भारत में नई सरकार के चुनाव का समय धीरे धीरे निकट आ रहा है, और दुनिया भर की दृष्टि इस पर हैं कि इस बार भारत के प्रधानमंत्री का पद के संभावित दावेदार कौन होंगे और उनमें से किस के हाथ प्रधानमंत्री की कुर्सी लगेगी।
भारत में आम चुनाव 2024 के प्रारंभ में होने हैं और उससे पहले आज हम आपको बताने जा रहे हैं प्रधानमंत्री के चुनाव की पूरी प्रक्रिया के बारे में।
प्रधानमंत्री का पद, भारत में सबसे शक्तिशाली पद के रूप में देखा जाता है। प्रधानमंत्री अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का प्रतिनिधित्व करते हैं और वह देश में बनने वाली सभी प्रकार की नीतियों के लिए उत्तरदायी होते हैं।
Indian Prime Minister Narendra Modi throws flowers towards the crowd during a road show to campaign for his Bharatiya Janata Party (BJP) ahead of the elections in Bengaluru, India, Sunday, May 7, 2023.
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भारत का प्रधानमंत्री कैसे चुना जाता है?
भारत में, प्रधानमंत्री संघीय स्तर पर सरकार या शीर्ष कार्यकारी निकाय का प्रमुख होता है, जो पांच साल के कार्यकाल के लिए इस पद पर चुना जाता है, प्रधानमंत्री की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है जो देश का प्रमुख और राष्ट्र का प्रथम नागरिक होता है।
भारत के प्रधानमंत्री संसद के सदस्य होते हैं और वे लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदन से आ सकते हैं। भारत की संसद में निचले सदन (लोकसभा) में सदस्य सीधे आम नागरिकों द्वारा चुने जाते हैं और उच्च सदन (राज्यसभा) में सदस्यों का चुनाव सीधे जनता के द्वारा न होकर, अपने जनप्रतिनिधियों के वोट या समर्थन के माध्यम से नियुक्त होते हैं।
भारत के लोकसभा में 545 सांसद होते हैं जिनमें से प्रधानमंत्री बनने के लिए लोकसभा में कम से कम 50 प्रतिशत समर्थन होना चाहिए, जो आम तौर पर 272 या उससे अधिक हो सकता हैं, अगर किसी वजह से प्रधानमंत्री के पास बहुमत न हो तो उन्हें पद से त्यागपत्र देना पड़ सकता है।
तकनीकी रूप से, प्रधानमंत्री की नियुक्ति के लिए कोई प्रक्रिया नहीं है,लेकिन प्रधानमंत्री का चुनाव संसद सदस्यों द्वारा किया जाता है। लोकसभा की 545 सीटों में से जो भी पार्टी अधिकांश सीटें जीतती है, वह अपने नेता को सरकार का मुखिया चुनती है।
A lawmaker casts his vote during India's president election at the Parliament House in New Delhi, Monday, July 18, 2022
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वे हर पांच साल में जनता द्वारा लोकतांत्रिक प्रक्रिया से चुने जाते हैं। प्रधान मंत्री के पास परिषद के सदस्यों या मंत्रियों की नियुक्ति और निष्कासन के साथ-साथ निर्वाचित सरकार के भीतर भूमिकाएँ सौंपने का एकमात्र अधिकार है।
संविधान के अनुच्छेद 75 में प्रावधान है कि प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा की जाएगी लेकिन राष्ट्रपति को लोकसभा में बहुमत दल के नेता को प्रधानमंत्री नियुक्त करना होगा। लेकिन जब लोकसभा में किसी भी दल के पास स्पष्ट बहुमत न हो तो राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति में अपने व्यक्तिगत विवेक का प्रयोग कर सकता है।
भारत के प्रधानमंत्री के लिए कौन पात्र है?
1.
भारत के प्रधानमंत्री बनने में सक्षम होने के लिए महत्वपूर्ण मानदंडों की सूची दी गई है। 2.
