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भारतीय ध्रुव हेलीकॉप्टर का उपयोग क्या है?

भारत का रक्षा निर्यात अब तक के उच्चतम स्तर पर पहुंच गया है, यह वित्त वर्ष 2013-14 में 686 करोड़ से वित्त वर्ष 2022-23 में बढ़कर लगभग 16,000 करोड़ हो गया है। इससे देखा जा सकता है कि भारत ने रक्षा निर्यात में 23 गुना वृद्धि की है।
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सरकारी आंकड़ों के मुताबिक भारत ने अब तक 85 से अधिक देशों तक अपने रक्षा निर्यात की पहुंच बनाई है। इसके अलावा अब तक देश से 100 कंपनियां रक्षा उत्पादों का निर्यात कर रही हैं। केंद्र सरकार द्वारा चलाई गई आत्मनिर्भर भारत पहल से रक्षा उपकरणों के स्वदेशी डिजाइन, विकास और निर्माण को प्रोत्साहन मिला।
एक समय भारत रक्षा उपकरण का दुनिया भर में प्रमुख आयातक था, लेकिन अब देश ने रक्षा उपकरणों का निर्यात भी शुरू कर दिया है, जिसमें डोर्नियर-228 जैसे विमान, तोपखाने बंदूकें, ब्रह्मोस मिसाइलें, पिनाका रॉकेट और लॉन्चर, रडार, सिमुलेटर, बख्तरबंद वाहन आदि शामिल हैं। इसके अलावा स्वदेशी उत्पादों, जैसे LCA-तेजस, अड्वान्स लाइट हेलीकॉप्टर (ALH-ध्रुव), एयरक्राफ्ट कैरियर और रखरखाव मरम्मत कार्य (MRO) गतिविधियों की वैश्विक मांग भी बढ़ रही है।
उदाहरण के लिए, भारत-फिलीपींस रक्षा संबंध ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज़ मिसाइल के अनुबंध के बाद से अधिक खुले तौर पर बढ़ रहे हैं और फिलीपींस अब भारतीय सैन्य हेलीकॉप्टर ध्रुव खरीदना चाहता है, देश ध्रुव के संसोधित वर्जन ALH Mk III खरीदने में रुचि रखता है, जो शक्ति इंजन से लैस है और भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल में सेवारत है।
Sputnik India आज आपको ऐसे ही एक रक्षा हेलीकॉप्टर के बारे में बताने जा रहा है जिसे भारत में ही तैयार किया है और अभी इसका भारतीय सशस्त्र बलों और कुछ अन्य देशों द्वारा इस्तेमाल किया जा रहा है।

अड्वान्स लाइट हेलीकॉप्टर (ALH-ध्रुव) कैसा है?

एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर या ALH-ध्रुव हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा एक स्वदेशी रूप से विकसित दो इंजन वाला हेलीकॉप्टर है। इसका विकास साल 1984 में शुरू किया गया था और शुरुआत में इसे जर्मनी की मेसर्सचमिट-बोल्को-ब्लोहम (MBB) कंपनी के साथ डिजाइन किया गया था।
ध्रुव के प्रमुख वेरिएंट को ध्रुव MK-I, MK-II, MK -III और MK-IV के रूप में वर्गीकृत किया गया है। पहली बार यह हेलीकॉप्टर 1992 में उड़ाया गया था, लेकिन 2002 में प्रमाणीकरण के बाद ही इसे सेवा में प्रवेश किया गया।
ALH-ध्रुव के उत्पादन में सैन्य संस्करणों में परिवहन, उपयोगिता, टोही और चिकित्सा निकासी संस्करण शामिल हैं। ध्रुव प्लेटफॉर्म के आधार पर, लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर (LCH) एक समर्पित हमलावर हेलीकॉप्टर और लाइट यूटिलिटी हेलीकॉप्टर (LUH), एक उपयोगिता और अवलोकन हेलीकॉप्टर भी विकसित किया गया है।
Soldiers take position while performing a drill after alighting from an HAL Dhruv helicopter during an Army weaponry exhibition in Kolkata. (File)
इस हेलीकॉप्टर में शक्ति इंजन लगा है, इसका विकास उच्च ऊंचाई की परिचालन आवश्यकता और अतिरिक्त पेलोड क्षमता को पूरा करने के लिए किया गया था, टर्बोमेका और HAL ने शक्ति 1H1 (आर्डिडेन) नामक एक इंजन का सह-विकास किया जो इसकी आवश्यकताओं को पूरा करता था।
इस इंजन में HAL ने रोटर डायनेमिक विश्लेषण, केसिंग डिजाइन, स्थिर भागों का तनाव विश्लेषण, HMU सिस्टम डिजाइन और इलेक्ट्रिकल हार्नेस सिस्टम पर काम किया था। इसके अतिरिक्त HAL तेल शीतलन प्रणाली, तेल पंप, फिल्टर यूनिट असेंबली पाइपलाइन और ब्रैकेट के डिजाइन, विकास, प्रमाणन और निर्माण के लिए भी जिम्मेदार था।
शक्ति इंजन का इस्तेमाल LCH (लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर) में भी किया जाता है।

ध्रुव हेलीकॉप्टर का उपयोग क्या है?

