नाराजगी के बावजूद इस क्षेत्र के देश रूस और चीन से घनिष्ठ संबंध बनाए रखते हैं। इसके अलावा, ब्राजील और अर्जेंटीना खुले तौर पर इस क्षेत्र के दक्षिणी संयुक्त बाजार यानी मर्कोसुर के लिए संयुक्त मुद्रा बनाने पर चर्चा कर रहे हैं। इसके साथ ब्रिक्स के सदस्य देश इस समूह के लिए नई मुद्रा और डी-डॉलरीकरण पर चर्चा कर रहे हैं।
रूसी प्रतिनिधिमंडल के लिए वीजा से संबंधित अमेरिका का बुरा खेल
लवरोव के किसी भी कदम पर अमेरिका का ध्यान केंद्रित किया जाता है, जिसने अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मास्को की अध्यक्षता के पहले दिन से ही रूस विरोधी अभियान शुरू कर दिया था।
यूरोप में वाशिंगटन के नाटो सहयोगियों के साथ-साथ कीव शासन ने इस अंतरराष्ट्रीय संघ में अध्यक्षता करने के रूस के संप्रभु अधिकार पर संदेह करने की कोशिश की, लेकिन अंत में उनको संघ के नियमों के अनुसार रहना पड़ा।
फिर भी मास्को को नुकसान करने की कोशिश करते हुए अमेरिका ने 24-25 अप्रैल के सुरक्षा परिषद के कार्यक्रम में भाग लेने के लिए विदेश मंत्री सर्गे लवरोव और उनके प्रतिनिधिमंडल को वीजा देने को निलंबित किया। केवल 14 अप्रैल को अमेरिका ने रूसी प्रतिनिधिमंडल को वीजा देना शुरू किया।
"हाँ, हमें वीजा दिया गया, लेकिन हमेशा की तरह, यह ऐसे देश के दर्जे के दुरुपयोग के साथ किया गया जिस में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय स्थित है। वे लंबे समय तक हिचकिचाते रहे, फिर उन्होंने वीजा दिया, लेकिन हमारे प्रतिनिधिमंडल के कुछ कर्मचारियों को नहीं दिया," लवरोव ने 19 अप्रैल को वेनेजुएला के विदेश मंत्री के साथ संयुक्त प्रेस वार्ता के दौरान कहा।
हालाँकि, वाशिंगटन ने रूसी पत्रकारों को वीजा नहीं दिया, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में देश के प्रतिनिधियों के काम के बारे में बताना था। अमेरिका ने इस कदम को नहीं समझाया।
रूसी पत्रकारों को वीजा न देने के अमेरिकी फैसले पर टिप्पणी करते हुए, लवरोव ने 23 अप्रैल को कहा कि जो देश खुद को "सबसे आजाद" कहता है, उसको डर हुआ और उसने खुद का मज़ाक बनाया।
"मुझे मालूम था कि अमेरिका ऐसी चीजों के कारण प्रसिद्ध है, लेकिन मुझे यकीन था कि इस बार सब कुछ अलग होगा," रूसी विदेश मंत्री ने वाशिंगटन के व्यवहार को "बहुत बुरा" समझते हुए कहा। लवरोव ने कहा, “हम भूलेंगे नहीं, हम माफ करेंगे नहीं।“
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता के दौरान रूस का एजेंडा
अप्रैल के लिए रूस की सुरक्षा परिषद के कार्यक्रम में तीन खुली चर्चाएँ शामिल थीं। एक चर्चा 10 अप्रैल को हो चुकी है जो हथियारों और सैन्य उपकरणों के निर्यात पर नियंत्रण करने वाले समझौतों के उल्लंघन से संबंधित जोखिमों को समर्पित थी।
रूस ने हथियारों के अवैध और अनियमित निर्यात के मुद्दे को उठाने के अवसर का प्रयोग किया क्योंकि संयुक्त राष्ट्र के पश्चिमी सदस्यों ने कीव को हथियारों की आपूर्ति बढ़ा दी।
इसके साथ रूस के संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि वसीली नेबेंज्या ने उस तथ्य पर ध्यान आकर्षित किया कि यूक्रेन में संकट हथियारों पर नियंत्रण में पश्चिमी देशों के गैर-जिम्मेदारी वाले व्यवहार का स्पष्ट प्रदर्शन बन गया है। उन्होंने बताया कि मौलिक अंतरराष्ट्रीय नियमों का सीधा उल्लंघन करते हुए अमेरिका और उसके सहयोगियों ने यूक्रेन में हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने के लिए दूसरे देशों पर दबाव डाला था।
