मिस्र की अपनी आधिकारिक यात्रा के दौरान भारतीय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मिस्र के प्रधान मंत्री मुस्तफा मैडबौली सहित प्रसिद्ध स्थानीय लोगों से मुलाकात की, जिन्होंने हवाई अड्डे पर नरेंद्र मोदी का स्वागत किया था।
मिस्र पहुँचने के बाद शनिवार शाम को भारतीय प्रधान मंत्री ने मिस्र सरकार की 'भारत इकाई' के साथ बैठक की थी। भारत इकाई की अध्यक्षता मिस्र के प्रधानमंत्री करते हैं और वह विभिन्न क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच घनिष्ठ सहयोग बनाने हेतु स्थापित की गई थी।
प्रधान मंत्री मोदी ने हसन अल्लम होल्डिंग कंपनी के सीईओ हसन अल्लम के साथ भी बैठक की, जो मध्य पूर्व और उत्तरी अफ्रीका के क्षेत्र में काम करने वाली मिस्र की सबसे बड़ी कंपनियों में से एक है। नई दिल्ली की रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा, हरित हाइड्रोजन, बुनियादी ढांचे और निर्माण के क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के साथ सहयोग बढ़ाने की संभावनाओं पर चर्चा की।
इसके साथ नरेंद्र मोदी ने मिस्र के राजनीतिक विचारक और अंतर्राष्ट्रीय पेट्रोलियम रणनीतिकार तारेक हेग्गी से मुलाकात की। इस अवसर पर भारतीय प्रधान मंत्री ने अपने ट्विटर पर लिखा कि “प्रख्यात विचारक तारेक हेग्गी के साथ बातचीत करके खुशी हुई। उन्होंने वैश्विक मुद्दों पर अपने जानकारीपूर्ण विचार को साझा किया। मैं विभिन्न संस्कृतियों से संबंधित मुद्दों पर उनके व्यापक ज्ञान की प्रशंसा करता हूं।“
इसके अलावा नरेंद्र मोदी ने मिस्र के ग्रैंड मुफ्ती शॉकी इब्राहिम अल्लम के साथ बैठक की। भारतीय पक्ष के बयान में कहा गया है कि उनकी बातचीत समाज में सामाजिक और धार्मिक सद्भाव और उग्रवाद और कट्टरपंथ का मुकाबला करने के उपायों पर केंद्रित थी।
प्रधानमंत्री मोदी ने दो प्रमुख योग प्रशिक्षकों के साथ भी बातचीत की और अपने ट्विटर पर पोस्ट करके लिखा, ''नाडा एडेल और रीम जाबक पूरे मिस्र में योग को लोकप्रिय बनाने के लिए सराहनीय प्रयास कर रही हैं। काहिरा में उनके साथ अद्भुत बातचीत हुई।''
इसके साथ अपनी यात्रा के दौरान भारतीय प्रधान मंत्री मोदी ने मिस्र के राष्ट्रपति अब्दुल फत्ताह अल-सिसी के साथ औपचारिक बैठक की।
इसके अलावा भारतीय मीडिया की रेपोर्टों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी ने मिस्र की राजधानी काहिरा में समझौते ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
याद दिलाएं कि इस साल की शुरुआत में मिस्र के राष्ट्रपति अल-सिसी ने भारत के गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में हिस्सा लिया था। उनकी भारतीय यात्रा अत्यधिक सफल निकली थी, जिसके परिणामस्वरूप दोनों देश अपने संबंधों को रणनीतिक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने पर पारस्परिक रूप से सहमत हुए थे।