ध्रुव हेलीकॉप्टर उच्च स्तर की विश्वसनीयता और उत्तरजीविता के साथ हर मौसम की स्थिति में संचालन करने में सक्षम होने के साथ साथ उच्च ऊंचाई पर असाधारण प्रदर्शन के लिए जुड़वां शक्ति इंजनों से संचालित होता है। इसे रात की उड़ान के समय बेहतर मिशन प्रभावशीलता के लिए ग्लास कॉकपिट और उन्नत एवियोनिक्स से सुसज्जित किया गया है।
ध्रुव अत्याधुनिक तकनीकों जैसे हिंज लेस इंटरचेंजेबल मेन रोटर ब्लेड्स, बियरिंग लेस टेल रोटर ब्लेड्स, एंटी रेज़ोनेंस वाइब्रेशन आइसोलेशन सिस्टम और महत्वपूर्ण प्रणालियों के लिए निर्मित रिडंडेंसीज़ के साथ लैस है। यह समुद्र तल से लेकर हिमालय की ऊंची ऊंचाइयों के साथ-साथ अत्यधिक तापमान रेंज में रेगिस्तान और खारे वायुमंडलीय स्थितियों में विभिन्न ऊंचाइयों पर संचालन के लिए एक आदर्श हेलिकाप्टर है।
ध्रुव को बुनियादी उपयोगिता संस्करण से लेकर मिशन और हथियार प्रणालियों के फिटमेंट के साथ 5.8 टन वर्ग में रुद्र नामक हथियार में विकसित किया गया है।
इस हेलिकाप्टर के उन्नत संस्करणों में हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। ध्रुव का उन्नत वर्जन ALH रुद्र है जिसमें हेलमेट पॉइंटिंग सिस्टम (HPS), इलेक्ट्रो ऑप्टिक पॉड और इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सूट से जुड़े सेल्फ-प्रोटेक्शन सिस्टम जैसे मिशन सिस्टम लगाए गए हैं। रुद्र पर लगे हथियारों में 20 मिमी बुर्ज गन, 70 मिमी रॉकेट, हवा से हवा में मार करने वाली मिसाइल और एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल शामिल हैं।
इसे अन्य प्रणालियों जैसे VOR/ILS/DMI, IR सप्रेसर, डिजिटल मूविंग मैप ऑन बोर्ड इनर्ट गैस जेनरेशन सिस्टम आदि के साथ लैस किया गया है।
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हेलीकॉप्टर ध्रुव की कीमत क्या है?

भारत के एक प्रमुख हथियार के रूप में ध्रुव-ALH ऐसा रक्षा उपकरण है जिसे कई देशों ने पसंद किया है, लैटिन अमेरिका, अफ्रीका, पश्चिम एशिया, दक्षिण पूर्व एशिया के कई देश इस सूची में शामिल हैं। लगभग 35 देशों की वायुसेनाओं ने प्रदर्शन के अनुरोध के साथ-साथ इसके बार में जानकारी भी हासिल की है।
मालदीव, मॉरीशस, नेपाल और अब फिलीपींस पहले से ही ध्रुव ALH का संचालन कर रहे हैं और आगे भी उन्होंने इसमें अपनी रुचि दिखाई है, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कथित तौर पर म्यांमार LCH रुद्र के आयात में रुचि रखता है।
इसकी कीमत की बात करें तो पिछले कुछ वर्षों में ध्रुव ALH अधिक परिष्कृत होने के साथ-साथ महंगा भी हो गया है। ध्रुव MK-1, पहला ALH संस्करण, सेना को 45-50 करोड़ में बेचा गया था, जबकि ग्लास कॉकपिट और एंटी-वाइब्रेशन डैम्पर्स के साथ प्रत्येक ध्रुव MK-3 की कीमत 70 करोड़ थी।
समुद्री भूमिका फिटिंग प्रत्येक ध्रुव MR की लागत में अतिरिक्त 40 करोड़ रुपये जोड़ती है, जिससे कुल लागत लगभग 110 करोड़ रुपये हो जाती है। जैसे-जैसे HAL नई और अधिक उन्नत विविधताएं विकसित करता है वहीं हेलीकॉप्टरों के डिजाइन और विकास में इसकी विशेषज्ञता भी बढ़ती जाती है।

भारत के पास कितने ध्रुव हेलीकॉप्टर हैं?

इसके सैन्य संस्करण का प्रमाणीकरण 2002 में और नागरिक संस्करण का प्रमाणीकरण 2004 में पूरा हुआ। उत्पादन श्रृंखला के हेलीकॉप्टरों की डिलीवरी 2001-02 से शुरू हुई।
अक्टूबर 2022 तक राज्य संचालित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड ने 336 ध्रुव हेलीकॉप्टरों का उत्पादन किया है। रक्षा फर्म ने वर्ष 2001 में अपना पहला हेलिकॉप्टर बनाया गया था।
ध्रुव हेलीकॉप्टर भारतीय नौसेना, वायु सेना, थल सेना और तटरक्षक बल में सेवा में हैं।
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