मीडिया रिपोर्टों पर अगर विश्वास किया जाए तो गाजा पट्टी में चल रही लड़ाई के बीच इज़राइल पर दागे गए रॉकेट को रोकने के लिए इजराइली सेना (आईडीएफ) ने आयरन बीम नामक लेजर रक्षा प्रणाली का सफलतापूर्वक उपयोग किया है।
आयरन बीम को इजराइली रक्षा ठेकेदार राफेल एडवांस्ड डिफेंस सिस्टम्स ने विकसित किया है। आयरन बीम एक उच्च शक्ति वाला लेजर है जिसे नजदीकी सीमा पर हवाई लक्ष्यों को रोकने के लिए डिज़ाइन किया गया है। कई स्रोतों ने बताया कि पहले इस हथियार के 2025 में तैनात होने की उम्मीद थी।
राष्ट्रीय सुरक्षा, राजनीति विज्ञान और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के विशेषज्ञ डॉ. साइमन त्सिपिस ने Sputnik के साथ साक्षात्कार में कहा कि आयरन बीम का पहला उपयोग लेबनान से हिजबुल्लाह द्वारा दागे गए रॉकेटों को मार गिराने के लिए किया था।
उन्होंने कहा, “यह उच्च ऊर्जा सांद्रता की मौलिक अवधारणा पर आधारित एक रन-ऑफ-द-मिल लेजर है। हालांकि यह कुछ दर्जन किलोमीटर की दूरी तक ही लक्ष्य को मार गिराने में सक्षम है।”
त्सिपिस ने कहा, “सही मायनों में इज़राइल की योजनाओं में पूरे देश में एक प्रकार का एंटी-मिसाइल गुंबद बनाना है। यह प्रणाली किसी भी चुनौती और किसी भी प्रकार की मिसाइल का जवाब देने में सक्षम होगी।”
इस मध्य, सैन्य विश्लेषक अलेक्जेंडर मिखाइलोव का दावा है कि आयरन बीम को शायद ही एक अद्वितीय हथियार कहा जा सकता है, क्योंकि आज अन्य ‘उन्नत सैन्य-औद्योगिक राज्य’ भी लड़ाकू लेजर हथियार विकास पर काम कर रहे हैं।
विश्लेषक ने लेजर वायु रक्षा प्रणालियों की प्रभावशीलता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि लेजर बीम को अपने लक्ष्य निर्धारित करने और उसे नष्ट करने में कई सेकंड लगते हैं। इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि क्या ऐसा हथियार बड़े पैमाने पर ऐसे रॉकेट हमले को संभाल सकता है या नहीं, जो हाल ही में हमास द्वारा किया गया था।
उन्होंने अपनी बात में जोड़ते हुए कहा, “इजराइली आयरन डोम के ऐड-ऑन के रूप में यह [आयरन बीम] प्रभावी है। लेकिन यह केवल तभी कारगर है जब मौसम साफ़ हो, एक या दो मिसाइलें आ रही हों, न कि ड्रोन या रॉकेट का झुंड जिनसे आयरन बीम रक्षा नहीं कर सकेगा।”