रक्षा क्षेत्र में भारत अब नए नए मुकाम हासिल कर रहा है, जल्द ही देश में पाँचवी पीड़ी के स्टेलथ लड़ाकू विमान, या उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) के डिजाइन और प्रोटोटाइप का विकास किया जाएगा, भारतीय मीडिया ने भारतीय अधिकारियों के हवाले से बताया।
मीडिया के अनुसार, सुरक्षा पर कैबिनेट समिति (CCS) ने पांचवीं पीढ़ी के उन्नत मध्यम लड़ाकू विमान (AMCA) के विकास के लिए एक बहुप्रतीक्षित परियोजना को मंजूरी दे दी है। यह परियोजना लगभग ₹15,000 करोड़ की लागत की है। इसे आगामी लोकसभा चुनाव से पहले सरकार की सबसे महत्वपूर्ण सैन्य परियोजना माना जा रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक AMCA के तहत पांच जुड़वां इंजन वाले लड़ाकू विमानों के प्रोटोंटाइप का डिजाइन और विकास किया जाएगा, जिसका उत्पादन अगले एक दशक में किये जाने की संभावना है। इस AMCA परियोजना में रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO), एयरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी और देश की विमान निर्माता हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) शामिल होंगे, इसे दो चरणों में विकसित किया जाएगा।
पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान वायु सेना की क्षमता बढ़ाने के लिए स्टील्थ सुविधाओं, उन्नत एवियोनिक्स, आंतरिक रूप से संग्रहीत स्मार्ट हथियारों, टॉप-एंड मिशन कंप्यूटर, 360-डिग्री स्थितिजन्य जागरूकता और सुपर-क्रूज़ क्षमता के विकसित किये जाते हैं। इसके साथ साथ यह विस्तारित अवधि के लिए ईंधन खपत वाले आफ्टरबर्नर को नुकसान पहुंचाए बिना सुपरसोनिक गति से उड़ान भरने में सक्षम होते हैं।
रक्षा विनिर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करना सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसी के तहत रक्षा मंत्रालय ने 1 मार्च को ब्रह्मोस मिसाइलों, मिग-29 लड़ाकू विमान, जहाज से संचालित ब्रह्मोस सिस्टम, क्लोज-इन हथियार प्रणालियों, उच्च-शक्ति रडार और एयरो-इंजन के लिए ₹39,125 करोड़ के पांच अनुबंधों पर हस्ताक्षर किए थे।