भारतीय नौसेना ने बुधवार को एक स्थानीय निर्माता के साथ स्वदेशी हाई एल्टीट्यूड स्यूडो-सैटेलाइट (HAPS) की खरीद के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर करने की घोषणा की, जो बड़े पैमाने पर इसकी निगरानी क्षमताओं को बढ़ाएगा।
नौसेना ने एक बयान में कहा, "iDEX पहल के तहत भारतीय नौसेना के लिए स्वदेशी हाई एल्टीट्यूड स्यूडो-सैटेलाइट (HAPS) के डिजाइन और विकास के लिए मेसर्स न्यू स्पेस रिसर्च एंड टेक्नोलॉजीज के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। विस्तारित निगरानी अवधि के साथ नौसेना की शक्ति को बढ़ाते हुए यह भारत सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप फ्यूचर प्रूफ नेवी सुनिश्चित करने की दिशा में एक मजबूत कदम है।"
आईएसआर उद्देश्यों के लिए उच्च-स्तरीय तकनीक का होना वर्तमान भू-राजनीतिक संदर्भ में विशेष रूप से प्रतिद्वंदी पर 100 प्रतिशत निगरानी रखने के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है।
इस संबंध में भारतीय नौसेना अपने शस्त्रागार में यूएवी को शामिल करने के अलावा अपने नौसैनिक जहाजों और पनडुब्बियों के बेड़े में नवीनतम उपकरणों को तेजी से बढ़ा रही है।
पिछले हफ्ते रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन ने घरेलू स्तर पर विकसित हाई एंड्योरेंस ऑटोनॉमस अंडरवाटर व्हीकल (HEAUV) का पहला परीक्षण सफलतापूर्वक किया, जिससे पानी के नीचे डूबी दुश्मन की पनडुब्बियों की निगरानी और उन पर हमला करने की इसकी क्षमता बढ़ गई।