कमर आगा ने बताया, "भारत का रूस के साथ भी सुरक्षा को लेकर व्यापक संबंध है, और अगर ड्रोन को लेकर मिलकर काम करें तो दोनों के हित में फायदेमंद साबित होगा। भारत और रूस पहले भी ब्रह्मोस जैसे मिसाइल बना चुके हैं। अमेरिकी कभी भी भरोसे का साथी नहीं होते, ये दूसरे देशों के हितों को कभी ध्यान में नहीं रखते बल्कि खुद के फायदे के लिए हमेशा काम करते हैं। इन्हीं के कारण आज के समय में मध्य पूर्व के देशों की हालात और दशा खराब बनी हुई है। क्योंकि वे देश पश्चिमी देशों पर निर्भर थे और उन्हें आज उसका नतीजा भुगतना पड़ रहा है।
आगा ने कहा, "अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया ने मिलकर एक सैन्य सहयोगी संगठन बनाया जिसमें वो भारत को शामिल करना चाहते थे, लेकिन भारत शामिल नहीं हुआ। अमेरिकी अमन शांति की बात तो करते हैं लेकिन वे हमेशा दुनिया को युद्ध ही देते हैं। अमेरिका की हमेशा से नीति रही है कि विकासशील देश उनके साथ जुड़ें और उनके हितों के लिए काम करें।"
आगा ने कहा, "किसी भी देश का भगोड़ा या चरमपंथी हो उसे पश्चिमी देश हमेशा आश्रय देते रहे हैं। खालिस्तान को लेकर भी उनकी नीति साफ है कि उन्हें आश्रय देकर सामने वाले देश पर दवाब बनाया जाए किसी भी चीज को लेकर जिसमें उनका अपना हित हो। अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा इन सब की नीति एक ही तरह की है, लेकिन अब वह ज्यादा दिन नहीं चल पाएगी। ये सभी देश आज भी फूट डालो और शासन करो की नीति पर चल रहे हैं।"