नामांकित व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए।3.
नामांकित व्यक्ति लोकसभा में सक्रिय सदस्य है तो उसकी आयु 25 वर्ष (न्यूनतम) होनी चाहिए। हालांकि, यदि नामांकित व्यक्ति राज्यसभा का प्रतिनिधित्व करता है, तो उसकी आयु 30 वर्ष (न्यूनतम) होनी चाहिए।4.
राष्ट्रपति एक ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री नियुक्त कर सकता है जो संसद के दोनों सदनों का सक्रिय सदस्य न हो। हालांकि, चुने गए नामांकित व्यक्ति को पद पर बने रहने के लिए छह महीने में लोकसभा या राज्यसभा का सदस्य होना होगा।5.
दावेदार को उस राजनीतिक दल या गठबंधन से संबंधित होना चाहिए जिसे लोकसभा में जनता से सबसे अधिक वोट मिले हों।6.
नामांकित व्यक्ति के पास भारतीय कैबिनेट, सरकारी सेवाओं या किसी अन्य राज्य की सरकार में लाभ कमाने वाला पद नहीं होना चाहिए।7.
भारत के किसी भी न्यायालय में नामांकित पर कोई आपराधिक आरोप सिद्ध नहीं होना चाहिए।An Indian election official marks the finger of a woman with indelible ink before allowing her to cast her vote at a polling station in Bangalore, India, Thursday, Dec. 5, 2019.
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प्रधानमंत्री के कार्य एवं शक्तियाँ क्या हैं?
भारत के राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की सिफारिश पर कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति करते हैं। प्रधानमंत्री सभी महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय बैठकों में देश का प्रतिनिधित्व करते हैं।
प्रधानमंत्री का कार्यकाल पांच वर्षों का होता है लेकिन वह तब तक पद पर बने रह सकते हैं जब तक उनके पास लोकसभा में बहुमत है और अगर वह लोकसभा के भीतर समर्थन या विश्वास मत खो देते हैं तो उन्हे अपने पद से इस्तीफा देना पड़ता है।
प्रधानमंत्री चुनते हैं कि मंत्रियों को किन विभागों में नियुक्त किया जाएगा और वह किसी भी मंत्री की सौंपी गई जिम्मेदारी को बदलने का अधिकार भी रखते हैं। वह मंत्रियों की कैबिनेट की बैठकों की अध्यक्षता और देखरेख भी करता है, और प्रधानमंत्री के पास उचित समझे जाने वाले निर्णयों को संशोधित करने का अधिकार है। विवाद या संघर्ष की स्थिति में, प्रधानमंत्री किसी अन्य मंत्री को पद छोड़ने के लिए कह सकता है या राष्ट्रपति से उसे हटाने का आग्रह कर सकता है।
प्रधानमंत्री परमाणु कमान प्राधिकरण, नीति आयोग, कैबिनेट की नियुक्ति समिति, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के प्रमुख हैं।
स्वतंत्रता के बाद भारत के प्रधानमंत्री कौन रहे हैं?
नरेंद्र मोदी भारत के वर्तमान और 14वें प्रधानमंत्री हैं। वह इस पद पर लगातार दो कार्यकाल पूरा करने वाले चौथे भारतीय प्रधानमंत्री बन जाएंगे।
अब तक भारत की स्वतंत्रता के बाद बने प्रधानमंत्रियों के नाम आप देख सकते हैं।
जवाहरलाल नेहरू, गुलजारी लाल नंदा (कार्यकारी), लाल बहादुर शास्त्री, गुलज़ारी लाल नंदा (कार्यकारी), इंदिरा गांधी, मोरारजी देसाई, चरण सिंह, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, वी. पी. सिंह, चन्द्रशेखर, पी. वी. नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी, एच. डी. देवेगौड़ा, इंद्र कुमार गुजराल, अटल बिहारी वाजपेयी, दो बार लगातार मनमोहन सिंह, दो बार लगातार नरेंद्र मोदी ।