नौसेना के सूत्रों के अनुसार, रूस के यांतर शिपयार्ड में बन रहा तेग क्लास का फ्रिगेट अगले तीन से चार महीने में भारतीय नौसेना को मिल जाएगा, इस फ्रिगेट को भारतीय नौसेना की पश्चिमी कमान में तैनात किया जाएगा।
इसके साथ सूत्रों के अनुसार, इसी क्लास का दूसरा फ्रिगेट अगले साल की शुरुआत में नौसेना को मिलेगा। इस क्लास के अगले दो शिप भारत में गोवा शिपयार्ड में बनने शुरू हो गए हैं।
भारत और रूस के बीच अक्टूबर 2018 में तेग क्लास के 2 फ्रिगेट्स का सौदा हुआ था। समझौते के तहत ऐसे दो फ्रिगेट रूस के यांतर शिपयार्ड से बनकर आने हैं। इस समझौते के पहले फ्रिगेट का अभी परीक्षण चल रहा है, जिसे तुशील नाम दिया गया है। नौसेना के सूत्रों ने Sputnik India को बताया कि इसे लेने के लिए नौसेना के अधिकारी जल्द ही रूस के लिए रवाना हो जाएंगे।
इसी से जुड़े दूसरे समझौते में गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ने रूसी कंपनी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट से सौदा किया। इस सौदे के तहत गोवा शिपयार्ड को मेटेरियल, डिज़ाइन और विशेषज्ञों की मदद मिलेगी, जबकि बाकी शिप का निर्माण गोवा शिपयार्ड करेगा।
भारतीय नौसेना में इस क्लास के 6 शिप हैं जो पिछले दो दशक से काम कर रहे हैं। भारतीय नौसेना ने 2003 से इस क्लास के फ्रिगेट्स का इस्तेमाल शुरू किया था।
भारतीय नौसेना के पूर्व अधिकारी कैप्टन डी के शर्मा (रिटायर्ड) के मुताबिक, तलवार क्लास के सभी जहाज़ों के साथ भारतीय नौसेना का अच्छा अनुभव रहा है। पिछले कुछ सालों में खासतौर पर एंटी पायरेसी अभियानों में तलवार क्लास के जहाज़ सक्रिय रहे हैं। इनके सेंसर्स अच्छे हैं और ये हर तरह के अभियान में कारगर साबित हुए हैं।