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मणिपुर हिंसा: पश्चिमी कांगपोकपी में पुलिसकर्मी की मौत और 10 अन्य घायल

Indian Army personnel patrol during a combing operation at Kanto Sabal village near Imphal on June 20, 2023, during ongoing ethnic violence in India's north-eastern Manipur state.
मणिपुर में जातीय समूहों के बीच संघर्ष के कारण पिछले दो महीनों से स्थिति तनावपूर्ण है। अधिकारियों के मुताबिक सुबह करीब 3 बजे से 6 बजे के बीच कुछ देर के लिए शांति रही लेकिन उसके बाद फेयेंग और सिंगदा गांवों से अंधाधुंध गोलीबारी की आवाजें सुनी गईं।
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मणिपुर के पश्चिमी कांगपोकपी इलाके में रात भर हुई हिंसक झड़पों के बाद सोमवार को एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई और कम से कम 10 लोग घायल हो गए, अधिकारियों ने कहा।
"गोलीबारी कांगपोकपी जिले के कांगचुप इलाके के गांवों और पहाड़ियों को निशाना बनाकर की गई," अधिकारियों ने बताया।
असम राइफल्स दोनों गांवों के बीच एक मध्यवर्ती क्षेत्र का प्रबंधन करती है। अधिकारियों ने दोनों पक्षों की ओर से और अधिक लोगों के हताहत होने की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि गोलीबारी बंद होने के बाद ही स्थिति की सही जानकारी मिल पाएगी।
इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को मणिपुर हिंसा से संबंधित मामलों की सुनवाई करते हुए कहा कि "शीर्ष अदालत के मंच का इस्तेमाल मणिपुर में हिंसा को और बढ़ाने के लिए नहीं किया जाना चाहिए। हम केवल राज्य द्वारा उठाए जा रहे कदमों की निगरानी कर सकते हैं और यदि अतिरिक्त उपाय किए जा सकते हैं तो कुछ आदेश पारित कर सकते हैं। लेकिन हम सुरक्षा तंत्र नहीं चला सकते।"
Indian Army and police personnel patrol during a combing operation at Kanto Sabal village near Imphal
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बता दें कि 3 मई को मणिपुर में मैइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति (ST) दर्जे की मांग के विरोध में पहाड़ी जिलों में 'आदिवासी एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया था जिसके बाद राज्य में जातीय हिंसा भड़कने के बाद से कम से कम 150 लोग मारे गए हैं और कई सौ घायल हुए हैं।
गौरतलब है कि मणिपुर की आबादी में मैइती लोगों की संख्या लगभग 53 प्रतिशत है और वे ज्यादातर इम्फाल घाटी में रहते हैं वहीं जनजातीय नागा और कुकी आबादी करीब 40 प्रतिशत हैं और वे पहाड़ी जिलों में रहते हैं।
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