इसरो ने एक बयान में कहा, "इसरो ने इसे फिर से मजबूत किया है। पंखों वाला वाहन पुष्पक (RLV-TD) नाममात्र की स्थिति से मुक्त होने के बाद रनवे पर सटीकता के साथ स्वायत्त रूप से उतरा।"
वेंकटेश्वरन ने कहा, "अभी तक हम एक ही तरीके से अंतरिक्ष में प्रक्षेपण कर रहे हैं, जिसमें रॉकेट का केवल एक ही बार इस्तेमाल होता है। इसरो ने एक नई तकनीक खोजी है। इसमें विमान के रूप में एक यान बनाया गया है, जिसके जरिए बार-बार अंतरिक्ष में जाया जा सकता है और उपग्रह छोड़ कर वापस आ सकते हैं। इस विमान के जरिए लागत में बड़ी कमी आएगी।"
रियुसेबल लॉन्च वीइकल कैसे काम करता है?
वेंकटेश्वरन ने कहा, "रीयूजेबल लॉन्च व्हीकल टू स्टेज टू ऑर्बिट का एक भाग है। इसमें पहली स्टेज में स्क्रैम जेट रेंम जेट इंजन होगा, जिसमें सॉलिड ईंधन के साथ चलने वाला रॉकेट चाहिए होगा। स्क्रैम जेट रेंम जेट इंजन हवा से आक्सिजन लेने में सक्षम होगा। पुष्पक दूसरी स्टेज को पुरा करेगा, जिसमें यह सही कक्षा में पहुचने के बाद वापस एक विमान की तरह पृथ्वी पर लेंड कर जाएगा।"
क्या इससे दूसरे ग्रहों पर जाना संभव होगा?
वेंकटेश्वरन ने कहा, "पुष्पक यान के इस्तेमाल से हम गृहों तक नहीं जा सकते हैं। लेकिन इसके जरिए उपग्रह स्थापित करने के लिए निचली कक्षा में जाना संभव हो पाएगा। गगनयान की सफलता के बाद भारत जल्द ही एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाएगा, जहां भरतोय अंतरिक्ष यात्रियों को ले जाएगा। पुष्पक में एक व्यक्ति को भी अंतरिक्ष में भेजा जा सकेगा, पुष्पक का मुख्य कार्य अंतरिक्ष में उपग्रह छोड़ने के लिए किया जाएगा।"