भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के प्रमुख श्रीधर सोमनाथ ने पुष्टि की कि सूर्य का अध्ययन करने वाला पहला मिशन आदित्य-एल1 लैग्रेंज-1 बिंदु पर हैलो ऑर्बिट कक्षा में पहुंच गया है।
उन्होंने भारतीय मीडिया को सूचित किया, "आदित्य-एल1 6 जनवरी को 16:00 बजे IST पर एल1 बिंदु पर पहुंच गया है, और हम इसे वहां बनाए रखने के लिए अंतिम मैंनुवर करने जा रहे हैं।"
इस मध्य, भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय वैज्ञानिकों को आदित्य के एल1 प्वाइंट पर पहुंचने की बधाई दी।
उन्होंने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए कहा, “भारत ने एक और उपलब्धि प्राप्त की। भारत की पहली सौर वेधशाला आदित्य-एल1 अपने गंतव्य तक पहुंची। यह सबसे जटिल और पेचीदा अंतरिक्ष अभियानों को साकार करने में हमारे वैज्ञानिकों के अथक समर्पण का प्रमाण है। मैं इस असाधारण उपलब्धि की सराहना करने में राष्ट्र के साथ सम्मिलित हूं। हम मानवता के लाभ के लिए विज्ञान की नई सीमाओं को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे।”
सूर्य के विस्तृत अध्ययन के लिए डिज़ाइन किए गए भारत के पहले मिशन आदित्य-L1 अंतरिक्ष यान ने सात अलग-अलग पेलोड लेकर 2 सितंबर को सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी। इनमें से चार पेलोड सूर्य के प्रकाश का निरीक्षण करेंगे, जबकि अन्य तीन प्लाज्मा और चुंबकीय क्षेत्र से संबंधित इन-सीटू मापदंडों को मापेंगे।
इसरो ने अपनी वेबसाइट पर कहा, "एल1 बिंदु के चारों ओर हेलो कक्षा में रखे गए उपग्रह को बिना किसी ग्रहण के लगातार सूर्य को देखने का प्रमुख लाभ मिलता है। इससे वास्तविक समय में सौर गतिविधियों और अंतरिक्ष मौसम पर इसके प्रभाव को देखने का एक बड़ा लाभ मिलेगा।"