पश्चिमी नौसेना कमान ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, वाइस एडमिरल संजय जे सिंह ने ग्रुप को समुद्र में उतारा और अभ्यास के संचालन की समीक्षा की। उन्होंने इस ग्रुप की पेशेवर क्षमता और उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए सराहना की।
बयान में कहा गया, "प्रदर्शन के अंतर्गत वाइस-एडमिरल ने पनडुब्बी की निचली सतह को भी देखा और पनडुब्बी चालकों की परंपरा के अनुसार समुद्र के पानी का स्वाद चखा।"
समुद्री सुरक्षा के प्रति नौसेना की प्रतिबद्धता
इससे पहले शनिवार को अदन की खाड़ी, अरब सागर और लाल सागर में ड्रोन रोधी, मिसाइल रोधी और समुद्री डकैती रोधी हमलों के खिलाफ नौसैनिक अभियानों के सौ दिन पूरे होने पर नौसेना प्रमुख एडमिरल हरि कुमार ने कहा कि "नौसेना ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए सकारात्मक कार्रवाई जारी रखेगी।"
नौसेना प्रमुख ने कहा, "क्षेत्र में अव्यवस्था का लाभ उठाने के लिए समुद्री डकैती एक उद्योग के रूप में फिर से उभरकर सामने आई है। हम इसे रोकने के लिए सकारात्मक कार्रवाई करेंगे।"
इसके अलावा, उन्होंने रेखांकित किया कि "ऑपरेशन संकल्प" ने छोटे और त्वरित अभियानों के मिथक को तोड़ दिया है और महासागरों में सुरक्षा और स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए निरंतर अभियानों की आवश्यकता पर जोर दिया है। ऑपरेशन की गति काफी तेज है और हमारे पास 11 पनडुब्बियां और 30 युद्धपोत हैं जो सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए समुद्र के विभिन्न क्षेत्रों में काम कर रहे हैं।"
बता दें कि हाल की समुद्री घटनाओं के बाद भारतीय नौसेना ने जहाजों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपाय के रूप में फारस की खाड़ी और ओमान की खाड़ी में 'ऑपरेशन संकल्प' शुरू किया है।
'ऑपरेशन संकल्प' के तत्वावधान में चल रहे समुद्री सुरक्षा अभियानों के दौरान भारतीय नौसेना ने प्रदर्शित नपी-तुली प्रतिक्रिया और समुद्री खतरों का मुकाबला करके अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा प्राप्त की है।