पेंटागन के दस्तावेज़ों के कथित लीक ने अपने सहयोगियों और साझेदारों को यूक्रेन को हथियारों की आपूर्ति बढ़ाने पर मजबूर करने के अमेरिकी प्रयासों पर प्रकाश डाला। इसके साथ पुलित्जर पुरस्कार विजेता पत्रकार सेमूर हर्ष ने रूसी मीडिया के साथ एक साक्षात्कार में बताया कि पश्चिम जानता है कि जो हथियार वह यूक्रेन को देता है, वे काला बाजार में बेचे जा रहे हैं।
लेकिन रूस की अध्यक्षता ज्यादातर रूप से वैश्विक दक्षिण से संबंधित मुद्दों को समर्पित थी। सुरक्षा परिषद के अप्रैल कार्यक्रम में माली में संयुक्त राष्ट्र बहुआयामी एकीकृत स्थिरीकरण मिशन (MINUSMA) के साथ-साथ कोलंबिया में संयुक्त राष्ट्र के मिशन के काम पर ब्रीफिंग शामिल थे। अप्रैल में अन्य ब्रीफिंग यमन पर, अफ्रीका के ग्रेट लेक्स क्षेत्र में बिगड़ती सुरक्षा स्थिति पर, लीबिया में संयुक्त राष्ट्र सहायता मिशन (UNSMIL), कोसोवो में संयुक्त राष्ट्र मिशन (UNMIK) और हैती में संयुक्त राष्ट्र एकीकृत कार्यालय (BINUH) पर केंद्रित थे।
सुरक्षा परिषद में लवरोव किससे मुलाकात करेंगे?
सर्गे लवरोव ने विभिन्न देशों के विदेश मंत्रालयों के प्रमुखों और अन्य लोगों को बैठकों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया, जिनकी अध्यक्षता वे 24-25 अप्रैल को करेंगे।
यह अभी स्पष्ट नहीं है कि रूसी विदेश मंत्री अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन से मुलाकात करेंगे या नहीं। मास्को और वाशिंगटन के बीच तनाव बढ़ने की स्थिति में दोनों ने नई दिल्ली में G20 विदेश मंत्रियों की बैठक में एक-दूसरे को देखा था।
रविवार को रूसी विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में लवरोव और ब्लिंकन की बैठक की कोई योजना नहीं है।
रूसी उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव ने 23 अप्रैल को संवाददाताओं से कहा, "हमारे पास इस समय मंत्रियों के स्तर पर चर्चा के लिए अमेरिका के साथ कोई एजेंडा नहीं है।"
इससे पहले, संयुक्त राष्ट्र में रूस के स्थायी प्रतिनिधि नेबेंज़्या ने इस बात से इंकार नहीं किया था कि वे दोनों संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कार्यक्रम के दौरान मिल सकते हैं। इसके अलावा, जब 7 अप्रैल को विदेश मंत्री लवरोव से पूछा गया कि क्या वे न्यूयॉर्क की अपनी यात्रा के दौरान ब्लिंकेन से मिलने की योजना बना रहे हैं, तो लवरोव ने जवाब दिया कि रूस कभी गंभीर बातचीत के प्रस्तावों से इनकार नहीं करता। इस से पांच दिन पहले, रूसी विदेश मंत्रालय ने Sputnik को बताया था कि ब्लिंकेन ने लवरोव को फोन किया था लेकिन कुछ और नहीं कहा था।
कुछ समय पहले यह बताया गया था कि "जासूस" गुब्बारे से संबंधित विवाद के कारण एंटनी ब्लिंकन की चीन की यात्रा रद्द करने के बाद बाइडन प्रशासन चीनी नेतृत्व के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की मांग कर रहा है। पश्चिमी प्रेस के अनुसार, बीजिंग अब उच्च-स्तर पर बैठकों से इनकार करके अमेरिका के शीर्ष अधिकारियों को नजरअंदाज कर रहा है।
इसके साथ, नेबेंज्या ने बताया कि लवरोव 24 अप्रैल को न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस से बैठक करेंगे।
"हम निश्चित रूप से जानते हैं कि मंत्री [विदेश मंत्री सर्गे लवरोव] सोमवार को [संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो] गुटेरेस से मिलेंगे, और उनके पास चर्चा के लिए बहुत सारे सवाल और विषय हैं," नेबेंज्या ने पिछले सप्ताह एक रूसी ब्रॉड्कैस्टर को बताया।