यूक्रेन संकट
मास्को ने डोनबास के लोगों को, खास तौर पर रूसी बोलनेवाली आबादी को, कीव के नित्य हमलों से बचाने के लिए फरवरी 2022 को विशेष सैन्य अभियान शुरू किया था।

आतंकवादी रणनीति के हिस्से के रूप में यूक्रेन नागरिकों के खिलाफ क्लस्टर बारूद का उपयोग कर सकता है

इस सप्ताह राष्ट्रपति जो बाइडन यूक्रेन को घातक क्लस्टर हथियार प्रदान करने या न करने का निर्णय करनेवाले हैं।
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"मुझे इस बात पर भी संदेह नहीं है कि क्लस्टर युद्ध सामग्री की यूक्रेन को आपूर्ति की जाएगी। मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि F-16 लड़ाकू विमान या यूरोप में उत्पादित उनके अनुरूप प्रदान किए जाएँगे। मुझे विश्वास भी है कि निकट भविष्य में - यदि उस क्षण तक यूक्रेन संकट का समाधान शांतिपूर्ण वार्ता के माध्यम से न किया जाए - Apache लड़ाकू हेलीकॉप्टर और शायद 300 किमी की रेंज वाली ATACMS मिसाइलें भी यूक्रेन भेजी जाएँगी," रूसी सैन्य विशेषज्ञ यूरी क्नूटोव ने Sputnik को बताया।

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क्या युद्ध मैदान पर क्लस्टर युद्ध सामग्री एक महत्त्वपूर्ण मोड़ हो सकेगी?

बाइडन ने कीव को क्लस्टर गोले प्रदान करने के यूक्रेनी अनुरोधों को बार-बार खारिज कर दिया था। अभी जब यूक्रेनी सेना अपने बहुप्रचारित जवाबी हमले की शुरुआत में कोई अपेक्षित परिणाम प्राप्त कर नहीं पाया, तो कीव को क्लस्टर युद्ध सामग्री भेजने की चर्चा फिर से शुरू हुई है।
लेकिन इसकी संभावना क्षीण दिखती है कि कुख्यात बारूद की आपूर्ति यूक्रेनी सेना की स्थिति किसी भी तरह से सुधरेगी, अर्ल रासमुसेन, अमेरिकी सेना के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल और अंतरराष्ट्रीय सलाहकार ने कहा।

"फिर भी ऐसा कोई रास्ता नहीं है कि इससे लड़ाई का रुख बदल जाएगा। वास्तव में मैं F-16 को वांछित दिशा में लड़ाई का रुख बदलते हुए भी नहीं देखता," सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल ने कहा।

इसके अलावा 2008 के क्लस्टर युद्ध सामग्री पर सम्मेलन (CCM) के तहत यह हथियार प्रतिबंधित हो गया है क्योंकि यह नागरिकों के लिए तत्काल खतरा है।
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यूक्रेन को F-16 क्यों चाहिए ?

कीव आतंकी रणनीति का इस्तेमाल कैसे करता है

विशेषज्ञ के अनुसार यह हो सकता है कि यूक्रेनी सेना नए रूसी क्षेत्रों के नागरिक क्षेत्रों के खिलाफ इन गोले का इस्तेमाल भी करेगी।

"यह देखकर कि उन्होंने डोनबास के प्रति कैसा व्यवहार किया है, मुझे चिंता है कि वे वास्तव में नागरिक क्षेत्रों में उनका उपयोग कर सकते हैं, जो पूरी तरह से किसी भी कानून के खिलाफ है," रासमुसेन ने कहा।

क्नूटोव यह भी सोचते हैं कि भय, असंतोष और विरोध को भड़काने के लिए घातक क्लस्टर हथियारों का उपयोग कीव शासन द्वारा नए रूसी क्षेत्रों में यानी ज़ापोरोज़े, खेरसॉन, डोनेट्स्क और लुगांस्क में नागरिकों को आतंकित करने के लिए किया जाएगा।

"कीव शासन इन हथियारों से शहरों और गाँवों के नागरिकोें को अधिक से अधिक नुकसान पहुँचाना चाहता है, ताकि रूसी अधिकारियों के प्रति असंतोष पैदा हो सके। कीव की गणना यह है कि लोग कीव की शर्तों पर खरे उतरते शांति समझौते के समापन की माँग करना शुरू करेंगे। यही इन हमलों का मुख्य उद्देश्य है,'' क्नूटोव का कहना है।

इस बीच रासमुसेन ने आशा जताई कि विवेक कायम रहेगा और बाइडन प्रशासन यूक्रेन को घातक हथियार नहीं भेजेगा। ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी और कई स्कैंडिनेवियाई देश विवादास्पद हथियार के खिलाफ नीतियाँ अमल में लाते हैं। फिर भी बाइडन हताश हैं, इसलिए किसी भी घटनाक्रम की संभावना है, सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल ने निष्कर्ष निकाला।
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