"अभी की स्तिथि बदली है और लोगों की मानसिकता हथियारों को लेकर सकारात्मक नहीं है, इसलिए हमने सशस्त्र संघर्ष को छोड़ना सही समझा और यह सही समय था कि भारत सरकार के साथ बातचीत की जाए," उल्फा महासचिव अनूप चेतिया ने Sputnik India को बताया।
"सशस्त्र संघर्ष में शामिल लड़कों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाने और असम के विकास के लिए कार्य करने को भारत सरकार और असम सरकार ने हमें अभी कुछ पैकज दिए हैं, इसके अलावा कुछ प्रोजेक्ट भी हैं जिनमें सरकार से शांति समझौते के बाद हम भारत की लोकतांत्रिक व्यवस्था के ही साथ मिलकर अपने मकसद के लिए काम करेंगे। अब हम लोग किसी भी तरह का आंदोलन नहीं करेंगे," अनूप चेतिया ने Sputnik India से कहा।
"भारत सरकार और असम सरकार को हमने 900 लड़के की नई लिस्ट भेजी है, इससे पहले भी बहुत सारे लोगों की लिस्ट भेज दी गई थी। साथ ही हमने हथियारों के बारे में भी गृह मंत्रालय को बता दिया है, हमारे पास ज्यादा हथियार नहीं और इसके आंकड़े के बारे में कोई जानकारी नहीं है," चेतिया ने Sputnik India को बताया।