प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी किए गए वक्तव्य में कहा गया कि देश के अंतरिक्ष विभाग ने गगनयान मिशन की बारीकी के साथ साथ अब तक विकसित विभिन्न प्रौद्योगिकियाँ जैसे मानव-रेटेड लॉन्च वाहन और सिस्टम योग्यता प्रधानमंत्री मोदी के सामने प्रस्तुत कीं।
"प्रधानमंत्री ने निर्देश दिया कि भारत को अब 2035 तक भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन की स्थापना और 2040 तक चंद्रमा पर पहला भारतीय भेजना सहित नए और महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित करने चाहिए," प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा जारी वक्तव्य में कहा गया।
प्रधानमंत्री मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों से अंतरग्रहीय मिशनों की दिशा में काम करने का भी आह्वान किया, जिसमें एक वीनस ऑर्बिटर मिशन और एक मंगल लैंडर शामिल होंगे। बयान में आगे बताया गया कि अंतरिक्ष विभाग ने मीटिंग में गगनयान मिशन की तैयारी का मूल्यांकन करके 2025 तक इसके लॉन्च की पुष्टि भी की।
"ह्यूमन रेटेड लॉन्च व्हीकल (HLVM3) के 3 अनक्रूड मिशनों सहित लगभग 20 प्रमुख परीक्षणों की योजना बनाई गई है। क्रू एस्केप सिस्टम टेस्ट व्हीकल की पहली प्रदर्शन उड़ान 21 अक्टूबर को निर्धारित है। बैठक में मिशन की तैयारी का मूल्यांकन किया गया और 2025 में इसके लॉन्च की पुष्टि की गई," बयान में आगे कहा गया।
अंतरिक्ष विभाग के मुताबिक वह चंद्रमा की खोज के लिए एक रोडमैप विकसित करेगा, इसके साथ साथ वे चंद्रयान मिशनों की एक श्रृंखला, अगली पीढ़ी के लॉन्च वाहन (NGLV) का विकास, एक नए लॉन्च पैड का निर्माण, मानव-केंद्रित प्रयोगशालाओं और संबंधित प्रौद्योगिकियों की स्थापना भी करेंगे।